गोवा कांग्रेस में बगावतः पूर्व सीएम फेलेरो का इस्तीफा, दिग्विजय पर लगाये गोवा में सरकार नहीं बनने देने के आरोप

-पूर्व सीएम फेलेरो ने इस्तीफे के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी

एसएस ब्यूरो/ पणजी
गोवा कांग्रेस में एक बार फिर फूट पड़ी है। गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री और नवेलिम से विधायक लुइजिन्हो फेलेरो ने सोमवार को पहले विधानसभा की सदस्यता और फिर बाद में कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने के साथ ही फेलेरो ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक चिट्ठी लिखकर साल 2017 में गोवा में सरकार नहीं बनने देने के लिए वरिष्ठ कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने आगे लिखा है कि कांग्रेस पार्टी में अब सुधार होने की उम्मीद खत्म हो गई है।

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इसके बाद गोवा की सियासत में बवाल खड़ा हो गया है। दरअसल सोनिया गांधी को लिखी इस चिट्ठी में फेलेरो ने बिना नाम लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह पर आरोप लगाया कि उनकी वजह से 2017 में गोवा में कांग्रेस की सरकार नहीं बन पाई। फेलेरो ने आरोप लगाया कि 2017 विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के पास बहुमत के लिए जरूरी 21 विधायकों का समर्थन था लेकिन कांग्रेस प्रभारी द्वारा उन्हें राज्यपाल के पास जाने से रोक दिया गया।

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गौरतलब है कि साल 2017 में दिग्विजय सिंह गोवा कांग्रेस के प्रभारी थे। पूर्व गोवा सीएम फेलेरो ने कहा कि तब उनकी अगुवाई में कांग्रेस के 17 विधायक जीते थे्, इसके अलावा एक निर्दलीय विधायक भी कांग्रेस के समर्थन में था। कुल चार विधायकों के समर्थन से कांग्रेस के पास 21 विधायक थे, यानी बहुमत का आंकड़ा कांग्रेस के पास था। फेलेरो ने आरोप लगाया कि प्रभारी ने उन्हें राज्यपाल के पास जाने से रोक दिया और 24 विधायकों के समर्थन तक इंतजार करने को कहा।

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इसके बाद बीजेपी ने बहुमत का आंकड़ा जुटा कर सरकार बना ली। सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी में फेलेरो ने कहा कि इस घटनाक्रम से उन्हें ठगा सा महसूस हुआ और झटका लगा था। फेलेरो ने कहा कि बीते साढ़े चार सालों में गोवा के अंदर कांग्रेस 18 विधायकों से सिमट कर महज 5 पर रह गई है। 13 विधायकों के कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल होने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया। फेलेरो ने कहा कि गोवा में वो कांग्रेस नहीं बची जिसके लिए उन्होंने लड़ाई लड़ी। इसलिए वो कांग्रेस से इस्तीफा दे रहे हैं।
बता दें कि कांग्रेस छोड़ने के बाद फेलेरो के तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने की प्रबल संभावना है। सोमवार को विधायकी से इस्तीफा देने के पहले ही फेलेरो ने ममता बनर्जी को स्ट्रीट फाइटर बताया और यह भी कहा कि बीजेपी को ममता बनर्जी ही चुनौती दे सकती हैं। अगले साल होने वाले गोवा विधानसभा चुनावों में टीएमसी ने भी मैदान में उतरने का ऐलान किया है।
कांग्रेस में हो रहा आदर्शों व सिद्धांतों के विपरीत काम
कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र में फेलेरो ने लिखा है कि ’पार्टी (कांग्रेस) का पतन रुक जाएगा या बेहतर के लिए कुछ बदलाव होगा, मुझे ऐसी कोई उम्मीद नहीं दिख रही है। अब तक, किसी को भी हमारे 13 विधायकों के नुकसान के लिए जवाबदेह नहीं ठहराया गया। गोवा में कांग्रेस अब वो पार्टी नहीं है जिसके लिए हमने बलिदान दिया और लड़ाई लड़ी। यह अपने संस्थापकों के हर आदर्श और सिद्धांत के विपरीत काम कर रही है। पार्टी की गोवा इकाई कांग्रेस के लिए एक मजाक बन गई है। नेताओं की एक मंडली के नेतृत्व में, जो अपने लोगों के प्रति हमारी जिम्मेदारी पर लाभ को प्राथमिकता देते हैं, हम एक मजबूत विपक्ष बनने में भी पूरी तरह से नाकाम रहे हैं।’’
कांग्रेस में रह गये 17 में से 5 विधायक
फलेरो नवेलिम विधानसभा सीट से विधायक थे। उन्हें अगले साल होने वाले राज्य चुनावों के मद्देनजर गोवा कांग्रेस की प्रचार समिति का प्रमुख बनाया गया था। लेकिन फलेरो ने विधानसभा अध्यक्ष राजेश पाटनेकर को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। फलेरो के इस्तीफे के साथ 40 सदस्यीय सदन में कांग्रेस विधायकों की संख्या घटकर चार हो गई है। गोवा में 2017 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 17 सीटें जीती थीं, लेकिन बाद में कई विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। जुलाई 2019 में 10 विधायकों ने पार्टी छोड़ दी थी और सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल हो गए थे।