-नहीं होगी धन-धान्य की कमी
रविवार 25 जुलाई से श्रावण मास यानी कि सावन का महीना शुरू हो रहा है। माना जाता है कि सावन मास के पहले दिन शिवजी के पवित्र प्रतीकों या शुभ सामग्री घर में लाने से विभिन्न समस्याओं, संकट और मुश्किलों से मुक्ति मिलती है। इसके साथ इस महीने में चार सोमवार और चार मंगलवार पड़ रहे हैं। सोमवार के दिन जहां व्रत रखकर भगवान शिव की पूजा की जाती है। इसी तरह सावन के महीने में मंगलवार के दिन माता गौरी यानी कि मंगला गौरी की पूजा की जाती है। सावन के महीने में अमावस्या और पूर्णिमा के दिन मोक्ष दायिनी गंगा के साथ ही विभिन्न नदियों के पवित्र जल में डुबकी लगाये जाने का भी विशेष महत्व है। सावन मास की अमावस्या या श्रावण अमावस्या रविवार 8 अगस्त 2021 को पड़ रही है, वहीं सावन मास की पूर्णिमा या श्रावण पूर्णिमा रविववार 22 अगस्त 2021 को पड़ रही है। यहां हम आपको सावन के महीने की शुरूआत यानी के पहले दिन भोलेनाथ के प्रतीकों को घर में लाने के बारे में बतायेंगे।
त्रिसूलः सनातन धर्म और सनातन संस्कृति में त्रिशूल का बहुत महत्व बताया गया है। त्रिशूल शिव के हाथों में हमेशा होता है। यह 3 देव और 3 लोक का प्रतीक है। अतः सावन मास के प्रथम दिन चांदी का त्रिशूल लाने से वर्ष भर आपदाओं से रक्षा होती है।
रुद्राक्षः सुख, सौभाग्य और समृद्धि के लिए तथा मन की पवित्रता के लिए असली रुद्राक्ष को घर में लाएं या फिर घर में रखे रुद्राक्ष को चांदी में गढ़वा कर पहनें। यह आपके जीवन के लिए अत्यंत शुभ और समृद्धिदायक होता है।
डमरूः यह शिव का पवित्र वाद्य यंत्र है। इसकी पवित्र ध्वनि से आसपास से समस्त नकारात्मक शक्तियां दूर भागती हैं। आरोग्य के लिए भी डमरू की ध्वनि असरकारक मानी गई है। सावन मास के प्रथम दिन लाकर रखें और अंतिम दिन किसी बच्चे को यह डमरू उपहार में भेंट करें।
चांदी के नंदीः नंदी शिव जी का गण भी है और वाहन भी। सावन मास के पहले दिन चांदी के नंदी को घर में लाकर माह भर पूजा करें तो यह आर्थिक संकटों से मुक्ति दिलाता है।
जल पात्रः जल शिव जी को अत्यंत प्रिय है। आप चाहे तो सावन मास के प्रथम दिन गंगाजल लाकर घर में रखें और माह भर पूजन करें लेकिन अगर यह संभव नहीं है तो आप चांदी, तांबे या पीतल का पात्र लाकर उसमें शुद्ध स्वच्छ निर्मल जल भरें और प्रतिदिन उससे शिवजी को जल अर्पित कर पुनः भरकर रख दें। यह प्रयोग भी धन के आगमन के लिए सबसे अधिक प्रभावी है।
सर्पः भगवान शिव के गले में सर्पराज हर समय रहते हैं। अतः सावन महीने के प्रथम दिन चांदी के नाग-नागिन के जोड़े को घर में लाकर रखें, हर दिन पूजन करें और सावन के अंतिम दिन उसे किसी शिव मंदिर में ले जाकर रख दें। यह प्रयोग आपको पितृ दोष और काल सर्प योग में राहत देता है।
चांदी की डिब्बी में भस्मः किसी भी शिव मंदिर से भस्म लाकर उसे नई चांदी की डिब्बी में लाकर रखें, माह भर उसे पूजन में शामिल करें और बाद में तिजोरी में रख दें। आर्थिक समृद्धि के लिए यह अचूक प्रयोग है।
चांदी का कड़ाः भगवान शिव पैरों में चांदी का कड़ा धारण करते हैं। सावन मास के पहले दिन यह लाकर रखने से तीर्थ यात्रा और विदेश यात्रा के शुभ योग बनते हैं।
चंद्र या मोतीः भगवान शिव के मस्तक पर चंद्रमा विराजमान हैं। अतः सावन मास के प्रथम दिन चांदी के चंद्र देव लाकर पूजन में रखें अगर संभव हो तो सच्चा मोती भी ला सकते हैं। मोती चंद्र ग्रह की शांति करता है। इसे करने से चंद्र ग्रह की शांति तो होती ही है साथ ही व्यक्ति मानसिक रूप से भी मजबूत होता है। चाहे तो चंद्रमा और मोती का साथ में पेंडेट धारण कर सकते हैं।
चांदी के बेल पत्रः पूरे सावन माह में शिव जी को बिल्व पत्र अर्पित करते हैं। लेकिन कई बार शुद्ध अखंडित बिल्वपत्र मिलना संभव नहीं होता। ऐसे में चांदी का महीन बिल्वपत्र लाकर प्रतिदिन शिव जी को अर्पित करने से करोड़ों पापों का नाश होता है और घर में शुभ कार्यों का संयोग बनता है।
(यह आलेख भारतीय सनातन परंपरा एवं ज्योतिषीय सिद्धांतों पर आधारित है और जनरूचि को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। इसके लिए कोई विशेष दावा नहीं है। अपने समाचार, लेख एवं विज्ञापन छपवाने हेतु संपर्क करेंः- ईमेलः newsa2z786@gmail.com मोबाइलः 7982558960)