‘मौत के सौदागरों’ ने जनवरी में ही दंगों के लिए इकट्ठे कर लिए थे गोला-बारूद

-पूरी दिल्ली को दंगों की आग में झोंकने की तैयारी में थे ‘मौत के सौदागर’
-ताहिर हुसैन के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने दाखिल की एक और चार्जशीट

टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
मौत के सौदागरों ने फरवरी में हुए दिल्ली दंगों की साजिश जनवरी महीने में ही रच ली थी। आतताईयों ने जनवरी से ही हथियार, गोली-बारूद, तेजाब बम, पेट्रोल बम इकट्ठा करना शुरू कर दिया था। इनसानियत के दुश्मन इन हैवानों ने विशेष तौर लोगे के बड़े-बड़े गुलेल तैयार करवाकर कुछ विशेष इमारतों पर लगवा दिए थे। ताकि बड़े स्तर पर एक समुदाय विशेष के लोगों का नरसंहार किया जा सके। यह खुलासा दिल्ली पुलिस की क्राम ब्रांच ने अपनी नई चार्जशीट में किया है।

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दिल्ली पुलिस ने यह चार्जशीट सोमवार को कोर्ट में पेश की। इसके मुताबिक आम आदमी पार्टी के निगम पार्षद ताहिर हुसैन (गिरफ्तारी के बाद से निलंबित) ने जनवरी में एक स्थानीय व्यक्ति को ‘बड़े दंगे’ की तैयारी के लिए पैसे दिए थे। फरवरी महीने में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए भीषण सांप्रदायिक दंगों के मामले में ताहिर हुसैन को गिरफ्तार किया जा चुका है।

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दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट राकेश कुमार रामपुरी की अदालत में सोमवार को फरवरी में एक स्थानीय निवासी की हत्या की कोशिश से जुड़े मामले में आरोप पत्र दाखिल किया है। यह आरोप पत्र ताहिर हुसैन, उसके भाई शाह आलम, गुलफाम और तनवरी सहित आठ लोगों के खिलाफ दायर किया गया है। चार्जशीट में कहा गया है कि जांच के दौरान गुलफाम ने बताया है कि उसने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हुए प्रदर्शनों में सक्रिय भागीदारी की थी।

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ताहिर ने की थी ’बड़े कत्लेआम’ की तैयारी
पुलिस ने चार्जशीट में दावा किया है कि जनवरी महीने में ताहिर हुसैन ने गुलफाम को ‘बड़े दंगों’ की तैयारी करने के लिए कहा था। ताहिर ने उसे नये हथियार खरीदने के लिए 15 हजार रुपये भी दिए थे। इसी के मुताबिक 31 जनवरी को उसने 100 गोलियां खरीदी थीं। हालांकि उसके पास पहले से भी 100 गोलियां मौजूद थीं। पुलिस ने आरोप पत्र में यह भी कहा है कि दंगों के दौरान इन 200 गोलियों में से ज्यादातर गुलफाम ने चलाई थीं। दिल्ली पुलिस को 200 में से उसके पास से केवल सात कारतूस ही बरामद हुए हैं।

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एक मजहब के खिलाफ रचा गया था भयानक षडयंत्र
पुलिस ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि बड़े दंगे’ की तैयारी, गोली-बारूद की खरीदारी और ताहिर के घर से अंधाधुंध गोलीबारी से साफ पता चल जाता है कि भयानक षड्यंत्र रचा गया था। फिलहाल दंगों के सभी आरोपी जेल में हैं और उन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या के प्रयास), 120- बी (आपराधिक षड्यंत्र रचना) और 34 (अपराध को अंजाम देने की मंशा) के तहत मामला दर्ज किया गया है। इन दाराओं के तहत मौत के सौदागरों को अधिकतम आजीवन कारावास की सजा हो सकती है।

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अजय गोस्वामी मामले में दर्ज किया मामला
क्राइम ब्रांच द्वारा दाखिल आरोप पत्र में कहा गया है कि इस मामले में अन्य आरोपियों की पहचान के लिए जांच की जा रही है। यह मामला अजय गोस्वामी की शिकायत पर दर्ज किया गया था। जिन्हें दंगाईयों ने 25 फरवरी गोली मारी थी। अजय ने गुलफाम और तनवीर को मुख्य आरोपी बताया है। गोस्वामी ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि दोनों आरोपी ताहिर हुसैन की छत से अंधाधुंध गोलीबारी कर रहे थे। बता दें कि ताहिर हुसैन को दो अन्य मामलों में भी आरोपी बनाया गया है। जिनमें दंगों के दौरान आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या का मामला भी शामिल है।