NUJI- UPJA ने की UP में पत्रकारों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग

-मुख्यमंत्री यागी आदित्यनाथ को भेजा पत्र, कहा- सरकार की छवि खराब कर रहे अधिकारी
-महामारी से बचाव व सरकार के प्रयासों को जनता तक पहुंचाने में मीडिया की प्रमुख भूमिका

टीम एटूजैड/ नई दिल्ली-लखनऊ
नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) और उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन (उपजा) ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी को पत्र भेजकर पत्रकारों के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग की है। दोनों पत्रकार संगठनों की तरफ से कहा गया है कि विभिन्न जिलों के अधिकारी अपनी लापरवाही छिपाने के लिए मीडियाकर्मियों पर मुकदमे दर्ज करके सरकार की छवि खराब कर रहे हैं।

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एनयूजेआई के अध्यक्ष रास बिहारी और उपजा के अध्यक्ष रतन दीक्षित की ओर से लिखे पत्र में कहा गया है कि कोरोना महामारी के प्रकोप के दौरान डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, पुलिस और प्रशासन और अन्य सरकारी विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों की तरह ही मीडियाकर्मी अपना कर्तव्य निभा रहे हैं। अखबार और चैनल जनता को महामारी से बचने के उपायों की जानकारी देने के साथ ही तमाम सूचनाएं उपलब्ध करा रहे हैं। कोरोना महामारी से देशवासियों को बचाने और उपचार के तरीके बताने में मीडिया ने एक महत्वपूर्ण भूमिक निभाई है।

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एनयूजे अध्यक्ष रास बिहारी ने कहा है कि मीडियाकर्मी अपने दायित्व का निर्वाह करते हुए प्रशासनिक खामियों को सरकार और जनता के सामने लाते हैं ताकि समय रहते हुए सुधार किया जा सके। उन्होंने कहा कि हैरानी की बात है कि कई जिलों में प्रशासनिक अधिकारी अपनी कमियों को उजागर होने पर मीडियाकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मीडियाकर्मियों को समाचार लिखने या दिखाने पर मुकदमा दर्ज किए जा रहे हैं।

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श्री रास बिहारी और रतन दीक्षित ने कहा कि कई जिलों में पत्रकारों ने अपना विरोध भी दर्ज कराया है। सीतापुर के पत्रकार रविंद्र सक्सेना पर महोली तहसील में होम क्वारंटाइन किए गए लोगों को प्रशासन द्वारा दुर्गंध व फफूंदीयुक्त चावल देने का समाचार जारी करने पर मुकदमा दर्ज किया गया। कानपुर में होमगार्ड के जवानों की समस्याओं की खबर प्रकाशित करने पर मीडिया ब्रेक’ वेबसाइट के संपादक आशीष अवस्थी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। फतेहपुर में जिला प्रशासन के उत्पीड़न के विरोध में पत्रकारों ने गंगा नदी में उतरकर जल सत्याग्रह किया। अजय भदौरिया ने ट्वीट किया था कि विजयपुर का सामुदायिक रसोईघर बंद हो गया है। उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।

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संगठन की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि लॉकडाउन के दौरान गरीबों के लिए चलाई जाने वाली कम्युनिटी किचन बंद होने की खबर के लिए भदौरिया व अन्य के खिलाफ जिला प्रशासन ने आईपीसी की 505, 385, 188, 270 व 269 धारा के तहत मुकदमा दर्जकर आपराधिक षड्यंत्र की धारा 120बी भी लगा दी है। कुछ जिलों में अन्य पत्रकारों के खिलाफ भी मामले दर्ज किए गए हैं।
एनयूजेआई और उपजा की तरफ से लॉकडाउन के दौरान गाजियाबाद और नोएडा समेत कई स्थानों पर मीडियाकर्मियों के साथ हुई बदसलूकी की तरफ भी मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षित किया गया है।