-ऑक्सीजन की कमी के बाद केंद्र सरकार ने लिया बड़ा फैसला
एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
कोरोना वायरस (CORONA VIRUS) से देश में बिगड़ते हालात और ऑक्सीजन (Oxygen) की भारी किल्लत को देखते हुए गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने बड़ा फैसला लिया है। गृह मंत्रालय ने इंडस्ट्रीज के लिए ऑक्सीजन की सप्लाई पर आज से रोक लगा दी है। देशभर में सुचारू रूप से ऑक्सीजन सप्लाई हो इसलिए गृह मंत्रालय ने यह आदेश जारी किया है। इस फैसले के बाद सरकार की तरफ से छूट मिली इंडस्ट्री को ही ऑक्सीजन की सप्लाई की जायेगी।
आदेश के मुताबिक औद्योगिक जरूरत के लिए ऑक्सीजन सप्लाई गुरूवार से नहीं की जा सकती है। केवल 9 श्रेणियों को छोड़कर ऑक्सीजन सप्लाई करने वाले, ऑक्सीजन का निर्माण करने वाले प्लांट और ऑक्सीजन की आवाजाही करने वाले वाहनों पर कोई रोक नहीं होगी। बता दें कि देशभर के अस्पताल ऑक्सीजन की भारी कमी से जूझ रहे हैं।
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दिल्ली में हालात और भी ज्यादा खबरा हैं। ऑक्सीजन की सप्लाई को लेकर अब तक कई अस्पताल हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुके हैं. गुरुवार को कोविड मरीजों के लिए समर्पित सरोज सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल ने न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ के समक्ष याचिका लगाई।
ऑक्सीजन पर मरीजों का पहला हकः कोर्ट
बता दें कि बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को इंडस्ट्रीज की ऑक्सीजन सप्लाई फौरन रोकने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने मैक्स अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा कि ऑक्सीजन पर पहला हक मरीजों का है।
पीएम मोदी बोले बहुत तेजी से काम करने की जरूरत है
ऑक्सीजन की किल्लत पर पीएम मोदी ने गुरुवार को एक बैठक की है। बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि हम सभी को बहुत तेजी से काम करने की जरूरत है। कंपनियां अस्पतालों को ऑक्सीजन देने में देरी न करें। प्रधानमंत्री कार्यालय ने इसकी जानकारी दी है। पीएमओ ने कहा कि प्रधानमंत्री को सूचित किया गया है कि अधिकारी लगातार राज्यों के साथ संपर्क में हैं और ऑक्सीजन की मांग पर ध्यान दे रहे हैं। पीएमओ ने कहा कि 20 राज्यों से लिक्विड मेडिकल
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ऑक्सीजन की वर्तमान मांग 6,785 मीट्रिक टन प्रति दिन हो रही है लेकिन भारत सरकार ने 21 अप्रैल से इन राज्यों को 6,822 मीट्रिक टन प्रति दिन आवंटित किया है। पिछले कुछ दिनों में, निजी और सार्वजनिक इस्पात संयंत्रों, उद्योगों और ऑक्सीजन निर्माताओं के योगदान के साथ-साथ गैर-आवश्यक उद्योगों के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति पर प्रतिबंध के माध्यम से लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता में 3,300 मीट्रिक टन प्रति दिन की वृद्धि हुई है।