‘आप’ पार्षदों के निलंबन पर विरोध

-महापौर ने सुनाया तुगलकी फरमानः मनोज त्यागी

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
सोमवार 29 नवंबर को पूर्वी दिल्ली नगर निगम के सदन की बैठक हंगामेदार रही। आम आदमी पार्टी के पार्षदों द्वारा विभिन्न मुद्दों पर विरोध जताये जाने और बैठक में ज्यादा हंगामा होने के चलते महापौर श्याम सुंदर अग्रवाल ने आम आदमी पार्टी के कुछ पार्षदों को 15 दिन के लिए निलंबित कर दिया। इसको लेकर आम आदमी पार्टी के पार्षद और पूर्वी दिल्ली नगर निगम में प्रतिपक्ष के नेता मनोज त्यागी ने महापौर के आदेश को तुगलकी फरमान बताते हुए विरोध जताया है।

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मनोज कुमार त्यागी ने कहा कि इस बैठक में गीता रावत के नेतृत्व में निगम पार्षद रेशमा, साजिद एवं अनीता सिंह ने दिनांक 17.11.2021 को हुई नवंबर माह की साधारण बैठक में राम राज तिवारी (मनोनीत निगम पार्षद) द्वारा आम आदमी पार्टी की महिला पार्षदों के साथ बद्तमीजी और आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया था। परन्तु महापौर ने अपने अधिकारों का गलत प्रयोग करते हुए राम राज तिवारी के स्थान पर दिनांक 17.11.2021 की सदन की बैठक में उपस्थित आम आदमी पार्टी के सभी निगम पार्षदों एवं मनोनीत निगम पार्षदों को 15 दिनों के लिए निलंबित कर दिया, जो पूरी तरह से असंवैधानिक था।

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नेता विपक्ष ने कहा कि महापौर का पद पक्ष एवं विपक्ष से ऊपर होता है और इनकी नजरों में पक्ष एवं विपक्ष के पार्षदों का स्थान समान होना चाहिए। परन्तु, खेद के साथ कहना पड़ रहा है कि महापौर ने एक तुगलकी फरमान सुनाते हुए विपक्ष की बातों को सुने बगैर विपक्ष के सभी निगम पार्षदों को 15 दिनों के लिए निलंबित कर दिया। जिस पर गीता रावत ने महापौर को माफी मांगने को कहा और आम आदमी पार्टी के सभी निगम पार्षदों एवं मनोनीत निगम पार्षदों को तुरन्त प्रभाव से बहाल कर, सदन की विशेष बैठक में भाग लेने की अनुमति प्रदान करने को कहा एवं राम राज तिवारी, मनोनीत निगम पार्षद को सदन की बैठक में आपत्तिजनक एवं असंवैधानिक शब्दों का प्रयोग करने के लिए तुरन्त प्रभाव से निलंबित करने की मांग की।

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नेता विपक्ष ने कहा कि महापौर ने निगम पार्षद गीता रावत को बोलने तक की अनुमति नहीं दी। इसके बाद गीता रावत ने महापौर के टेबल के ऊपर चूड़ियां उछाली। क्योंकि राम राज तिवारी ने महिलाओं के लिए आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया था, इससे गीता रावत के साथ अन्य महिला निगम पार्षद काफी आहत हैं। मनोज कुमार त्यागी ने कहा कि विपक्ष के पार्षदों की बातों को न सुनना महापौर एवं भाजपा की तानाशाही रवैये को दर्शाती है।
नेता विपक्ष ने कहा कि महापौर के तानाशाही रवैये को लेकर सभी निलंबित पार्षदों ने आडिटोरियम के गेट के बाहर धरना दिया और निलंबन समाप्त करने की मांग की। इस अवसर पर निगम पार्षद विजय कुमार, धीरेन्द्र कुमार, रेखा दीक्षित, विमलेश, मोहिनी, रेखा त्यागी, राज कुमार गर्ग, हसीब-उल-हसन, जितेन्द्र कुमार, घनेन्द्र भारद्वाज, डा अशोक कुमार एवं डा अतुल कुमार गुप्ता उपस्थित थे। नेता विपक्ष ने कहा कि दिल्ली नगर निगम का चुनाव सर पर है और दिल्ली की जनता आगामी चुनाव में भाजपा से 15 वर्षों का हिसाब मांगेगी।