-सेलरी व पेंशन पर खर्च करने पड़ते हैं सालाना 4119 करोड़ रूपये
-2019-20 में 4250 करोड़ रूपये थी उत्तरी दिल्ली नगर निगम की आय
एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
नगर निगम में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के नेता भले ही बार-बार दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार पर फंड नहीं देने का आरोप लगाते हों, लेकिन उत्तरी दिल्ली नगर निगम की आर्थिक हालत उतनी खराब भी नहीं है, जितनी कि बताई जा रही है। उत्तरी दिल्ली नगर निगम के आर्थिक आंकड़े बताते हैं कि निगम को सेलरी और पेंशन पर जितना खर्च करना पड़ता है, उससे कुछ ज्यादा राशि उसे विभिन्न स्रोतों के माध्यम से अर्जित हो जाती है। यह बात अलग है कि फिर भी नगर निगम अपने कर्मचारियों को सेलरी का भुगतान समय से नहीं कर पा रहा है।
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प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक उत्तरी दिल्ली नगर निगम के वर्तमान व पूर्व कर्मचारियों के वेतन व पेंशन पर हर महीने करीब 242.25 करोड़ रूपये खर्च आता है। इस लिहाज से निगम को अपने कर्मियों के वेतन और पेंशन पर सालाना करीब 4119 करोड़ रूपये खर्च करने पड़ते हैं। निगम आयुक्त द्वारा पेश बजटीय आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2019-20 में निगम को अपने सभी स्रोतों से कुल 4252 करोड़ की आमदनी हुई थी। फिर भी नगर निगम के कर्मचारियों को 4 से 5 महीनों का वेतन और पेंशन नहीं दी जा सकी है।
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उत्तरी दिल्ली नगर निगम में कांग्रेस दल के नेता मुकेश गोयल का कहना है कि वित्त विभाग के आंकड़े बताते हैं कि कर्मचारियों के वेतन, पेंशन, ऐरियर व अन्य मदों में उत्तरी दिल्ली नगर निगम की आन्तरिक देनदारियां नवंबर, 2020 तक बढ़कर 5086 करोड़, 87 लाख रूपये तक पहुंच गई हैं। इसके बाद अगले तीन महीनों में यह राशि और ज्यादा बढ़ चुकी है। ऐसे में आने वाले समय में उत्तरी दिल्ली नगर निगम की हालत कैसी होगी? इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।