-धर्मांतरण रोकने के लिए गांवों में मजबूत की जाएंगी इकाईयां
एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
केंद्रीय उपाध्यक्ष डॉक्टर रविंद्र नारायण सिंह अब विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय अध्यक्ष बन गये हैं। हरियाणा के फरीदाबाद में चल रही वीएचपी की केंद्रीय प्रबंध समिति और प्रांतीय मंडल की बैठक में विहिप ने अपने संगठन में बदलाव किया है। सर्जन के रूप में पहचान बनाने वाले डॉ. आरएन सिंह पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित हैं। अध्यक्ष बनने के बाद डॉ. सिंह ने कहा कि अयोध्या में जन-जन के सहयोग से राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। मंदिर का निर्माण सभी की भागीदारी से ही किया जाएगा। इसके अलावा विश्व हिंदू परिषद को और भी सशक्त व मजबूत बनाया जाएगा। गौरतलब है कि विश्व हिंदू परिषद की केंद्रीय प्रबंध समिति व प्रन्यासी मंडल की दो दिवसीय बैठक में हरियाणा के फरीदाबाद में हो रही है। इस बैठक में देशभर के लगभग 275 विहिप पदाधिकारियों और विदेशों के प्रतिनिधियों के भी शामिल हुए हैं।
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विहिप के नए अध्यक्ष बिहार के सहरसा के रहने वाले है। उनके पिता जिला एवं सत्र न्यायाधीश स्व. राधा बल्लभ सिंह थे। डॉ. डॉ. आरएन सिंह प्रसिद्ध अस्थि शल्य चिकित्सक हैं। उनकी स्कूली शिक्षा कटिहार में हुई है और इससे आगे की शिक्षा पटना में पूरी करने के बाद उन्होंने पीएमसीएच से एमबीबीएस किया। इसके बाद लगभग एक दशक तक लंदन में एफआरसीएस व अन्य डिग्री हासिल की। वे लंदन में रहने के दौरान ही विश्व हिंदू परिषद से जुड़े। 80 के दशक में पटना आकर अपनी क्लीनिक चलाने लगे। इस दौरान उन्हें बेहतर सेवा के लिए राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने पद्मश्री सम्मान भी दिया। वह विगत दिनों से विहिप के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के रूप में सक्रिय थे।
धर्मांतरण रोकने को गांवों में गठित होंगी इकाइयां
इस मौके पर विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय संयुक्त महामंत्री सुरेंद्र जैन ने कहा कि बैठक में पूर्व न्यायाधीश विष्णु सदाशिव कोकजे ने अपनी बढ़ती उम्र के कारण स्वतः पदमुक्त होने का निवेदन किया था। जिसे स्वीकार कर लिया गया और उनके स्थान पर डॉ. आरएन सिंह को नया अध्यक्ष चुना गया, जबकि अधिकांश पदाधिकारी पहले की तरह ही बने रहेंगे। इस बैठक में राम मंदिर निर्माण कोष को लेकर उठे विवाद से लेकर जनसंख्या नियंत्रण और जबरन मतांतरण के खिलाफ कानून बनाने के विषयों पर चर्चा होने की संभावना है। इस बैठक में वीएचपी अपनी सालभर की नई कार्ययोजना पर भी चर्चा करेगी।
जैन ने आगे कहा कि मेवात को कश्मीर नहीं बनने दिया जाएगा। यहां धर्मांतरण रोकने के लिए गांवों में संगठन की इकाइयों का गठन किया जाएगा। मेवात से अब पलायन नहीं होगा, बल्कि पराक्रम के साथ रहना होगा। मेवात के हिन्दू समाज के साथ आसपास का हिन्दू समाज खड़ा होगा। उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से अपील करते हुए कहा कि वे अपनी चारों घोषणाओं को मेवात में अमल में लाएं। मेवात में गो हत्या पूर्ण रूप से बंद हो, धर्मांतरण के लिए कानून बनाएं, हिन्दू धर्मस्थलों का संरक्षण हो और मेवात में बीएसएफ का कैंप हो।