कोरोना पर सियासी घमासान… बीजेपी अध्यक्ष गिरफ्तार… रिहा

-प्रदेश भारतीय जनता पार्टी का केजरीवाल सरकार के खिलाफ राजघाट पर प्रदर्शन
-पदर्शन में विधायक व पार्टी नेता शामिल, पुलिस ने राजेंद्र नगर थाने लेजाकर छोड़ा

टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
केजरीवाल सरकार पर कोरोना में विफलता का आरोप लगाते हुए दिल्ली प्रदेश भारतीय जनता पार्टी ने राजघाट पर प्रदर्शन किया। दिल्ली पुलिस ने धरने में शामिल प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता सहित विधायकों व नेताओं को हिरासत में ले लिया। इसके बाद रोजेंद्र नगर थाने लेजाकर छोड़ा। इस मौके पर दिल्ली विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी व विधायक मोहन सिंह बिष्ट, ओपी शर्मा, अनिल बाजपेई, जितेंद्र महाजन, अभय वर्मा व अजय महावर आदि मौजूद रहे।

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प्रदेश बीजपी अध्यक्ष्ज्ञ आदेश गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार से हमारी यही मांग है कि समय पर दिल्ली के अस्पतालों में लोगों का समुचित इलाज हो। लोगों को इलाज के लिए दर-दर न भटकना पड़े। अस्पतालों के बाहर लोग दम तोड़ रहे हैं और मुख्यमंत्री केजरीवाल अपनी राजनीति में व्यस्त हैं। प्रतिदिन प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए केजरीवाल नए-नए मुद्दों को उठाकर अपनी नाकामियों को छुपाने की कोशिश में लगे रहते हैं। अगर विज्ञापन पर खर्च किए हुए करोड़ों रुपए केजरीवाल सरकार ने स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को सुधारने में लगाया होता तो आज दिल्ली की स्थिति बेहतर होती। यह दिल्ली के मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी थी कि वह दिल्ली के लोगों को सुरक्षित रखें लेकिन उन्होंने ठीक इसके विपरीत लोगों को स्वास्थ सुविधाओं के अभाव में मरने के लिए छोड़ दिया।

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आदेश गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल सरकार द्वारा दिल्ली के अस्पतालों को सिर्फ दिल्ली के लोगों के इलाज के लिए निर्देशित करना उनकी संवेदनहीनता को साफ दर्शा रहा है। दिल्ली के लोगों को ही दिल्ली में समय पर इलाज नहीं मिल रहा है तो पर प्रांत के लोगों को क्या ही इलाज मुहैया करा पाएंगे केजरीवाल? असल मुद्दों से भटकाने में केजरीवाल सरकार को महारत हासिल है। कई बार अपने बयानों से मुख्यमंत्री केजरीवाल ने परप्रांत के लोगों को लेकर अपने सौतेले रवैए को साबित किया है। काफी समय से मुख्यमंत्री केजरीवाल परप्रांत के लोगों को दिल्ली से दूर करने के एजेंडे को लागू करना चाहते थे और आज केजरीवाल ने साबित कर दिया कि उन्हें परप्रांत के लोगों से कितनी नफरत है।

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दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि कोई गंभीर बीमारी से ग्रसित मरीज दिल्ली के अस्पतालों में जाएगा तो क्या उसे यह कह कर मना कर दिया जाएगा कि आप दिल्ली के नहीं है इसलिए हम आपका इलाज नहीं कर सकते हैं? क्या दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल के पास जरा भी इंसानियत बची है? यह उम्मीद नहीं थी कि मुख्यमंत्री होने के नाते अरविंद केजरीवाल इस आपदा के समय में भी लोगों की सुरक्षा की जगह अपनी राजनीति को सर्वोपरि रखेंगे। श्रेय लेने की होड़ में अरविंद केजरीवाल ने अपनी मानवता को कहीं भुला दिया है।

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दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने तो जैसे ठान लिया है कि दिल्ली को बर्बाद करके छोड़ेंगे। मुख्यमंत्री जैसे संवैधानिक पद पर बैठकर एक व्यक्ति इतना अमानवीय और संवेदनहीन कैसे हो सकता है? समय रहते केजरीवाल सरकार ने महामारी कोविड-19 से निपटने की उचित व्यवस्था नहीं की जिसका परिणाम यह हुआ कि दिल्ली में आज कोरोना संक्रमण के 27000 से भी ज्यादा मामले है। मुख्यमंत्री केजरीवाल फिर भी अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस की कुर्सी से चिपके हुए हैं, उन्हें दिल्ली के लोगों की सुरक्षा की कोई चिंता नहीं है। दिल्ली के लोग भी मुख्यमंत्री केजरीवाल के नाटकीय सहानुभूति और कागजी स्वास्थ्य व्यवस्थाओं से त्रस्त हो चुके हैं।