-ऑनलाइन टिकट कैंसिलेशन से हो रही रेलवे की कमाई, बिना सुविधा प्राप्त किये लुट रहे भारतीय
जतन किशोर शुक्ला/ नई दिल्ली‘ 12 अप्रैल।
आम धारणा भले ही यह बनाई जा रही हो कि भारतीय रेल (Indian Railway) घाटे में चल रही है। परंतु सच यह है कि टिकट कैंसल (Ticket Cancilation) होने के धंधे से भी रेलवे हर साल हजारों करोड़ रूपये कमा रहा है। यह कमाई तो ऑनलाइन बुक (Online Booking) होने वाले वेटिंग टिकट (Waiting Tickets) से हो रही है, यदि इसमें स्वयं बुकिंग रद्द कराने वाली राशि को भी जोड़ दिया जाये तो यह राशि इससे कई गुना हो सकती है। फिर भी रेलवे ने कोरोना संकट के नाम पर खत्म की गई बुजुर्गों, पत्रकारों एवं अन्य श्रेणी के यात्रियों को किराये में दी जाने वाली छूट की सुविधा को बहाल नहीं किया है।
बता दें कि यदि आपने आईआरटीसी (IRCTC) के वेबसाईट से वेटिंग टिकट बुक किया और वो कंफर्म नहीं हुआ तो खुद रेलवे उस टिकट को कैंसिल कर देती है। इसके बदले आप द्वारा भुगतान की गई राशि का एक बड़ा हिस्सा सर्विस चार्ज के रूप में काट लिया जाता हैं (उदाहरण के लिए 240 रूपये का वेटिंग टिकट बुक करने पर टिकट कंफर्म न होने पर रेलवे द्वारा मात्र 180 रूपये ही वापस करता हैं)।
इसका मतलब है कि बिना किसी सर्विस का फायदा पाये ही आपको सर्विस चार्ज चुकाना पड़ता है। अब आप इसे रेलवे की लूट कहें या नागरिकों का राष्ट्र के विकास में किया गया सहयोग, लेकिन रेलवे को इससे प्रतिवर्ष हजारों करोड़ की कमाई हो रही हैं। एक आरटीआई के द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2022-23 में भारतीय रेल ने टिकट कैंसलेशन के नाम से लगभग 2110 करोड़ रूपये कमाये हैं। जबकि वर्ष 2023-24 में दिसंबर तक टिकट केंसिलेशन से रेलवे ने करीब 1763 करोड़ रूपये की कमाई कर ली थी, जबकि जनवरी से मार्च के एक तिमाही के आंकड़े बाकी हैं। यदि एवरेज में लगाया जाये तो रेलवे ने इसके द्वारा करीब 2350 करोड़ रूपये की कमाई कर ली है।