DELHI ROITS: जकात के पैसों का दंगों में इस्तेमाल…. मीरान ने माना- ‘खुद दंगों का मास्टरमाइंड’!

-दंगों के आरोपी नेता ने किए चौंकाने वाले खुलासे
-कबूलनामाः हैदर ने किया था 5 लाख रूपये का चंदा

ब्यूरो रिपोर्ट/ नई दिल्ली
फरवरी में हुए ‘दिल्ली दंगों में जकात के पैसों का इस्तेमाल हुआ था।’ यह खुलासा खुद दंगों के आरोपी ने किया है। दिल्ली दंगों में गिरफ्तार मिरान हैदर ने जांच के दौरान चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। मीरान हैदर ने पुलिस को दिए बयान में कहा है कि वो जामिया के स्टूडेंट और आरजेडी का युवा प्रदेश अध्यक्ष होने की वजह से दिल्ली ही नहीं बल्कि राजधानी के बाहर भी सक्रिय था।

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मीरान ने खुलासा किया है कि वो खुद दंगे के मास्टरमाइंड लोगों में एक है, जिस पर दिल्ली में चल रहे प्रदर्शन साइट पर लोगों की भीड़ जमा करने की जिम्मेदारी थी। वह खुद साइट पर जा जाकर वहां के इंतजाम पर नजर रखता था। दिल्ली दंगों में गिरफ्तार मीरान हैदर ने कबूल किया है कि दिल्ली में दंगों का प्लान बहुत पहले ही तैयार कर लिया गया था। मीरान हैदर के मुताबिक 15 दिसंबर 2019 को जेसीसी ( जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी) का गठन किया गया था। फिर इसी जेसीसी के नाम से ही व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया। जिस पर आगे की प्लानिंग होने लगी। ग्रुप में एएजेएमआई ( एलुमनाई एसोसिएशन ऑफ जामिया मिलिया इस्लामिया) और कई छात्र संगठन भी इसमें शामिल थे।

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आरोपी मीरान हैदर के कुबूलनामे के मुताबिक शाहीन बाग प्रोटेस्ट में सफलता के बाद आरोपियों ने सोचा था कि अब इसको दिल्ली के और मुस्लिम इलाकों में बढ़ाया जाए। इसके तहत 20 जगहों पर धरने प्रदर्शन की तैयारी की गई थी। यूएपीए में गिरफ्तार मीरान हैदर ने बताया कि दिल्ली में दंगों का प्लान बहुत पहले ही तैयार किया जा चुका था।

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दिल्ली में दंगा करवाने के लिए जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी के साथ पीएफआई के कई सदस्य साथ थे। जिन्होंने दिल्ली में दंगा करवाने के लिए उसे भी रकम दी गई थी। बता दें कि ये वहीं मीरान हैदर है जिसने दंगों से पहले दंगों का रजिस्टर तैयार किया था। ये शख्स मिलने वाले फंड का पूरा लेखा-जोखा एक रजिस्टर में मेंटेन रखता था। किसके पास कहां से कितना पैसा आया है और कितना पैसा किसे दिया गया उसका पूरा हिसाब वो अपने रजिस्टर में रखता था।

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आरोपी मीरान हैदर के मुताबिक दिल्ली में दंगा करवाने के लिए सबसे पहले दिल्ली के नॉर्थ-ईस्ट सीलमपुर और जाफराबाद को ही चुना गया था। क्योंकि मुस्लिम बाहुल्य इलाके में ऐसी गतिविधियां चलाना उन्हे ज्यादा आसान लगा। कबूलनामे के मुताबिक खुद मीरान हैदर ने लोगों से चाकू, पेट्रोल और पत्थर इकठ्टा करने के लिए कहा था।
तीन चरणों में रची गई थी साजिश
आरोपी दिल्ली वालों को, खास तौर पर धर्म विशेष के लोगों को ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाना चाहते थे। इसके लिए दंगों की स्क्रिप्ट को 3 चरणों में बांटा गया था। पहला चरण प्रोटेस्ट का रखा गया था। ताकि उन स्थानों पर ज्यादा से ज्यादा लोगों को इकट्ठा किया जा सके।,दूसरे चरण में रोड ब्लॉक करने की कार्रवाई को शामिल किया गया था। ताकि इससे परेशान होकर लोग खुद ही आक्रामक हो जाएं। आखिरी और तीसरा चरण भयानक दंगों में मार-काट मचाने का था। पुलिसिया जांच में मीरान हैदर ने पूरी साजिश के तारों को परत दर परत उधेड़ कर रख दिया है। उसने यह खुलासा भी किया है कि उसी के कहने पर फंड से मिली रकम के जरिए गैजेट्स खरीदे गए थे।
दंगों के लिए पीएफआई ने की फंडिग
मीरान हैदर ने दंगों के लिए करीब 5 लाख रुपए चंदे के बतौर जमा किए थे। इसके लिए जाफराबाद और सीलमपुर की लोकेशन फाइनल की गई थी। मीरान हैदर ने पुलिस को दिए बयान में बताया की वो पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) के कई लोगों को जानता है। उन्होंने दंगे भड़काने के लिए पैसे दिये थे। उसके मुताबिक इन लोगों में मोहम्मद जाबिर, मसूद अहमद, साजिद मुजिद और केरल के रहने वाले मोहम्मद सिहाद ने भी उसे दंगा करवाने के लिए 20 हजार रुपए भिजवाए थे।
आप नेता रहा है मीरान हैदर
दिल्ली पुलिस को दिए अपने बयान में आरोपी मीरान हैदर ने कहा है कि वह दंगों के पहले से ही जेनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद और खालिद सैफी को जानता है। खालिद सैफी से उसकी मुलाकात 2016 में पंजाब में हुई थी। तब वह पंजाब विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के चुनाव-प्रचार के लिये गया था। मीरान हैदर ने बताया कि वो भी 2014 से 2017 तक आम आदमी पार्टी में था। लेकिन 2017 में आम आदमी पार्टी से निगम पार्षद का टिकट न मिल पाने के कारण, आम आदमी पार्टी छोड़कर आरजेडी में शामिल हो गया था।
रोड ब्लॉक का खालिद कनेक्शन
आरोपी मीरान ने बताया है कि 17 फरवरी को जब उमर खालिद ने महाराष्ट्र के अमरावती में भड़काऊ भाषण दिया था। उसने लोगों से सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरने की अपील की थी। तभी 23 फरवरी को तय योजना के तहत जेसीसी के कहने पर सीलमपुर, जाफराबाद और चांदबाग इलाकों में रोड को ब्लॉक किया जाने लगा और प्रदर्शन शुरू कर दिए गए थे। ताकि दूसरे समुदाय के लोग भी आक्रोशित हों और उनकी दंगे कराने की साजिश कामयाब हो सके।