तो BJP ने लगाई थी AAP में बगावत की चिंगारी… चुनाव टलने से MCD को लगा 10 लाख का चूना

-मेयर चुनाव टले पर आप पार्षद विजय कुमार ने वापस नहीं लिया अपना नामांकन

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्लीः 25 अप्रैल।
दिल्ली के मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव (Mayor and Deputy Election) भले ही टल गया हो पर आम आदमी पार्टी (AAP) में बगावत खत्म नहीं हुई है। डिप्टी मेयर पद के लिए बागी बतौर अपना पर्चा दाखिल करने वाले आप पार्षद विजय कुमार (AAP Councilor Vijay Kumar) ने अपना नामांकन अभी तक वापस नहीं लिया हे। बताया जा रहा है कि आप में चल रही इस बगावत के तार भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हैं। माना जा रहा है कि आम आदमी पार्टी के पार्षदों के बीच बगावत की चिंगारी बीजेपी ने लगाई है, जो कि अब बुझने का नाम नहीं ले रही है।
बीते 18 अप्रैल को आप और बीजेपी के अधिकृत पार्षदों ने मेयर और डिप्टी मेयर पदों के लिए अपने-अपने नामांकन पत्र दाखिल किये थे। परंतु इस दौरान आप के दो निगम पार्षदों ने अपने पार्टी नेतृत्व के साथ बगावत करते हुए डिप्टी मेयर के पद के लिए अपने नामांकन पत्र दाखिल कर दिये थे। इसके तीन दिन पश्चात आप के एक बागी पार्षद नरेंद्र गिरसा ने अपना नामांकन पत्र वापस ले लिया था। परंतु विजय कुमार 25 अप्रैल तक आप नेताओं के संपर्क से दूर रहे और उन्होंने अपना मोबाइल फोन भी बंद रखा।
गौरतलब है कि मेयर या डिप्टी मेयर के पद के चुनाव के लिए एक प्रपोजर और एक सैकेंडर (प्रस्तावक एवं अनुमोदक) के बतौर दो निगम पार्षदों को नामांकन पत्र पर हस्ताक्षर करने होते हैं। इस दौरान खास जानकारी सामने आई है कि आप पार्षद विजय कुमार के नामांकन पत्र बीजेपी के एक निगम पार्षद ने प्रस्ताक बतौर हस्ताक्षर किये हैं। जबकि अनुमोदक के रूप में आम आदमी पार्टी के ही एक निगम पार्षद के हस्ताक्षर हैं। हालांकि आम आदमी पार्टी ने अभी तक इस मामले को मुद्दा नहीं बनाया है और नाही बीजेपी ने इसके बारे में कोई घोषणा की है।
अब मेयर का चुनाव टलने के बाद यह माना जा रहा है कि आप के बागी पार्षद विजय कुमार पर पार्टी की ओर से दबाव बनाया जा सकता है। कारण है कि ज्यादा दिन तक कोई भी व्यक्ति कैसे गायब रह सकता है? ऐसे में हो सकता है कि आप पार्षदों की बगावत कुछ हद तक ठंडी पड़ जाये।
निगम को लगा 10 लाख रूपये का चूना
मेयर एवं डिप्टी मेयर का चुनाव टलने से दिल्ली नगर निगम (Municipal Corporation of Delhi) को करीब 10 लाख रूपये का नुकसान हुआ है। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक मेयर -डिप्टी मेयर का चुनाव कराने पर करीब साढ़े 10 लाख रूपये तक का खर्च आ जाता है। इसमें बैलट पेपर्स से लेकर अन्य सभी प्रकार के खर्चे शामिल हैं। क्योंकि 26 अप्रैल को चुनाव होना था और 25 अप्रैल तक नगर निगम (MCD) ने चुनाव से संबंधित सभी प्रकार की तैयारियां कर ली थीं। अतः ऐन मौके पर चुनाव टलने की वजह से 26 अप्रैल के बाद कभी भी चुनाव कराने के लिए नगर निगम को यही तैयारियां फिर से करनी होंगी।