-सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद नहीं किया गया लोकल शॉपिंग काम्प्लेक्स को डी सीलः राजा इक़वाल
एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली 28 दिसम्बर।
गुरूवार को दिल्ली नगर निगम (MCD) के सदन की बैठक हंगामेदार रही। बीजेपी (BJP) पार्षदों ने दवाई खरीद घोटाले में आप सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज की गिरफ्तारी की मांग उठाई तो सत्ता पक्ष के पार्षदों ने भी हंगामा शुरू कर दिया। हंगाम बढ़ते देख मेयर शैली ओबरॉय ने पक्ष-विपक्ष के पार्षदों को शांत होने के लिए कहा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बाद में मेयर शैली ओबरॉय ने नेता प्रतिपक्ष राजा इकबाल सिंह सहित बीजेपी के 4 पार्षदों को 15 दिन के लिए निलंबित कर दिया।
बाद में प्रेस वार्ता के दौरान राजा इकबाल सिंह ने कहा कि दिल्ली नगर निगम में काबिज़ आम आदमी पार्टी की महापौर मनमानी कर रही है और जनता के हितों से उनको कोई सरोकार नहीं है। दिल्ली नगर निगम में सदन की बैठक में आम आदमी पार्टी के तानाशाही रवैये के कारण हंगामा हुआ और जिसके चलते दिल्ली की महापौर ने नेता विपक्ष एवं तीन अन्य पार्षदों को 15 दिनों के दिये सदन की बैठक से ससपेंड कर दिया है।
नेता विपक्ष ने बताया कि जब सदन की बैठक में उन्होंने मेयर से पूछा कि सुप्रीम कोर्ट की जुड़िशल कमिटी ने सभी सील दुकानों को डी – सील करने के आदेश दिये थे तो उस आदेश के अनुसरण में अब तक कितने लोकल शॉपिंग काम्प्लेक्स को डी सील किया गया गया है। इस प्रश्न का मेयर के पास कोई उत्तर नहीं था। इसके अलावा जब नेता विपक्ष द्वारा सदन में दिल्ली सरकार द्वारा आम जनता को नकली दवाइयाँ देने का मामला सामने लाया और दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज की गिरफ़्तारी की मांग की इससे मेयर साहिबा रुष्ट हो गई और बोखलाहट मे नेता विपक्ष को 15 दिनों के लिए ससपेंड कर दिया।
नेता विपक्ष ने बताया कि मेयर ने विपक्ष पर सदन की बैठक ना चलने देने के आरोप लगाया जोकि बिल्कुल गलत है। उन्होंने कहा सदन की बैठक में आम आदमी पार्टी की कोई रचनात्मक भूमिका नहीं रहती है। उनकी मंशा विपक्ष पर आरोपी लगाकर एजेंडा पास करवाने की ही रहती है। इंद्रपुरी वार्ड में आप पार्षद के पति द्वारा एक निगमकर्मी को बेरहमी से पीटा गया जो बिल्कुल स्वीकार्य नहीं है।
भारतीय जनता पार्टी इस गुंडई का विरोध करती है। श्री राजा इक़बाल ने कहा कि आज की तारीख तक भी निगम कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया गया गया है। आम आदमी पार्टी द्वारा झूठे दावे किये जाते है कि समय पर निगम कर्मचारियों को वेतन दिया जा रहा है जोकि सफ़ेद झूठ से ज़्यादा कुछ नहीं है। बिना स्टैंडिंग कमेटी के एजेंडो को पास किया जा रहा है। ये सभी बातों से पता चलता है कि निगम की आम आदमी सरकार के तानाशाही है और जनता के हितों को भी ताक पर रखकर चलती है।
नेता विपक्ष ने कहा भारतीय जनता पार्टी आम जनता की आवाज़ है और उनके हितों को हम सदन की बैठक में पुरज़ोर उठाते रहेंगे और यह हमारा राजनीतिक दायित्व है। श्री इक़बाल ने कहा कि निगम की बैठक नियम कायदों को ताक पर रखकर चलायी जा रही है जिसे किसी सूरत में सहन नहीं जायेगा। उन्होंने कहा कि सदन की बैठक में पिछले सदन की बैठक के मिनट तक कन्फर्म नहीं किये गए है, ये नियमों की अवहेलना का उदाहरण है। इसके अलावा सदन की बैठक में कोई शॉर्ट नोटिस और आधे घण्टे का प्रश्नावली निर्धारित नहीं थी जोकि सदन की कार्यवाही की धूरी होती है।
उन्होने बताया कि मेयर ने सदन की बैठक के लिए हमारे दिये प्रश्नों को भी अस्वीकृत कर दिया। नेता विपक्ष ने कहा कि स्वयं मेयर साहिबा को इस बात का ज्ञान नहीं था कि सदन की कार्यवाही किस दिशा में होनी है तो बिना एजेंडे के सदन की बैठक क्यों बुलाई गई। उन्होंने कहा कि स्वयं उनको शोक प्रस्ताव पढ़ने से रोका गया जोकि आम आदमी पार्टी की असंवेदनशीलता का परिचायक है। उन्होंने कहा जनता के हितों और उनकी समस्याओं के सम्बन्ध में राजनीति नहीं होनी चाहिए।