-विरोध प्रदर्शन कर रहे उत्तरी दिल्ली नगर निगम के कर्मचारियों के वेतन का मामला
-केजरीवाल सरकार के खिलाफ मार्च निकालने सिविक सेंटर पहुंचे थे प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष
-निगम कर्मियों ने जमकर की बीजेपी नेताओं की हूटिंग, नहीं हुए मार्च में शामिल
हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
दिल्ली प्रदेश बीजेपी नेताओं को निगम के कर्मचारियों का समर्थन करना सोमवार को भारी पड़ गया। सिविक सेंटर में धरना-प्रदर्शन कर रहे निगम कर्मियों ने बीजेपी नेताओं और निगम पार्षदों की जमकर हूटिंग की। भारी विरोध और नारेबाजी के चलते प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता को अपना भाषण बीच में ही खत्म कर जल्दबाजी में मार्च शुरू करना पड़ा।
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बता दें कि पिछले उत्तरी दिल्ली नगर निगम के कर्मचारियों को पिछले पांच महीनों से वेतन नहीं मिला है। जिसकी वजह से उनकी आर्थिक हालत खस्ता हो गई है। आर्थिक तंगी झेल रहे निगम कर्मी पिछले कई दिनों से रोजाना दो घंटे की हड़ताल कर रहे हैं। इस दौरान वह सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक सिविक सेंटर और जोन कार्यालयों में धरना दे रहे हैं।
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सोमवार को भी निगमकर्मी सिविक सेंटर में धरने पर बैठे थे। दूसरी ओर दिल्ली बीजेपी ने इस मुद्दे को भुनाने के लिए सोमवार को ही सिविक सेंटर से दिल्ली सचिवालय तक मार्च निकालने की घोषणा कर दी। सोमवार को जैसे ही प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता और तीनों नगर निगमों के नेता सिविक सेंटर पहुंचे और भाषणबाजी शुरू की। वैसे ही निगमकर्मियों ने भी उनका विरोध करना शुरू कर दिया।
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निगम मुख्यालय सिविक सेंटर के प्रवेश द्वा के अंदर पोर्च में कर्मचारी पहले से ही धरने पर बैठे थे। जैसे ही प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने अपना भाषण शुरू किया, धरने पर पहले से बैठे निगम कर्मियों ने भी निगम के नेताओं के खिलाफ हूंटिंग करते हुए जोर-जोर से नारेबाजी शुरू कर दी। इस दौरान पार्षदों की ओर से कर्मचारियों के साउंड सिस्टम को दो बार बंद करने की कोशिश भी की गई। लेकिन कर्मचारियों ने नेताओं के खिलाफ नारेबाजी जारी रखी।
वर्कर्स के आंदोलन के संयोजक एपी खान और उपाध्यक्ष मुकेश शर्मा ने कहा कि हम नगर निगम के कर्मचारी हैं।
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निगम के नेताओं और आला अधिकारियों के ऊपर हमारा वेतन देने की जिम्मेदारी है। अतः हम अपने वेतन को लेकर कोई राजनीति नहीं चाहते। हमारा किसी पार्टी से कोई विरोध नहीं है। ना ही हम किसी पार्टी के मार्च या विरोध प्रदर्शन में शामिल होना चाहते हैं। हमें हमारा वेतन चाहिए और इसके लिए हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि यदि कोई नगर निगम को चला पाने में सक्षम नहीं है तो नगर निगम को भंग कर देना चाहिए। ऐसा पहले भी होता रहा है।
बीजेपी उठाना चाहती है कर्मचारियों के आंदोलन का फायदा
बता दें कि दिल्ली के तीनों नगर निगमों में बीजेपी की सत्ता है। इसलिए निगम के बीजेपी नेताओं और वरिष्ठ अधिकारियों की यह जिम्मेदारी है कि वह कर्मचारियों का वेतन दिलाएं। बीते पांच महीनों से वेतन नहीं मिल पाने की वजह से उत्तरी दिल्ली नगर निगम के कर्मचारी हड़ताल पर हैं। ऐसे में बीजेपी नेता दिल्ली की केजरीवाल सरकार के खिलाफ उनके आंदोलन का राजनीतिक लाभ उठाना चाहते थे। लेकिन कर्मचारियों के विरोध के चलते ऐसा नहीं हो सका। कर्मचारी नेताओं का कहना है कि वह किसी भी पार्टी का मोहरा नहीं बनेंगे।
निगम पर होगा दूरगामी असर
अगले करीब डेढ़ साल में दिल्ली में नगर निगम के चुनाव होने हैं। बीजेपी नेता जिस तरह से निगम के मुद्दों को संभाल पाने में असफल हो रहे हैं, इसका असर आने वाले नगर निगम चुनाव में भी देखने को मिलेगा। सोमवार को निगमकर्मियों द्वारा बीजेपी नेताओं की हूटिंग इसकी शुरूआत बताई जा रही है। इस घटना से आम आदमी पार्टी को निगम में सत्ताधारी बीजेपी पर हावी होने का मौका मिलेगा।