प्रॉपर्टीज को नीलाम कर कर्मियों को वेतन देने का मामलाः आप ने उठाई नगर निगम को भंग कर बीजेपी को बर्खास्त करने की मांग

-’भाजपा को एमसीडी से बर्खास्त कर अब नए चुनाव होने चाहिए, एक नई सरकार होनी चाहिएः दुर्गेश पाठक
-’कांग्रेस और भाजपा के कई नेताओं का यही मानना है कि भाजपा ने एमसीडी का पूरा भट्टा बिठा दियाः प्रेम चौहान
-’कर्मचारियों को वेतन, बच्चों को किताबें, स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर दिल्ली की भाजपा पूरी तरह फ्लॉपः विकास गोयल’
-’एमसीडी के कामों को निजी कंपनियों के हाथों में पहले से ही सोंप रही भाजपाः मनोज त्यागी’

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
आम आदमी पार्टी ने तीनों नगर निगमों से बीजेपी को बर्खास्त कर नये सिरे से चुनाव कराने की मांग की है। आप के वरिष्ठ नेता व एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा कि अब यह नौबत आ गई है कि हाई कोर्ट एमसीडी की प्रॉपर्टीज नीलाम करके एमसीडी के कर्मचारियों को तनख्वाह देगी। दिल्ली की भाजपा ने अपने 15 सालों के कार्यकाल में एमसीडी को इतना लूटा है कि आज कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पैसे नही हैं। जिसके कारण कोर्ट को मजबूरन ऐसा कड़ा फैसला लेना पड़ा। आप नेता ने कहा कि यह इसका कोई स्थायी समाधान नहीं होगा क्योंकि कुछ वक्त के बाद सारी प्रॉपर्टी बिक जाएगी उसके बाद कर्मचारियों को किस प्रकार वेतन दिया जायेगा? इसका स्थायी समाधान यह है कि इस एमसीडी को भंग कर दिया जाए। भारतीय जनता पार्टी को एमसीडी से बर्खास्त कर दिया जाए। प्रेस वार्ता में मौजूद तीनों एमसीडी के आप नेता प्रतिपक्ष, प्रेम चौहान, विकास गोयल और मनोज त्यागी ने एमसीडी के अपने-अपने क्षेत्र की समस्याओं को उजाकर किया और कहा कि दिल्ली भाजपा के भ्रष्टाचार से परेशान खुद भाजपा के कई पार्षद और कांग्रेस के कई नेताओं का मानना है कि भाजपा को एमसीडी से बर्खास्त कर नए चुनाव होने चाहिए।

यह भी पढ़ेंः- AAP और BJP की सियासत के बीच दांव पर दिल्ली के व्यापारी!

आम आदमी पार्टी के एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने मंगलवार को प्रेस वार्ता को संबोधित किया। दुर्गेश पाठक ने कहा कि कल दिल्ली हाई कोर्ट ने भारतीय जनता पार्टी की एमसीडी को लेकर एक बहुत ही कड़ा फैसला सुनाया है। पिछले 15 सालों से भारतीय जनता पार्टी एमसीडी में शासित है और यह फैसला उनके 15 साल के कार्यकाल को देखते हुए लिया गया है। कितना दुर्भाग्यपूर्ण होगा कि कोई पार्टी पिछले 15 साल से एक सरकार चला रही हो, एमसीडी चला रही हो लेकिन अपने कर्मचारियों को वेतन न दे रही हो। मुझे लगता है कि ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति कभी कहीं नहीं हो सकती है। कल हाई कोर्ट ने बहुत कड़ा फैसला लेते हुए यह कहा कि वेतन लेना कर्मचारियों का हक है। इससे पहले उन्होंने कहा था कि चाहे जैसे पैसा लेकर आइए लेकिन कर्मचारियों को वेतन दीजिए। कल की तारीख में कोर्ट ने यह कहा कि कर्मचारियों को वेतन देना उनका मूल अधिकार है, आप इसे छीन नहीं सकते हैं। मुझे लगता है कि इतना बड़ा फैसला इन दिनों में शायद ही किसी कोर्ट ने सुनाया होगा।

यह भी पढ़ेंः- चिकित्सा के ईसाईकरण पर IMA अध्यक्ष की कोर्ट में पेशी!

कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए आप नेता ने कहा कि कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है कि एमसीडी अपनी प्रॉपर्टीज की कॉपी कोर्ट के पास जमा करेगी। अब कोर्ट उन प्रॉपर्टीज को नीलाम करके कर्मचारियों को वेतन देगी। मुझे नहीं लगता है कि इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति किसी भी संगठन या सरकार के लिए हो सकती है। यह तो शर्म से डूब मरने वाली स्थिति है। आज बीजेपी के नेताओं के भ्रष्टाचार की कीमत दिल्ली के एमसीडी के कर्मचारी भोग रहे हैं। आज दिल्ली के कर्मचारी दर-दर भटक रहे हैं। उनकी स्थिति खराब है जिसका एक ही कारण है कि भारतीय जनता पार्टी के नेता भ्रष्ट हैं और एमसीडी को ठीक से चला नहीं पा रहे हैं। एमसीडी को लूटने में लगे हैं लेकिन जैसे मैंने कहा कि यह बहुत ही पीड़ा का भी वाक्य है कि एमसीडी की प्रॉपर्टीज को बेचकर एमसीडी के कर्मचारियों को तनख्वाह दी जाएगी।

यह भी पढ़ेंः- अब 16 जून को होगा पूर्वी दिल्ली, उत्तरी व दक्षिणी दिल्ली के महापौर का चुनाव

उन्होंने कहा कि प्रॉपर्टीज तो कुछ ही हैं, आखिर उन्हें कितनी बार बेचेंगे? एक बार बेचेंगे, दो बार बेचेंगे, तीन बार बेचेंगे! इस प्रकार दो-चार साल में एमसीडी की सभी प्रॉपर्टीज बिक जाएंगी लेकिन यह इसका कोई स्थायी समाधान नहीं होगा। इसका स्थायी समाधान यह है कि इस एमसीडी को भंग कर दिया जाए। भारतीय जनता पार्टी को एमसीडी से बर्खास्त कर दिया जाए। यही इसका स्थायी समाधान है। आम आदमी पार्टी पूरी जिम्मेदारी से यह मांग करती है कि एमसीडी को बंद किया जाए और नए चुनाव हो। दिल्ली की जनता एमसीडी में एक नई सरकार भेजे। वही सरकार इस समस्या का निर्माण कर सकती है। भारतीय जनता पार्टी के भ्रष्ट नेता अगले 8 से 9 महीने में इस एमसीडी को और लूटेंगे और बेचने में लग जाएंगे। उन्होंने प्रॉपर्टीज पहले ही बेचनी शुरू कर दी है, तनख्वाह पहले से खाना शुरु कर दिया है और सफाई पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है।
आप नेता ने कहा कि आज एमसीडी का एक-एक कोना एक-एक विभाग बिकने की तैयारी में है। इनको 8 से 9 महीने का मौका नहीं मिलना चाहिए। इस एमसीडी को बर्खास्त कर देना चाहिए। इस एमसीडी को खत्म कर देना चाहिए और एक नया चुनाव होना चाहिए। उस चुनाव में दिल्ली की जनता तय करेगी कि एमसीडी को किसके हाथ में देना है। हमारे साथ एमसीडी के तीनों विपक्ष नेता मौजूद हैं। मैं चाहूंगा कि वे अपनी एमसीडी के क्षेत्र में जो भी समस्याएं हैं उसके बारे में बताएं।

यह भी पढ़ेंः- EAST DELHI: ‘महापौर को कुछ मालूम नहीं, स्टेंडिंग चेयरमैन फोन नहीं उठाते’, ऐसे चल रहा ‘सेवा ही संगठन’

साउथ एमसीडी के आप नेता प्रतिपक्ष प्रेम चौहान ने कहा कि मैं साउथ एमसीडी का नेता प्रतिपक्ष होने के नाते और एक वार्ड में पार्षद भी हूं, हमलोग कोरोना के इस दौर में अपने- अपने क्षेत्र में बखूभी काम कर रहे हैं। फिर चाहे दिल्ली को सैनिटाइज करना हो, सफाई की बात हो या किसी भी प्रकार की व्यवस्था हो। आप सबको भी ज्ञात होगा कि भाजपा के मेयर, स्टैंडिंग कमेटी से लेकर इनके जितने भी पार्षद हैं, वह सारे गायब थे। हम पहले से देखते आ रहे हैं कि शिक्षा प्राथमिक है, जिसमें यह पहले ही फेल हैं, बार-बार कोर्ट से फटकार मिलती है। मेरे जो साथी हैं, कांग्रेस के हों या बीजेपी के पार्षद हों, जब चर्चा होती है तो यह लोग भी मानते हैं कि भाजपा ने एमसीडी का पूरा भट्टा बिठा दिया है। भ्रष्टाचार बढ़ा दिया है। सभी का मानना है कि एमसीडी को बंद कर देना चाहिए क्योंकि यह जो आखरी का समय बचा है, यह भ्रष्टाचार का पीक समय है। यह लोग छटपटा रहे हैं कि भ्रष्टाचार को और कैसे बढ़ाया जाए। अगर इन्हें यह मौका मिला तो जो बची-कुची एमसीडी है उसका भी भट्टा बिठा देंगे। मैं पूरी जिम्मेदारी से साउथ एमसीडी का नेता प्रतिपक्ष होने के नाते यह मांग करता हूं कि एमसीडी को बंद कर देना चाहिए और नए चुनाव कराना चाहिए।
नॉर्थ एमसीडी के आप नेता प्रतिपक्ष विकास गोयल ने कहा कि 15 साल से भारतीय जनता पार्टी ने एमसीडी को इस स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया है कि कर्मचारियों को तनख्वाह नहीं मिल पा रही है। जो कर्मचारी रिटायर हो चुके हैं उन्हें पेंशन नहीं मिल रही है। जब कोई कर्मचारी रिटायर होता है उसको जो भी पैसा मिलना चाहिए, वह पैसा उसे 5-10 सालों में तक नहीं मिल पा रहा है। उन्हें जो इलाज मिलना चाहिए, इलाज नहीं मिल रहा है। यहां तक कि स्कूल में बच्चों को किताबें नहीं मिल पा रही हैं। अब डेंगू का सीजन चल रहा है, डेंगू की दवा का छिड़काव होना चाहिए तो वह भी नहीं हो रहा है। जो ठेकेदार एमसीडी में काम करते हैं उन्हें 6 साल से सैलरी नहीं मिल रही है। इस स्थिति के साथ आज भारतीय जनता पार्टी ने एमसीडी का दिवालिया कर दिया है। पिछले एक साल में हाईकोर्ट की भारतीय जनता पार्टी को कई बार डांट पड़ चुकी है जिसके बारे में हमने प्रेस वार्ता के माध्यम से आपको बताया भी है। अब जाते-जाते भारतीय जनता पार्टी की नियत दिख रही है कि को बची कुची प्रॉपर्टी है उसे भी बेच दिया जाए। मेरी जब भी किसी पार्षद से बात होती है, अधिकारियों से बात होती है तो सभी का एक ही मानना है कि भाजपा एमसीडी नहीं चला सकती है। यह जो नेता सत्ता में बैठे हैं इनको भ्रष्टाचार की ऐसी लत लग चुकी है कि पूरी एमसीडी में भ्रष्टाचार को कैंसर कि तरह फ़ैला दिया है। यदि एमसीडी को अच्छे से चलाना है तो एमसीडी को तुरंत बर्खास्त करना ज़रूरी है और नए चुनाव कराए जाएं।
ईस्ट एमसीडी के आप नेता प्रतिपक्ष मनोज त्यागी ने एमसीडी में भाजपा के शासन की पोल खोलते हुए कहा कि मैं ईस्ट एमसीडी से नेता प्रतिपक्ष और खजूरी खास वार्ड से पार्षद भी हूं। यदि हम सफाई व्यवस्था की या ठेकेदारी की बात करें तो भारतीय जनता पार्टी ने पिछले चार-पांच सालों के अंदर, हम अपने कार्यकाल के समय से देख रहे हैं कि लगातार सभी काम जो नगर निगम के थे उन्हें प्राइवेट हाथों में दे दिया है। इन्होंने ठेकेदारी व्यवस्था को बढ़ावा दिया है। एक तरफ यह कर्मचारियों की तनख्वाह नहीं दे पाते हैं। दूसरी तरफ यह ठेकेदारों को मोटे-मोटे रकम में बड़े-बड़े टेंडर देते हैं। जो काम नगर निगम खुद किया करता था, कूड़ा उठाने का काम वह काम भी इन्होंने एक प्राइवेट कंपनी को दे दिया है। मैं यह मानता हूं कि इनकी सोच निजी कंपनियों को बढ़ावा देने की सोच है। कोरोना काल में स्वामी दयानंद अस्पताल, जिसे कोरोना वार्ड बनाया गया था, चाहे स्वास्थ्य समिति के चेयरमैन हों या स्टैंडिंग कमिटी चेयरमैन हो या मयोर हों, किसी ने भी उसका दौरा नहीं किया। जो कोविड श्मशानघाट बनाए थे वहां पर जिन कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई उनके स्वास्थ्य की अनदेखी करते हुए उनकी ड्यूटी लगाई लगा दी गई। किसी को भी अपना बचाव करने के लिए न तो सैनिटाइजर दिया गया न मास्क दिया गया। ऐसे समय में जब हमने वहां का दौरा किया तो बहुत सारी कोताही देखने को मिली कि किस तरह से नगर निगम में रहकर भारतीय जनता पार्टी नियमों की अनदेखी कर रही है और कर्मचारियों को मौत के मुंह में धक्का देने का काम कर रही है।
मनोज त्यागी ने कहा कि एक तरफ उनसे बहुत ज्यादा काम लेना और दूसरी तरफ उनकी देखभाल न करना यह बहुत ही गैर जिम्मेदाराना हरकत है। ऐसे ही कोरोना के समय में मेयर ने वाईफाई जैसे टेंडर को अप्रूवल दे दिया यह अपने आप में दिखाता है कि यह कितना असंवेदनशील है। ऐसी किसी भी सरकार को चाहे वह नगर निगम की हो या कोई भी सरकार हो उसे तुरंत प्रभाव से बर्खास्त कर देना चाहिए। यह हमारी मांग है और पूरी दिल्ली नगर निगम के तमाम पार्षद और जो समाज कल्याण की भावना रखते हैं फिर चाहे वे भाजपा से ही क्यों न हों, सभी परेशान हैं। और जनता खुद चाहती है कि किसी भी तरह से भारतीय जनता पार्टी एमसीडी में नहीं रहना चाहिए। तो हमारी आप के माध्यम से यह मांग हैं इस नगर निगम को तुरंत बर्खास्त कर नए चुनाव किए जाएं।
आप नेता दुर्गेश पाठक ने आगे कहा कि पिछले 15 सालों में भारतीय जनता पार्टी पूरी तरह से फ्लॉप हो चुकी है। आज भारतीय जनता पार्टी एक संवेदनहीन, भ्रष्ट और बहुत ही अलोकप्रिय सरकार चला रही है। एमसीडी के अंदर जैसे कि आपने हमारे तीनों नेता प्रतिपक्षों को सुना, लगभग पूरी दिल्ली की यही भावना है कि इस एमसीडी को खत्म किया जाए क्योंकि दिल्लीवाले से इससे परेशान हो चुके हैं। कोरोना काल में उन्होंने सफाई नहीं की, कर्मचारियों को तनख्वाह नहीं दी, कर्मचारी हड़ताल पर चले जाते हैं इसलिए पूरी की पूरी सरकार को उखाड़ कर फेंक देना चाहिए। इस पूरी सरकार को बर्खास्त कर देना चाहिए। इस पूरी एमसीडी में भारतीय जनता पार्टी के शासन का कोई मतलब नहीं है इन्हें पूरी तरह से बर्खास्त कर देना चाहिए।