संस्कृत के क्षेत्र में कारगर है कंप्यूटर संसाधनों के प्रयोग

-दिल्ली विश्वविद्यालय के कमला नेहरू कॉलेज में 15 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
दिल्ली विश्वविद्यालय के कमला नेहरू महाविद्यालय में “संस्कृत के लिए संगकणीय संसाधन और अनुप्रयोग“ विषय पर तीस घंटे के राष्ट्रीय प्रमाण पत्र पाठ्यक्रम का आयोजन जारी है। कार्यक्रम का आयोजन 15 मार्च से 30 मार्च तक किया जा रहा है। संस्कृत विभाग से सहायक प्रोफेसर डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि इस कार्यक्रम में पूरे देश से सैकड़ों प्रतिभागियों ने पंजीकरण करवाया है।

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कमला नेहरू महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. कल्पना भाकुनी के कुशल नेतृत्व में यह पाठ्यक्रम चलाया जा रहा है। डॉ.भाकुनी के अनुसार इस प्रकार के कार्यक्रम संस्कृत तथा संगणक के बीच की दूरी को समाप्त करके नए भारत को तकनीकी रूप से विकसित करने में सहयोग देंगे। देश विदेश के कई वैज्ञानिकों ने प्रमाण दिया है कि संस्कृत भाषा संगणकीय भाषा है।

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जवाहर लाल नेहरू विश्विद्यालय के प्रोफेसर गिरीशनाथ झा, दिल्ली विश्वविद्यालय के डॉ सुभाष चन्द्र, डॉ देवेंद्र सिंह राजपूत तथा कुमारी अंजू, उत्तराखंड के डॉ विवेक कुमार, सी डैक पुणे के डॉ सुधीर मिश्रा तथा अमाज़ॉन के डॉ दिवाकर मिश्रा आदि इस पाठ्यक्रम में प्रतिभागियों को आवश्यक प्रशिक्षण उपलब्ध करवा रहे हैं। कार्यक्रम का संयोजन कमला नेहरू महाविद्यालय में संस्कृत प्रध्यापिका डॉ. सरिता शर्मा ने किया है।

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अमेरिका के प्रोफेसर बलराम सिंह ने कार्यक्रम के लिए अपनी शुभकामनाएं भेजी हैं। इस प्रकार के कार्यक्रम नई शिक्षा नीति के अनुरूप हैं तथा संस्कृत भाषा की अन्य विषयों के साथ संबद्धता को स्थापित करने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। कार्यक्रम की तकनीकी टीम में दिल्ली विश्वविद्यालय के शोधछात्र आरूषि, अंजू, संजू, विवेक, सुमित तथा कमला नेहरू महाविद्यालय की नेहा, रेणु, साक्षी तथा नयनिका हैं। संस्कृत के क्षेत्र में कंप्यूटर संसाधनों के अनुप्रयोग लोगों में काफी रूचि पैदा करेगा।