इस दिवाली बन रहा राजा, राजकुमार और सेनापति का एक ही राशि में योग

-मन के कारक चंद्रमा के साथ तुला राशि में होगी 4 ग्रहों की युति

आचार्य रामगोपाल शुक्ल/ नई दिल्ली
गुरूवार 4 नवंबर को दीपावली का पर्व धूमधाम के साथ मनाया जायेगा। दिवाली पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। हिंदू धर्म में लक्ष्मी जी को वैभव के साथ सुख-समृद्धि और शांति प्रदान करने वाला माना गया है। लक्ष्मी जी का आशीर्वाद कलियुग में महत्वपूर्ण माना जाता है।

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बता दें कि दीपावली पर्व पर अमावस्या की तिथि गुरूवार 4 नवंबर को सुबह 6 बजकर 3 मिनट से शुरू होकर 5 नवंबर को सुबह 2 बजकर 44 मिनट पर समाप्त होगी। दिवाली पर लक्ष्मी पूजन का मुहूर्त शाम 6 बजकर 9 मिनट से रात 8 बजकर 20 मिनट तक है। लक्ष्मी पूजन की अवधि 1 घंटे 55 मिनट की रहेगी।

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इस साल के दीपावली पर्व पर खास बात यह है कि यह पर्व बहुत ही शुभ योग में मनाया जाएगा। इस दिन तुला राशि में चार ग्रह एक साथ मौजूद रहेंगे। इस दिन एक साथ चार ग्रहों की युति तुला राशि में होगी। जिसकी वजह से दीपावली के पर्व पर अत्यंत शुभ योग बन रहा है। दिवाली के दिन तुला राशि में ग्रहों के राजा सूर्य, ग्रहों के राजकुमार बुध, ग्रहों के सेनापति मंगल और मन के कारक चंद्रमा विराजमान रहेंगे।
गेंदे के फूल और अशोक, आम व केले के पत्तों सजायें संस्थान
हिंदू परिवारों में दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजा के लिए अपने घरों और कार्यालयों को गेंदे के फूलों और अशोक, आम और केले के पत्तों से सजाया जाता है। घर के मुख्य द्वार के दोनों ओर मांगलिक कलश को बिना छिलके वाले नारियल से ढक कर रखना शुभ माना जाता है।
लक्ष्मी पूजन का मुहूर्त
दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजा प्रदोष काल के दौरान की जानी चाहिए। यह समय सूर्यास्त के बाद शुरू हो जाता है और लगभग 2 घंटे 24 मिनट तक चलता है। इस वर्ष लक्ष्मी पूजन के लिए सांय 6ः09 बजे से 8ः20 बजे तक समय शुभ रहेगा।