2 लाख दलित विद्यार्थियों के रोल नंबर रोके जाने पर एससी कमीशन सख्त

-शिकायत मिलने पर हरकत में आया अनुसूचित जाति आयोग
-पंजाब सरकार को एक्शन टेकन रिपोर्ट देने का आदेश
-’पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप मामला’, पंजाब सरकार ने रोका पैसा

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
पंजाब के निजी विद्यालयों में पढ़ने वाले करीब दो लाख छात्र-छात्राओं के ‘पोस्ट मैट्रिक सकालरशिप’ के तहत रोल नंबर रोके जाने पर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग सख्त हो गया है। आयोग के चेरमैन विजय सांपला ने पंजाब सरकार को नोटिस जारी कर तुरंत विद्यार्थियों के रोल नंबर जारी करवाने के निर्देश दिए हैं। गौरतलब है कि पंजाब सरकार ने एससी पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप स्कीम के तहत, पंजाब के प्राइवेट कालेजों को मिलने वाली 1549.06 करोड़ रुपए की राशि जारी नहीं की है। इसके चलते प्राईवेट कालेजों की ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप स्कीम के तहत पंजाब के प्राइवेट शिक्षण संस्थाओं में पढ़ने वाले दो लाख दलित विद्यार्थियों के रोल नंबर रोक लिये हैं।

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राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन विजय सांपला ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा प्राइवेट कालेजों की पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप के तहत बनती राशि न जारी किए जाने के कारण आज पंजाब के दो लाख से अधिक दलित विद्यार्थियों को भविष्य अंधकार में हो गया है। पंजाब सरकार की गलती की कीमत अनुसूचित जाति वर्ग के विद्यार्थी चुका रहे हैं। यह पंजाब सरकार का एक अस्वीकार्य कार्य है। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने पंजाब के मुख्य सचिव, समाजिक न्याय, अधिकारिता एवं अल्पसंख्यक विभाग के प्रधान सचिव एवं हायर एजूकेशन के प्रधान सचिव को नोटिस जारी करके तुरंत एक्शन टेकन रिपोर्ट भेजने को कहा है।

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सांपला ने चेतावनी देते हुए कहा कि एससी पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप स्कीम के तहत दाखिल किसी भी दलित विद्यार्थी का रोल नंबर या डिग्री रोकना ना-सिर्फ गैर कानूनी है, बल्कि एक अपराध है, जिसके लिए दोषी पाए जाने पर सरकारी अधिकारियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। सांपला ने आगे कहा कि पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप स्कीम को लागू करना, इसमें अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को दिक्कत न आए यह सुनिश्चित करना, इसकी पूरी जिम्मेवारी प्रदेश सरकार की रहती है और पंजाब में पंजाब सरकार भी अपनी जिम्मेदारी तनदेही से निभाए।