सेलरी पर हड़तालः कांग्रेस ने उपराज्यपाल से की नगर निगमों को भंग करने की मांग

-निगमकर्मियों की हड़ताल के लिए आप और बीजेपी जिम्मेदारः मुकेश गोयल
-समय रहते नहीं निकाला गया हल तो बिगड़ेंगे हालातः मुकेश गोयल
-नगर निगम के मसले पर सीधे दखल दें उपराज्यपालः मुकेश गोयल

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
उत्तरी दिल्ली नगर निगम में कांग्रेस दल के नेता और वरिष्ठ निगम पार्षद मुकेश गोयल ने निगमकर्मियों की हड़ताल के लिए भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी को समान रूप से जिम्मेदार बताया है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों द्वारा बार-बार हड़ताल की चेतावनी दिये जाने के बावजूद दिल्ली के केजरीवाल सरकार और निगम में सत्ताधारी बीजेपी ने कोई समाधान नहीं निकाला। उन्होंने मांग की कि अब उपराज्यपाल को सीधे इस मामले में दखल देना चाहिए। नहीं तो निगम की स्वास्थ्य, शिक्षा और सफाई व्यवस्था की हालत और ज्यादा खराब हो सकती है।

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मुकेश गोयल ने कहा कि उपराज्यपाल दिल्ली के प्रशासक हैं, अतः उन्हें तुरंत इस मामले में दखल देना चाहिए। उपराज्यपाल दिल्ली सरकार और नगर निगम के नेताओं को मिलकर समस्या का समाधान निकालने का आदेश जारी करें। यदि उनके पास इस समस्या का कोई समाधान नहीं है तो नगर निगमों को तुरंत भंग कर देना चाहिए।

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मुकेश गोयल ने कहा कि निगम के ज्यादातर कर्मचारियों को पिछले चार से पांच महीनों से वेतन नहीं मिला है। इसके साथ ही रिटायर हो चुके कर्मियों को बीते छह माह से पेंशन नहीं दी गई है। जिसके चलते उत्तरी दिल्ली नगर निगम के कर्मचारी गुरूवार से हड़ताल पर चले गए हैं। उन्होंने कहा कि गुरूवार को निगम में सत्ताधारी बीजेपी ने सफाईकर्मियों की केवल एक माह की सेलरी जारी की है। जबकि कर्मचारियों की सेलरी कई महीनों से बकाया है। ऐसे में उनके परिवार किस तरह से गुजारा कर पायेंगे?

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मुकेश गोयल ने कहा कि आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार नगर निगमों को बदनाम करने में जुटी हुई है। लेकिन नगर निगमों को नियमानुसार दिया जाने वाला पैसा जारी नहीं किया जा रहा है। दूसरी ओर बीजेपी के शासन वाला नगर निगम भी नॉन प्लान के तहत अपने साधनों से राजस्व जुटाने में पूरी तरह से विफल रहा है। जिसकी वजह से उत्तरी दिल्ली नगर निगम की आर्थिक हालत सबसे ज्यादा खराब हो गई है।