-एसडीएमसी की बैठक में बीजेपी के नेता सदन नरेंद्र चावला ने सदन में किया मेयर की गलती सुधारने का ऐलान
-महापौर अनामिका ने निर्धारित तारीख से पहले ही कांग्रेस पार्षद के इलाके की पार्किंग का करा दिया था ऑनलाइन उद्घाटन
हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
भारतीय जनता पार्टी का नेतृत्व भले ही दिल्ली इकाई को आगे बढ़ाने की कोशिशों में जुटा हो, लेकिन दिल्ली बीजेपी के नेताओं की अनुभवहीनता और अपरिपक्वता दो कदम आगे ले जाने के बाद पार्टी को फिर से वापस उसी स्थान पर लाकर खड़ा कर देती है। ताजा मामला दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में सामने आया है। बुधवार को एसडीएमसी के सदन की बैठक में नेता सदन नरेंद्र चावला को महापौर अनामिका की गलती स्वीकार करते हुए घोषणा करनी पड़ी कि इसे सुधारा जायेगा।
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दरियागंज वार्ड संख्याः 55एस से कांग्रेस की निगम पार्षद यास्मीन किदवई और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में सदन के नेता अभिषेक दत्त ने बुधवार को हुई सदन की बैठक में इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया। यास्मीन किदवई ने अपने वार्ड दरियागंज (55-एस) के अंतरर्गत हजरत निजामुद्दीन बस्ती में मल्टीलेवल पार्किंग का निर्माण करवाने की योजना स्वीकृत कराई थी। इस पार्किंग के निर्माण कार्य का उद्घाटन 20 मार्च को किया जाना था। इस संबंध में महापौर अनामिका से बातचीत करके शिलान्यास समारोह में बुलाये जाने वाले अतिथियों के नाम भी तय कर लिए गए थे।
लेकिन महापौर अनामिका ने 20 मार्च को होने वाला शिलान्यास समारोह अपने स्तर पर रद्द कर दिया। और 19 मार्च को बिना स्थानीय निगम पार्षद की जानकारी के ही इस पार्किंग के निर्माण कार्य का वर्चुअल शिलान्यास करा दिया। सिविक सेंटर में आयोजित इस उद्घाटन समारोह में केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे भी शामिल हुए थे। जब सदन में कांग्रेस पार्षदों ने यह मामला उठाया तो आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने कांग्रेस का साथ दिया। इसके बाद बीजेपी के नेता सदन नरेंद्र चावला ने सदन में घोषणा की कि शिलान्यास के पत्थर पर कांग्रेस पार्षद का नाम भी लिखवा दिया जायेगा।
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कांग्रेस पार्षद यास्मीन किदवई ने बताया कि महापौर ने उन्हें पहले से तय शिलान्यास कार्यक्रम को रद्द करने की कोई सूचना नहीं दी थी। इस संबंध में जब उन्हें पता चला तो उन्होंने महापौर अनामिका को कई बार फोन किया लेकिन ना तो उन्होंने फोन उठाया और ना ही बाद में फोन किया। इसके बाद उन्होंने निगम आयुक्त को पत्र लिखकर इसपर अपना विरोध जताया। दक्षिण दिल्ली नगर निगम में सत्तारूढ़ भाजपा नेता आम लोगों की तरह अब विरोधी दलों से संबंधित जनप्रतिनिधियों की भी अनदेखी करने लगे हैं। महापौर का यह कदम संवैधानिक मान्यताओं को कुचलने वाला है और जनादेश का अपमान है, जिसे किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
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यास्मीन किदवई ने बताया कि यहां पार्किंग का निर्माण कराने की योजना बनवाने एवं उसे स्वीकृत कराने में नगर निगम में सत्तारूढ़ भाजपा की कोई भूमिका नहीं है। उनकी नानी एवं इस इलाके की विधायक रही ताजदार बाबर और उनके मामा एवं नगर निगम के महापौर रहे फरहाद सूरी ने यहां पार्किंग बनवाने का बीड़ा उठाया था। वह पार्षद बनने के बाद से यहां पार्किंग बनवाने का प्रयास कर रही थीं। इसके अलावा उपराज्यपाल की भी यहां पार्किंग बनाने में रूचि है, मगर महापौर ने पार्किंग बनाने की योजना में उनको श्रेय मिलने से दूर करने के लिए शिलान्यास समारोह रद्द कर दिया और उनकी अनदेखी करते हुए वर्चुअल शिलान्यास कर रही है।
बीजेपी प्रदेश नेतृत्व पर दखलंदाजी का आरोप
निजामुद्दीन इलाके में प्रस्तावित पार्किंग के निर्माण में भारतीय जनता पार्टी के किसी भी नेता का कोई योगदान नहीं है। इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि इस इलाके से बीजेपी का कोई विधायक या निगम पार्षद भी नहीं है। सूत्र बताते हैं कि प्रदेश बीजेपी के नेताओं ने इस पार्किंग के 20 मार्च को होने वाले शिलान्यास कार्यक्रम को रद्द करवाकर एक दिन पहले 19 मार्च को वर्चुअल शिलान्यास करवा दिया था। खास बात है कि सिविक सेंटर मे आयोजित इस कार्यक्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ओर प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता शामिल हुए थे। बीजेपी नेताओं को इलाके में जाने पर अपने विरोध होने का अंदाजा था, इसलिए इस पार्किंग का उद्घाटन सिविक सेंटर में बैठकर वर्चुअल सिस्टम के द्वारा करा दिया गया। लेकिन इस घटना के बाद बीजेपी को श्रेय कम मिला है और किरकिरी ज्यादा हुई है।