राहुल की हुड्डा को खरी-खरी…‘पार्टी के बजाय निजी हितों को तवज्जो दी गई’!

-गुरूवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की बैठक में की गई हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों पर चर्चा

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्लीः 10 अक्टूबर।
मंगलवार को आऐ हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों को कांग्रेस नेताओं को पचाना मुश्किल हो रहा है। माना जा रहा है कि कांग्रेस ने जीती हुई बाजी को खो दिया है। कुछ इसी तरह का नजारा गुरूवार को नई दिल्ली में हुई कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की बैठक में देखने को मिला। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा का नाम लिये बिना खूब खरी-खरी सुनाईं। उन्होंने कहा कि कुछ नेताओं ने चुनाव में अपने निजी हितों को ज्यादा महत्व दिया। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में कांग्रेस नेतृत्व भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ कोई बड़ा एक्शन ले सकता है।
बताया जा रहा है कि गुरूवार को हुई इस बैठक में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, उदयभान सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। हुड्डा के सामने ही राहुल गांधी ने कहा कि कुछ लोगों ने पार्टी की जगह निजी हितों को ज्यादा प्राथमिकता दी। बता दें कि कांग्रेस ने हरियाणा चुनाव में हार के लिए एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का गठन भी किया है।
खास बात है कि हरियाणा से इस बैठक में शामिल होने के लिए भूपेंद्र सिंह हुड्डा को खास तौर पर बुलाया गया था और कुमारी शैलजा व रणदीप सिंह सुरजेवाला को नहीं बुलाया गया था। इससे स्पष्ट होता है कि यह बैठक हुड्डा को संदेश देने के लिए थी। सूत्रों का यह भी कहना है कि राहुल गांधी इस बात से बहुत नाराज हैं कि आखिर कांग्रेस जीती हुई बाजी कैसे हार गई। गौरतलब यह भी है कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा हरियाणा चुनाव की अकेले कमान संभाले हुए थे।
बताया जा रहा है कि हरियाणा चुनाव में भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने 90 में से अकेले 72 टिकट दिये थे। चर्चा है कि उन्होंने मध्य प्रदेश के कमल नाथ की तरह काम किया था। चुनाव के दौरान ही कांग्रेस में गुटबाजी साफ दिख रही थी। कुमारी शैलजा और हुड्डा शुरूआत में तो मंच तक साझा करने के लिए तैयार नहीं थे। चुनाव में रणदीप सिंह सुरजेवाला को भी ज्यादा महत्व नहीं दिया गया था। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में कांग्रेस नेतृत्व हरियाणा के बारे में कुछ कड़े फैसले ले सकता है।