-खेल मंत्रालय से मान्यता नहीं, मालद्वीव होकर आ गया 100 से अधिक खिलाडियों का दल।
-मालद्वीव में आयोजित चैंपियनशिप में टीम इंडिया के नाम से खिलाड़ियों ने की भागीदारी
विजय कुमार/ नई दिल्ली, 23 जुलाई, 2022।
भारत सरकार के खेल मंत्रालय की नाक के नीचे खेल फेडरेशनों ने बड़ा गोरखधंधा चला रखा है। टीम इंडिया के नाम पर खिलाड़ियों को विदेशों में ले जाया जा रहा है। वहां आयोजित होने वाली चैंपियनशिप में खिलाया जाता है और फिर वापस लाया जा रहा है। ऐसा ही एक सनसनीखेज खुलासा हाल ही में हुआ है। फिलहाल 100 से अधिक ऐसे ही खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों का एक दल मालद्वीव होकर भारत वापस भी आ गया है।
हाल ही में एशियन बॉडी बिल्डिंग और फिजिक्स स्पोर्टस फेडरेशन द्वारा मालद्वीव में एक चैंपियरशिप का आयोजन किया गया था। बताया यह जा रहा है कि इस प्रतियोगिता में टीम इंडिया के नाम पर 100 से ज्यादा पुरूष और महिला खिलाडियों ने भाग लिया। जबकि इसमें 26 देशों के कुल 250 खिलाडियों ने विभिन्न जूनियर व सीनियर वर्गो में अपनी-अपनी चुनौती पेश की।
इस चैंपियनशिप में भागीदारी के लिए इंडियन बॉडी बिल्डिंग फेडरेशन द्वारा भारतीय खिलाड़ियों को टीम इंडिया के नाम पर ले जाया गया था। खास बात है कि सरकार से इस तरह की फेडरेशनों को कोई मान्यता ही नहीं दी गई है। मगर देश के नाम पर भारतीय खिलाड़ियों को विदेशों में ले जा रहें है। बतायाय जा रहा है कि इस एसोसिएशन के बैनर तले कोच और खिलाड़ियों के नाम पर कुछ ऐसे लोग भी मालद्वीव गये थे जो सरकारी नौकरी में हैं और इस तरह के पदक मिलने बाद अपने-अपने सरकारी विभागों से प्रमोशन भी लेते आए हैं।
यही नहीं मालद्वीव में आयोजित इस प्रतियोगिता में कुछ स्पर्धा के वजन तो ऐसे थे जिसके पहले 5 स्थानों पर केवल और केवल भारतीय खिलाडी ही थे। वहीं अधिक भारतीय होने के कारण प्रतियोगिता की ओवरऑल टृफी भी भारत के ही पक्ष में रही। लेकिन जब सरकार से मान्यता को लेकर इस संबंध में दिल्ली-मुबंई की एसोसिएशन के पदाधिकारियों से बात की गई तो वह केवल यह कहते रहे कि हमें सरकार ने अभी तक मान्यता देने से बाहर नहीं किया है। लेकिन क्या उनकी मान्यता है? इस पर वह चुप्पी साधे रहे, तथा इधर-उधर की बातें करते रहे।
ऐसे में सवाल उठता है कि 100 से अधिक लोगां का यह दल किस आधार पर भारतीय टीम के नाम से मालद्वीव में जाकर कैसे चैंपियनशिप में उतर गया। इसको लेकर खेल मंत्रालय को कम से कम जांच तो करनी चाहिए। वरना इस तरह का धोखा खिलाडियों के साथ होता रहेगा और वह ठगे जाते रहेंगे। इसको जल्द रोका जाना चाहिए।
खिलाड़ियों के साथ हो रहा धोखा
इस तरह की प्रतियोगिताओं के आयोजन के नाम पर सीधे तौर पर खिलाड़ियों के साथ धोखा किया जा रहा है। सरकार से मान्यता प्राप्त नहीं होने के बावजूद इस तरह की फेडरेशनें खिलाड़ियों से धन-वसूली में जुटी हैं। इस तरह की बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिताओं में अव्वल आने के बावजूद भी इन खिलाड़ियों को सरकार की ओर से कोई प्रोत्साहन नहीं मिल पाता है, क्योंकि भारत सरकार ने इस तरह की प्रतियोगिताओं और फेडरेशन को अभी तक अपनी खेल नीति में शामिल ही नहीं किया है।