-महिला निगम पार्षद ने की लिखित शिकायत तो आप ने भी किया करारा वार, बीजेपी नेताओं ने साधी चुप्पी
एसएस ब्यूरो/ नई दिल्लीः 20 जून।
दिल्ली नगर निगम पर कब्जे के साथ दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की ट्रिपल इंजन सरकार बनते ही नये नये सनसनीखेज खुलासे होने शुरू हो गये हैं। एक ओर दिल्ली सरकार और नगर निगम में तालमेल के अभाव की शिकायतें खुद बीजेपी के निगम पार्षद कर रहे हैं तो दूसरी ओर पार्टी की एक निगम पार्षद ने नेतृत्व पर 70 लाख रूपये लेकर/ देकर आम आदमी पार्टी से आये पार्षद को जोन चेयरमैन बनाये जाने का आरोप लगाया है। शिकायती पत्र में यह भी कहा गया है कि चेयरमैन ने अपनी ही डिप्टी के साथ ‘गंदा’ व्यवहार किया। आप ने इसे एक बड़ा मुद्दा बनाया है तो छोटी-छोटी बातों पर बड़े बडे बयान जारी करने वाले बीजेपी नेता चुप्पी साधकर रह गये हैं।
दरअसल सोशल मीडिया में घूम रहे एक पत्र के अनुसार वार्ड संख्या 161 से बीजेपी पार्षद अनीता ने मेयर राजा इकबाल सिंह को लिखे पत्र में आरोप लगाया है कि आप से आये निगम पार्षद उमेद फोगाट ने उन्हें ‘गंदा इशारा’ करते हुए मानसिक रूप से परेशान और पति को जान से मारने की धमकी दी है। अनीता ने अपने पत्र में यह आरोप भी लगाया है कि ‘उमेद फोगाट ने उनसे व्हाट्सएप कॉल करके कहा कि बीजेपी को 70 लाख रूपये देकर जोन चेयरमैन बना हूं।’
खास बात है कि अनीता बीजेपी की पुरानी कार्यकर्ता हैं और दोबारा निगम पार्षद बनी हैं, जबकि उमेद फोगाट पहली बार निगम पार्षद बने हैं और पिछले दिनों में ही उन्होंने आम आदमी पार्टी छोड़कर बीजेपी ज्वॉइन की थी। ऐसे में बाहर से आये व्यक्ति को तुरंत जोन का चेयरमैन बनाने पर दिल्ली बीजेपी नेतृत्व के ऊपर सवाल उठने लाजमी हैं। ऐसे में बीजेपी की निगम पार्षदा द्वारा 70 लाख रूपये लेकर जोन चेयरमैन बनाये जाने की बात ने अब तूल पकड़ना शुरू कर दिया है।
निजी कंपनी को अरबों का फायदा पहुंचाने का मामला
70 लाख रूपये लेकर आप से आये पार्षद को जोन का चेयरमैन बनाने का मामला ऐसे समय में सामने आया है जब एक निजी कंपनी को अरबों रूपये का फायदा पहंचाने का मामला ठंडा भी नहीं पड़ा है। गौरतलब है कि दिल्ली नगर निगम के सदन की पिछली और राजा इकबाल सिंह के मेयर बनने के बाद की पहली बैठक में एक प्रस्ताव संख्या 69 ऑन टेबल लाया गया था। विपक्षी दलों द्वारा आरोप लगाया जा रहा है कि इसकी प्रतियां बैठक के दौरान पार्षदों को नहीं बांटी गई थीं। इस प्रस्ताव में एक निजी हाउसिंग कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए नगर निगम के डलाव घर और डेम्स विभाग का कार्यालय शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया है। जबकि निगम आयुक्त ने इस प्रस्ताव पर अपना लिखित विरोध दर्ज कराया है।