पत्रकार प्रवीण तिवारी पर बंगाल पुलिस के मुकदमे पर NUJI ने विरोध जताया

-एनयूजे ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री से की दखल की मांग की
-मामले में दखल के लिए केंद्रीय गृहमंत्री को लिखा पत्र

टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
दिल्ली में प्रिंट और इलैक्ट्रानिक मीडिया से जुड़े पत्रकार डा.प्रवीण तिवारी पर पश्चिम बंगाल के बेलिया घाटा थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर पूछताछ के लिए नोटिस भेजा है। किसी व्यक्ति ने उन पर पर सोशल मीडिया में एक रिपोर्ट पोस्ट करने पर पश्चिम बंगाल सरकार की छवि बिगाड़ने का आरोप लगाया है। नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स-इंडिया (एनयूजेआई) ने पत्रकार के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने और कोरोना महामारी के कारण जारी लॉकडाउन में नोटिस भेजने पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री सुश्री ममता बनर्जी को पत्र भेजा है। पत्रकार संगठन ने कहा है कि पत्रकार पर बेवजह मुकदमा दर्ज करना मीडिया की स्वतंत्रता पर हमला है।

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देश के शीर्ष पत्रकार संगठन एनयूजेआई के अध्यक्ष रास बिहारी ने बताया कि कई टीवी चैनलों में काम कर चुके पत्रकार डा.प्रवीण तिवारी को दो बार नोटिस भेजकर बेलिया घाटा थाना बुलाया गया है। डा.तिवारी ने कई पुस्तकें भी लिखी हैं। सहारा समय, टीवी 18, लाइव इंडिया न्यूज चैनलों में काम चुके तिवारी का हाल ही में गॉल ब्लेडर का आपरेशन हुआ है। पश्चिम बंगाल पुलिस लॉकडाउन के दौरान आने-जाने पर लगे प्रतिबंध के बावजूद उन्हें नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुला रही है।

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रास बिहारी ने बताया कि इस बारे में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को भी एक पत्र भेजा गया है। उन्होंने बताया कि पिछले महीने कोलकाता के दो प्रमुख बंगाली अखबारों के संपादकों को भी पुलिस ने नोटिस भेजा था। आनंद बाजार पत्रिका के संपादक ने तो पूछताछ का नोटिस देने पर इस्तीफा दे दिया था। 29 जून 2020 को आराम बाग टीवी के मालिक व पत्रकार शेख शफीकुल इस्लाम को गिरफ्तार किया गया था।
उनकी पत्नी अलीमा खातून और चैनल में काम करने वाले पत्रकार सूरज अली खान को भी गिरफ्तार किया गया था। चैनल का दावा था कि कोरोना महामारी के बीच सरकार ने जिन विभिन्न क्लबों को पैसा देने का दावा किया है, वो वास्तविकता में अस्तित्व में ही नहीं है। इस खुलासे के बाद शफीकुल के ख़लिफ़ कई एफआईआर दर्ज की गई थीं।