राज निवास के पास बिल्डर माफिया का राज

-सिविल लाइंस इलाके में जोरों पर अवैध निर्माण
-शिकायत के बावजूद नहीं हो रही कोई कार्रवाई

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
राजधानी दिल्ली अवैध निर्माणों का अड्डा बनकर रह गई है। लाख कोशिशों के बावजूद पुरानी दिल्ली और पॉश इलाकों में अवैध निर्माण धड़ल्ले से जारी है। ऐसा ही एक मामला उपराज्यपाल निवास यानी राज निवास के पास सामने आया है। इस अवैध निर्माण की वजह से खुद राज निवास की सुरक्षा व्यवस्था को भी खतरा हो सकता है। मामले की शिकायत नगर निगम के आला अधिकारियों के साथ ही मॉनिटरिंग कमेटी को भी की गई है।

यह भी पढ़ें- CITY & SP ZONE: तीन बड़े नेताओं का इलाका बना अवैध निर्माण का अड्डा

प्राप्त जानकारी के मुताबिक सिविल लाइंस के क्लब रोड स्थित संपत्ति संख्या 2-ए में अवैध निर्माण धड़ल्ले से जारी है। यह संपत्ति शाह ऑडिटोरियम से एक दम नजदीक में है। 29 नवंबर 2014 को हुई सेल डीड के मुताबिक यह प्लाट कुल 735.856 वर्ग मीटर का है। उस समय इस प्लॉट पर कुल 222.986 वर्ग मीटर में निर्माण किया गया था। इसके पश्चात वर्तमान में इस पलॉट पर धड़ल्ले से अवैध निर्माण जारी है और अब तक करीब 3 हजार वर्ग मीटर अवैध निर्माण हो चुका है। यानी कि 222.986 वर्ग मीटर के मुकाबले करीब 15 गुना अवैध निर्माण किया जा चुका है।

यह भी पढ़ें- DELHI BJP: उम्रदराज मंडल अध्यक्षों को बदलने की तैयारी!

इसी तरह इस पॉश इलाके में राजनिवास रोड पर ही एक और संपत्ति संख्या 6/1 पर भी अवैध निर्माण किया जा रहा है। 26 अगस्त, 2016 को बनी सेल डीड के मुताबिक उस समय 334.85 वर्ग मीटर के प्लॉट पर 433.85 वर्ग मीटर का निर्माण किया गया था। लेकिन इसके बाद वर्तमान में इस प्लॉट पर अवैध निर्माण कार्य तेजी से जारी है। इस संपत्ति पर अब तक करीब 1400 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में बहुमंजिला अवैध निर्माण किया जा चुका है। शिकायत मिलने के बाद इस संपत्ति में हुए अवैध निर्माण को आदेश संख्याः 4852 दिनांकः 22 मार्च, 2017 के तहत नगर निगम ने गिरा दिया था। लेकिन अब एक बार फिर से इसमें अवैध रूप से निर्माण किया जा रहा है।

यह भी पढ़ें- जानें, सूर्य और बुध का गठजोड़… निकालेगा किसकी परेशानियों का तोड़?

इस मामले में नगर निगम के भवन विभाग के कुछ इंजीनियरों की शिकायत भी उच्चाधिकारियों से की गई है कि, संबंधित ऐई और जेई के संरक्षण में यह अवैध निर्माण, बिना नगर निगम की इजाजत के कराया जा रहा है। बताया जा रहा है कि भवन नियमों व उपनियमों के तहत इतना निर्माण किसी भी संपत्ति में नहीं किया जा सकता। इसलिए बिना नगर निगम की इजाजत के यह अवैध निर्माण करके लोगों की जान को खतरे में डाला जा रहा है।