बंगाल में भय और हिंसा के साये में जी रहे हिंदू समुदाय के लोगः VHP

-टीएमसी के गुंडों और जिहादी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
-हिंदुओं के साथ हो रहीं हत्या, आगजरी, लूटपाट की घटनाएं

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
पश्चिम बंगाल (West Bengal) में हिंदुओं (HINDUS) के साथ लगातार हो रहीं हिंसा, आगजनी, लूटपाट और हत्याओं को लेकर विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। वीएचपी ने कहा है कि राज्य सरकार को इस मामले में जिम्मेदार लोगों के खिलाफ तुरंत सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए नहीं तो हिंदू समाज को भी आत्म रक्षा के लिए कड़े कदम उठाने पड़ेंगे। वीएचपी ने कहा है कि बंगाल में विधानसभा (Vidhansabha) चुनाव के बाद हिंदू समाज के लोगों पर राजनैतिक विद्वेष पूर्ण हमलों ने सम्पूर्ण देश को ना सिर्फ शर्मसार किया है अपितु लोकतांत्रिक मर्यादाओं को भी तार-तार किया है।

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बंगाल में मतगणना के दौरान ही प्रारंभ हुए अनेक प्रकार के लगातार हमलों पर चिंता व्यक्त करते हुए विश्व हिन्दू परिषद के केन्द्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने (Milind Parande) कहा कि बंगाल में हिन्दू समाज भयाक्रांत है और जिनके पास राज्य की कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी है वे अपनी आंखें मूंदे बैठे हैं। राज्य के लगभग हर हिस्से से लगातार यही खबरें आ रही हैं कि हिन्दुओं के घरों, मंदिरों, बस्तियों, बहिन-बेटियों व व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को समाज-कंटक टीएमसी के गुंडे व जिहादी तत्व सरेआम हिंसा, आगजनी व लूटपाट का शिकार बना रहे हैं।

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उन्होंने आगे कहा कि अनेक हिंदुओं को राजनैतिक प्रतिद्वंदियों द्वारा लगातार धमकियां दी जा रही हैं तथा इन सब मामलों में स्थानीय पुलिस-प्रशासन (Police-Administration) मूक दर्शक बनका तमाशा देख रहा है। ये हिंसा अब तक एक दर्जन से अधिक लोगों की जान ले चुकी तथा अनेक घर, दुकानें, मंदिर, बस्तियां व व्यावसायिक प्रतिष्ठान स्वाहा हो चुके हैं। हिंसा की शिकार हुतात्माओं के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए विहिप महामंत्री ने मांग की कि राज्य शासन हिंसा के तांडव को अबिलंब रोक कर दंगाइयों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करे।

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मिलिंद परांडे ने यह भी कहा की बंगाल में लोगों की हत्याएं हो रही हैं, उनके साथ लूटपाट और आगजनी की घटनाएं हो रही हैं। यहां तक कि बच्चों और महिलाओं तक को भी नहीं छोड़ा जा रहा है। लेकिन इन घटनाओं के प्रति राज्य सरकार का रवैया पूरी तरह से उदासीन रहा है। इसको गंभीरता से लेते हुए अब केंद्र सरकार को भी कड़े कदम उठाने चाहिए। जहां सुरक्षा-बल तक सुरक्षित ना हों वहां सामान्य नागरिकों का क्या हाल होगा? यह आसानी से समझा जा सकता है। वर्तमान शासन व राजनैतिक नेतृत्व द्वारा क्षुद्र राजनैतिक विद्वेष से अपने ही नागरिकों पर हो रहे भीषण अत्याचारों पर मूक दर्शक बनकर मुंह मोड लेना हिंसा को बढ़ावा देने से कम नहीं है। उन्होंगने आगे कहा कि ऐसी परिस्थितियों में हिन्दू समाज को भी अपनी रक्षा का पूर्ण अधिकार है और यह आतंक यहीं नहीं थमा तो हिंदू समाज भी अपने अधिकार का प्रयोग करेगा।