-6 विधायकों को व्हिप जारी कर कांग्रेस के खिलाफ मतदान का आदेश
-सितंबर 2019 में कांग्रेस में शामिल हो गए थे बसपा के विधायक
टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
पायलट संकट से जूझ रही राजस्थान की कांग्रेस सरकार के सामने अब बहुजन समाज पार्टी बड़ा संकट बनकर खड़ी हो गई है। प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व से नाराज बसपा ने अपने टिकट पर जीतकर विधायक बने 6 विधायकों को शक्ति परीक्षण के दौरान कांग्रेस के खिलाफ मतदान के लिए व्हिप जारी किया है। रविवार को जारी व्हिप जारी होने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सामने नई मुसीबत खड़ी हो गई है।
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बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने कहा कि सभी छह विधायकों को अलग-अलग नोटिस जारी करके सूचित किया गया है। चूंकि बसपा एक मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय पार्टी है और संविधान की दसवीं अनुसूची के पैरा चार के तहत पूरे देश में हर जगह समूची पार्टी (बसपा) का विलय हुए बिना राज्य स्तर पर किसी पार्टी में विलय नहीं हो सकता।
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सतीश चंद्र मिश्र ने कहा कि व्हिप जारी होने के बाद यदि छह विधायक पार्टी व्हिप के खिलाफ जाकर मतदान करते हैं तो वो विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य हो जाएंगे। 6 विधायकों को जारी किये गए नोटिस में कहा गया है कि वो बसपा के व्हिप का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और ऐसा नहीं करने पर वो विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य हो जाने के पात्र होंगे।
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सतीश मिश्रा ने बताया कि बसपा राजस्थान हाई कोर्ट में अयोग्यता की लंबित याचिका में हस्तक्षेप करेगी या फिर अलग से रिट याचिका दायर की जाएगी। माना जा रहा है कि यदि बसपा विधायक कांग्रेस का साथ नहीं देते हैं तो गहलोत सरकार अल्पमत में आ जाएगी। फिलहाल 200 सदस्यों वाली राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के 101 विधायक हैं। इनमें से कई विधायकों ने अपनी ही सरकार के खिलाफ बगावत का झंडा उठा रखा है।
उल्लेखनीय है कि 2018 के विधानसभा चुनाव में संदीप यादव, वाजिब अली, दीपचंद खेरिया, लखन मीणा, जोगेंद्र अवाना और राजेंद्र गुधा बसपा के टिकट पर चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे थे। उन्होंने पिछले साल 2019 में 16 सितंबर को कांग्रेस में एक समूह के रूप में विलय के लिए अर्जी दी थी। विधानसभा अध्यक्ष ने अर्जी के दो दिन बाद ही आदेश जारी करके बसपा के 6 विधायकों को कांग्रेस में शामिल कर दिया था। दूसरी तरह से कहा जाए तो उन्होंने बसपा के कांग्रेस में विलय को मंजूरी दे दी थी।
बता दें कि इस विलय के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार को मजबूती मिली और 200 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस सदस्यों की संख्या बढ़कर 107 हो गई है। इससे पहले बीजेपी के एक विधायक ने शुक्रवार को राजस्थान हाई कोर्ट में याचिका दायर करके बसपा के छह विधायकों के कांग्रेस में विलय को रद्द करने का अनुरोध किया है।