-आयोग ने नोटिस जारी कर हिमाचल सरकार से मांगी एक्शन टेकन रिपोर्ट
एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली (11 जून)
हिमाचल प्रदेश में एक एक प्राईवेट यूनीवर्सिटी द्वारा दलित छात्रों के असली दस्तावेज रोके जाने पर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने सख्ती दिखाई है। ऊना स्थित इंडस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी ने एससी/एसटी स्कालरशिप स्कीम के तहत पढ़ने वाले विद्यार्थियों को उनके असली दस्तावेज/ओरिजनल डाक्यूमेंट न देने के निर्णय का कड़ा नोटिस लेते हुए राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने हिमाचल सरकार को नोटिस जारी कर तुरंत विद्यार्थियों के असली दस्तावेज जारी करवाने के निर्देश दिए हैं।
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बता दें कि कई माध्यमों से राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के संज्ञान में आया कि इंडस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी द्वारा एससी/एसटी विद्यार्थियों के महत्वपूर्ण दस्तावेज जैसे जाति प्रमाणपत्र, आय प्रमाणपत्र, बोनाफाइड प्रमाणपत्र, 10वीं व 12वीं की मार्कशीट, आधार कार्ड, बैंक की पासबुक आदि रोक लिए गए हैं। क्योंकि यूनिवर्सिटी के अनुसार हिमाचल सरकार द्वारा उनके यहां कई कोर्सों में एससी/एसटी स्कॉलरशिप स्कीम के तहत पढ़ने वाले विद्यार्थियों की बनती टयूशन फीस का भुगतान नहीं किया गया है।
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राष्ट्रीय अनुसूचित जाति अयोग के चेयरमैन विजय सांपला ने चेतावनी देते हुए कहा कि एससी/एसटी स्कालरशिप स्कीम के तहत दाखिल किसी भी दलित विद्यार्थी के असली दस्तावेज रोकना ना-सिर्फ गैर कानूनी है, बल्कि एक अपराध है। जिसके लिए दोषी यूनिवर्सिटी पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव, प्रिंसीपल सेक्रेटरी डिपार्टमेंट ऑफ इम्पावरमेंट एस.सी., ओ.बी.सी., अल्पसंख्यक व स्पेशल एबलड, हिमाचल प्रदेश प्राइवेट यूनिवर्सिटी रेगूलेटरी कमीशन के सचिव एवं इंडस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर से 15 दिन के अंदर एक्शन टेकन रिपोर्ट भेजने को कहा है।