SDMC: औद्यौगिक भूखंडों के सभी तलों पर फैकट्री लाईसेंस देगा नगर निगम

-स्थायी समिति की बैठक में दी गई प्रस्ताव को स्वीकृति

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम अब आद्योगिक भूखंडों के सभी तलों (मंजिल) पर फैक्ट्री लाइसेंस जारी करेगा। इससे हजारों लोगों को सहूलियत मिलेगी, वहीं नगर निगम को अतिरिक्त राजस्व की प्राप्ति होगी। इस आशय के प्रस्ताव को दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की स्थाई समिति की बैठक मंजूरी दी गई। सदन के नेता नरेन्द्र चावला ने सोमवार को कहा कि दक्षिणी निगम की स्थायी समिति ने अपने क्षेत्राधिकार के अंतर्गत कन्फर्मिंग औद्यौगिक क्षेत्र में प्लॉटेड विकास में सभी तलों पर औद्यौगिक भूखंडों पर फैकट्री लाईसेंस प्रदान करने की मंजूरी दी है।

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नरेंद्र चावला ने कहा कि क्योकि अन्य तलों पर भवन प्लान की गैर-मंजूरी के कारण भू-तल को छोड़कर अन्य तलों पर लाईसेंस जारी करने को अनुमत करने वाली कोई नीति नही है, इसलिए औद्यौगिक परिसरों (परिक्षेत्रों) का कोई इष्टतम उपयोग नही है। इसी के साथ-साथ ऐसे कई दृष्टांत भी हैं जिनमें परिसरों के मालिक औद्यौगिक गतिविधियों सहायक औद्यौगिक व्यापार के लिए प्रथम या द्वितीय अथवा सभी तलों का उपयोग करना प्रारम्भ कर देते है। यह विद्यमान मानकों से अधिक परिसरों के अवैध उपयोग के कारण उल्लघंन के बराबर है। अन्य तलों पर फैक्ट्री लाइसेंस जारी करने के लिए नगर निगम को प्रतिषेध करने वाला कोई सुव्यक्त/ सुविवेचित प्रावधान नहीं है।

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निर्णय की पुष्टि करते हुए स्थायी समिति अध्यक्ष राजदत्त गहलोत ने कहा कि इस कदम से औद्यौगिक क्षेत्र में रोजगार सम्बन्धी अवसरों के सृजन और साथ ही इष्टतम स्तर पर उपलब्ध संसाधनों की उत्पादकता में भी वृध्दि होगी। इससे विधिसम्मत औद्यौगिक व्यापारों को राहत मिलेगी और उद्यमियों के लिए बहुत हद तक एक तनावमुक्त वातावरण बनाने में सहायता मिलेगी।

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उन्होंने बताया कि कन्फर्मिंग प्लॉटेड विकसित औद्योगिक क्षेत्रों, यथा- मायापुरी, ओखला आदि में कुछ मध्यम, हल्के एवं सेवा उद्योगो को उन औद्योगिक इकाइयों के प्रथम तल एवं द्वितीय तल, पर अनुमत किया जा सकता है, जहां विद्यमान मानकों के अनुसार भूतल हेतु भवन प्लाट पहले से ही विद्यमान है।