मुख्यमंत्री आवास पर धरना देंगे निगम के नेता

-दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने की दिल्ली सरकार से फंड की मांग
-दिल्ली सरकार की मनमानी नहीं करेंगे बर्दाश्तः महापौर अनामिका

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
नगर निगम के फंड को लेकर एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी के नेता केजरीवाल सरकार पर हमलावर हुए हैं। दक्षिणी दिल्ली की महापौर अनामिका ने कहा है कि दिल्ली सरकार द्वारा मनमाने तरीके से फंड आवंटन और फिर समय पर उसे जारी न करना कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि 15 दिन में फंड जारी नहीं किया गया तो दक्षिणी नगर निगम के नेता मुख्यमंत्री आवास पर धरना प्रदर्शन करेंगे। अनामिका ने कहा कि दिल्ली सरकार की यह मंशा है कि 2022 के निगम चुनावों से पहले नगर निगम को निष्क्रिय बना दिया जाए। उन्होंने कहा कि दक्षिणी निगम सीमित संसाधनों और वित्तीय बाधाओं के अभाव में भी उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल कर रही है। दिल्ली सरकार पर आरोप लगाते हुए महापौर अनामिका ने कहा कि दिल्ली सरकार तीसरे वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार द.दि.न.नि को अनुदान स्वीकृत करती है।

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तीसरे वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुरूप 2011 तक फंड का आवंटन किया जाना था। लेकिन चौथे वित्त आयोग की सिफारिशों को लागू नहीं किये जाने के कारण दिल्ली सरकार ने तीसरे वित्त आयोग के अनुसार फंड का आवंटन जारी रखा। यह स्वाभाविक न्याय के सिद्धांतों के विपरीत है कि 439.60 करोड़ रु के वर्तमान वित्तीय वर्ष के परिव्यय के बावजूद दिल्ली सरकार ने पांचवे वित्त आयोग की सिफारिशे 1 अप्रैल 2016 की पूर्व तिथि से लागू कर निगम से 275.46 करोड़ रुपए वापिस वसूल कर लिए हैं।

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महापौर ने कहा कि दिल्ली सरकार ने पिछले तीन वर्ष में लगातार गैर योजनागत और योजनागत को मिलाकर वास्तवित प्राप्तियां लगातार कम हो रही है। यह राशि 2017-18 में 1628.09 करोड़ रु 2018-19 में 927.89 करोड़ और 2019-20 में मात्र 741.44 करोड़ रु थी। उन्होंने द.दि.न.नि के साथ सौतेला व्यवहार किये जाने पर आश्चर्य व्यक्त किया। ऐसा लगता है कि जनता के फायदे के लिए पिछले तीन वर्ष में द.दि.न.नि द्वारा किये गए अच्छे कार्य का यह नतीजा है।

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स्थाई समिति अध्यक्ष राजदत्त गहलोत ने कहा कि 5वें वित्त आयोग ने दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के लिए बहुत अधिक फंड की सिफारिश की थी। लेकिन दिल्ली सरकार ने इसे आंशिक स्वीकारते हुए इसमें भारी कटौती की। 5वें वित्त आयोग में योजनागत राशि में निगम के लिए 1555.70 करोड़ की सिफारिश की गई थी।
परंतु दिल्ली सरकार ने 617.70 करोड़ का ही फंड आवंटित किया। उन्होंने बताया कि इस वित्त वर्ष दिल्ली सरकार की ओर से दिल्ली में साफ-सफाई को सदृढ़ करने के लिए कोई भी फंड जारी नहीं किया गया है। निगम की मुख्य जिम्मेदारी साफ-सफाई है और इसके लिए दिल्ली सरकार फंड जारी न करना यह दर्शाता है कि दिल्ली सरकार नहीं चाहती है कि देश की राजधानी साफ-सुथरी हो।
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में नेता सदन नरेंद्र चावला ने कहा कि दिल्ली सरकार पिछले 5 वर्षों से पर्याप्त फंड जारी न करके पंगु बनाने का प्रयास कर रही है। भाजपा के सारे पार्षद इस सौतेले व्यवहार के विरुद्ध पुरज़ोर विरोध करेंगे और अगले महीने की 10 तारीख से मुख्यमंत्री आवास पर फंड न मिलने तक धरना-प्रदर्शन करते रहेंगे।
स्थायी समिति की उपाध्यक्षा तुलसी जोशी ने कहा कि दिल्ली के सभी निगम जलजनित बीमारियों के नियंत्रण के लिए हर वर्ष अनेकों अभियान चलाता है जिसके लिए फंड की आवश्यकता होती है। दक्षिणी निगम मच्छरजनित बीमारियों के नियंत्रण के लिए दक्षिणी दिल्ली नगर निगम 100.00 करोड़ रुपए प्रत्येक वर्ष खर्च करता है परंतु दिल्ली सरकार केवल 36.00 करोड़ रुपए देती है और डीबीसी कर्मचारियों के वेतन भुगतान के लिए भी पैसे नहीं दे रही है।