पूर्व मंत्री अनिल देशमुख के ठिकानों पर छापा

-10 बार चालकों से 4 करोड़ रिश्वत लेने का आरोप

एसजेटी ब्यूरो/ नई दिल्ली
महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ चल रहे कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच तेज होती जा रही है। ईडी के मुताबिक 10 बार मालिकों ने दावा किया है कि उन्होंने अनिल देशमुख को 4 करोड़ रुपए की रिश्वत दी थी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) इस मामले में देशमुख सहित उनके सहयोगियों के 10 ठिकानों पर छापेमारी की।
देशमुख के नागपुर में जीपीओ चौक स्थित आवास और उनके निजी सहायक संजीव पलांडे और निजी सहायक कुंदन शिंदे के मुंबई स्थित परिसरों की तलाशी ली गयी। सूत्रों के मुताबिक देशमुख मुंबई में हैं और एजेंसी द्वारा वहीं उनसे पूछताछ करने की संभावना है। उन्होंने बताया कि पलांडे को पूछताछ के लिए मुंबई के बल्लार्ड इस्टेट इलाके में ईडी कार्यालय लाया गया था। एजेंसी ने मुंबई पुलिस के बर्खास्त अधिकारी सचिन वाजे से भी तलोजा जेल में पूछताछ की थी।

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बता दें कि सीबीआई ने बंबई उच्च न्यायालय के आदेश पर एक मामला दायर करने के बाद प्रारंभिक जांच की थी, जिसके बाद ईडी ने मामला दर्ज किया था। उच्च न्यायालय ने सीबीआई को मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा देशमुख के खिलाफ लगाए रिश्वत के आरोपों की जांच के लिए कहा था। ईडी करीब 10 बार संचालकों के दर्ज बयानों के आधार पर सबूत जुटाने का प्रयास कर रही है। इन बार संचालकों ने दावा किया था कि उन्होंने चार करोड़ रुपये की ’’रिश्वत’’ दी, जिसे पूर्व गृह मंत्री देशमुख को कथित तौर पर सौंपा गया।

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आरोपों के बाद अप्रैल में अपने पद से इस्तीफा देने वाले देशमुख ने किसी भी तरह की गड़बड़ी से इनकार किया है। मुंबई में कारोबारी मुकेश अंबानी के घर के पास एक एसयूवी मिलने की जांच के दौरान पुलिसकर्मी सचिन वाजे की भूमिका सामने आने के बाद सिंह को पुलिस आयुक्त पद से हटा दिया गया था। इस एसयूवी में विस्फोटक सामग्री रखी मिली थी। ईडी ने पिछले सप्ताह नागपुर में देशमुख के कथित सहयोगियों के परिसरों पर छापेमारी की थी। सीबीआई ने भी 21 अप्रैल को प्राथमिकी दर्ज करने के बाद पूर्व मंत्री के मुंबई तथा नागपुर में स्थित आवासों पर छापे मारे थे। उच्च न्यायालय ने इस मामले में देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दिए थे।