-एक बड़े योग गुरु के आश्रम में छिपा है सुशील पहलवान
-बाबा ने सिफारिश में किया एक संयुक्त आयुक्त को फोन
-मॉडल टाउन का फ्लैट बना सागर की मौत का कारण
एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
दिल्ली पुलिस
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने आखिर ओलंपियन सुशील कुमार का पता लगा लिया है। पुलिस को उसकी लोकेशन एक बड़े योग गुरु के हरिद्वार स्थित आश्रम में मिली है। पहलवान सागर धनखड़ की हत्या के आरोपी सुशील के बेहद खास रहे रोहतक निवासी भूरा ने पुलिस को दिए बयान में इस बात का पर्दाफाश किया है। सुशील पर हत्या का आरोप लगने के कारण किसी न किसी दबाव में आकर पुलिस इससे जुड़े हर पहलुओं पर शुरू दिन से चुप्पी साध रखी है। भूरा के बयान को अत्यंत गोपनीय रखा गया है। इसके बयान को पुलिस अपनी तफ्तीश में शामिल करेगी या नहीं यह कहना मुश्किल है। बता दें कि यह प्रसिद्ध योग गुरू सुशील कुमार को बचाने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के संपर्क में है और पूरी कोशिश कर रहा है।
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जांच से जुड़े एक पुलिस अधिकारी का कहना है कि पहलवान भूरा, सुशील का पहले सबसे खास होता था। सुशील के सारे कामों की देखरेख वही करता था। लेकिन कुछ साल पहले किसी बात को लेकर सुशील ने उससे दूरी बना ली थी। उसके बाद सुशील ने अपना सारा कामकाज अजय और भूपेंद्र को सौंप दिया था। इस समय ये दोनों सुशील के सबसे खास हैं। भूपेंद्र फरीदाबाद का रहने वाला है और इसके खिलाफ फरीदाबाद के थानों में उगाही, आर्म्स एक्ट आदि के सात मामले दर्ज हैं। अजय के बारे में पुलिस को अभी ज्यादा जानकारी नहीं मिल पाई है। बताया जा रहा है कि उसके पिता बक्करवाला इलाके से कांग्रेस के निगम पार्षद हैं।
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पुलिस अधिकारी का कहना है कि भूरा को सुशील ने भले ही किनारे कर दिया हो, लेकिन दोनों के बीच झगड़ा नहीं है। चार मई की देर रात छत्रसाल स्टेडियम में पहलवान सागर धनखड़ की हत्या के बाद सुशील और उसके साथ आए सभी पहलवान वहां से भाग गए थे। सभी अलग अलग जगहों पर जाकर छिप गए थे। अगले दिन सुबह 10 बजे सुशील को जब पता चला कि सागर की सुश्रुत ट्रामा सेंटर में मौत हो गई है और पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया है व मुकदमें में उसका नाम भी है। तब सभी लोग दिल्ली से अलग-अलग भाग निकले। अजय को सुशील ने समयपुर बादली छोड़ देने को कहा था।
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यहां कुछ देर रुकने के बाद सुशील ने फोन कर भूरा को बुला लिया था और बाबा के आश्रम हरिद्वार में छोड़ देने को कहा था। भूरा उसे सीधे आश्रम ले जाकर छोड़ आया और कुछ देर वहां रुकने के बाद वापस रोहतक लौट गया। आश्रम पहुचने के बाद सुशील ने अपने सभी फोन बंद कर लिए थे। पुलिस को भी उसकी अंतिम लोकेशन वहीं की मिली है। कॉल डिटेल से पुलिस को जब भूरा के बारे में पता लगा तब उसे रोहतक से हिरासत में ले लिया गया था।
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बता दें कि संयुक्त आयुक्त एसएस यादव ने भूरा से गोपनीय तरीके के पुछताछ की जिम्मेदारी सुभाष प्लेस थाने के इंस्पेक्टर प्रताप सिंह को सौंपी थी। उसे तीन दिन तक सुभाष प्लेस थाने में रखकर पूछताछ की गई। पूछताछ में भूरा ने सारी सच्चाई उगल दी है। उसने यह भी बताया कि जब वह सुशील को लेकर आश्रम पहुंचा तब बाबा ने उसके सामने दिल्ली पुलिस के एक संयुक्त आयुक्त को फोन कर सुशील को हर हाल में बचाने को कहा था। इकबालिया बयान में भूरा ने इस बारे में भी सबकुछ सही बता दिया है। जिसके बाद उसे और दो अन्य लोगों को मंगलवार को छोड़ दिया गया।
सागर के शरीर पर मिले 50 से ज्यादा गहरे घाव
छत्रसाल स्टेडियम में बीते चार मई की रात ओलंपियन सुशील पूरी तैयारी के साथ पहलवानों और बदमाशों को लेकर उभरते पहलवान सागर धनखड़ की हत्या करने आया था। सागर के शरीर पर मिले चोट के निशानों से परिजनों का कहना है कि सुनियोजित तरीके से उसकी हत्या की गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक सागर की छाती को छोड़कर पूरे शरीर पर लाठी और लोहे की रॉड से मारने के घाव थे। पैर से लेकर सिर तक 50 से अधिक गहरे घाव के निशान थे। सिर पर सबसे ज्यादा वार किया गया था।
सीसीटीवी में सुशील की तस्वीरः परिजन
मृतक पहलवान सागर धनखड़ परिजनों का आरोप है कि स्टेडियम के सीसीटीवी कैमरे में सुशील की तस्वीर भी सागर को बुरी तरीके से मारते हुए कैद है। घटना वाली रात सागर के तीन साथियों सोनू, भगत सिंह व अमित की भी सुशील के बदमाशों ने पिटाई की थी। शनिवार को उन सभी के बयान मॉडल टाउन थाने में दर्ज किए गए हैं। बता दें कि घटना वाली रात (चार मई) पुलिस ने प्रिंस दलाल नाम के आरोपित को छत्रसाल स्टेडियम के बाहर से गिरफ्तार किया था। साथ ही दो एसयूवी, एक होंडा सिटी और एक आल्टो कार सहित दो दोनाली बंदूक, सात कारतूस और दो डंडे जब्त किए थे। घटना के बाद से सुशील अपने साथियों के साथ फरार है। सभी के फोन लगातार बंद आ रहे हैं। पुलिस ने अब इन पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। शिकंजा कसने की कड़ी में पहले सुशील के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया ताकि वह देश छोड़कर भाग नहीं सके।
सुशील के कई सहयोगियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट
बीते सोमवार को माडल टाउन थाना पुलिस ने सुशील समेत उसके खास सहयोगी अजय, मोहित, डॉली, भूपेंद्र सहित सात आरोपितों के खिलाफ रोहिणी कोर्ट से गैर जमानती वारंट भी हासिल कर लिया। घटना को अंजाम देने के बाद सुशील और उसके साथी हरिद्वार की तरफ भाग गए थे। इसकी पुष्टि सुशील की मोबाइल लोकेशन से भी हुई थी। इसके बाद से उत्तर-पश्चिमी जिले की पुलिस के अलावा स्पेशल सेल और क्राइम ब्रांच की टीम उत्तराखंड के हर संभावित ठिकाने पर दबिश दे रही है। हालांकि अभी तक पुलिस को किसी तरह की सफलता नहीं मिली है। मारपीट और हत्या की पूरी वारदात स्टेडियम के सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी। जिसे अहम सबूत के तौर पर पुलिस ने जब्त कर लिया है। वहीं, दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का कहना है कि स्टेडियम में काम करने वाले कर्मचारियों, सुशील के ससुर एशियन गेम्स पदक विजेता सतपाल और साले लव सहरावत समेत 20 से अधिक लोगों से पूछताछ की जा चुकी है।
मॉडल टाउन का बेशकीमती फ्लैट बना मौत का कारण
पहलवान सागर धनखड़ हत्या के मामले में पुलिस को नित नई जानकारी मिल रही है। पुलिस को मॉडल टाउन का एक बेशकीमती फ्लैट मिला है। बताया जा रहा है कि माडल टाउन इलाके में ये फ्लैट सुशील पहलवान का है। इसमें सागर और उसके कुछ अन्य साथी रह रहे थे। सागर और उसके साथियों के गैंगस्टरों से संबंध हैं। इन सभी ने अपने ऊपर कुछ नामी गैंगस्टरों का हाथ होने पर सोचा कि इस फ्लैट पर वो कब्जा कर लेंगे। सुशील ने जब उनको फ्लैट खाली करने के लिए कहा तो इन लोगों ने इनकार कर दिया। इसको लेकर दोनों पक्षों में कई बार बात भी हुई मगर राजीनामा नहीं हो सका।
कई बार कहने के बाद भी इन लोगों ने अब तक फ्लैट को खाली नहीं किया। आखिर में 4 मई को सागर को छत्रसाल स्टेडियम में बुलाया गया, वहां वो अपने साथियों के साथ पहुंचा, सुशील वहां अपने साथियों के साथ पहले से मौजूद था। सुशील को पहले से सागर पर गुस्सा था, जब दोनों आमने सामने हुए तो बात बढ़ते-बढ़ते मारपीट पर पहुंच गई। फिर दोनों पक्षों में जमकर एक घंटे से अधिक समय तक मारपीट हुई। सागर को लात, घूंसों और डंडों से पीटा गया, जिससे बाद में उसकी मौत हो गई। यहां कई राउंड फायर भी हुए। इस मारपीट में दोनों पक्षों को चोटें आई मगर एक पक्ष ही अस्पताल पहुंचा दूसरे पक्ष के लोग मौके से फरार हो गए। इन लोगों ने अलग-अलग जगह पर मरहम पट्टी करवाई।
अभी तक नौ गाड़ी व दो बंदूक पुलिस के कब्जे में
बता दें कि घटना वाली रात (चार मई) को पुलिस ने प्रिंस दलाल नाम के आरोपी को छत्रसाल स्टेडियम के बाहर से गिरफ्तार किया था। साथ ही दो एसयूवी, एक होंडा सिटी और एक आल्टो कार सहित दो दोनाली बंदूक, सात कारतूस और दो डंडे जब्त किए थे। घटना के बाद से सुशील अपने साथियों के साथ फरार है। सभी के फोन लगातार बंद आ रहे हैं। सोमवार को माडल टाउन थाना पुलिस ने सुशील समेत उसके खास सहयोगी अजय, मोहित, डॉली, भूपेंद्र सहित सात आरोपितों के खिलाफ रोहिणी कोर्ट से गैर जमानती वारंट भी हासिल कर लिया। अभी तक पुलिस ने अलग अलग स्थानों से कुल 9 गाड़ियां जब्त की हैं।