-सेलरी देने के बजाय बीजेपी कर रही निगम के सामुदायिक शौचालयों का निजीकरणः मुकेश गोयल
-निगम कर्मियों की सेलरी देने में उपयोग हो सकता है निजी कंपनियों को जाने वाला पैसाः मुकेश गोयल


एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
उत्तरी दिल्ली नगर निगम में कांग्रेस दल के नेता और वरिष्ठ निगम पार्षद मुकेश गोयल ने नगर निगम के सामुदायिक शौचालयों को निजी हाथों में सोंपे जाने पर कड़ा विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम की बुधवार को होने वाली स्थायी समिति की बैठक में यह प्रस्ताव (मद संख्याः 40) लाया जा रहा है। प्रस्ताव के मुताबिक 131 सामुदायिक शौचालयों को निजी हाथों में सोंपा जाएगा। इसके लिए हर साल नगर निगम की ओर से 10 करोड़ से ज्यादा की राशि का भुगतान गैर योजना मद से निजी कंपनियों को किया जाएगा। उन्होंने अपने पत्र में सामुदायिक शौचालयों के निजीकरण के प्रस्ताव को वापस लेने की मांग की है।
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मुकेश गोयल ने महापौर जय प्रकाश, स्थायी समिति अध्यक्ष छैल बिहारी और निगम आयुक्त ज्ञानेश भारती को पत्र लिखकर विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि एक ओर नगर निगम अपने सफाई कर्मचारियों सहित दूसरे स्टाफ को समय से वेतन नहीं दे पा रहा है। सेवानिवृत कर्मचारियों को कई महीनों से पेंशन का भुगतान नहीं किया जा सका है। ज्यादातर कर्मचारियों को चार महीनों से वेतन नहीं मिला है। दूसरी ओर 131 सामुदायिक शौचालयों को निजी हाथों में सोंपकर बड़ी रकम के भुगतान का प्रस्ताव लाया जा रहा है।
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मुकेश गोयल ने आगे कहा कि नगर निगम में सत्ताधारी दल बीजेपी के इस कदम से न केवल निगम के सफाई कर्मचारियों में रोष फैलेगा, बल्कि उनका मनोबल भी टूटेगा। उन्होंने कहा कि इन 131 सामुदायिक शौचालयों का रखरखाव अब भी नगर निगम के सफाई कर्मचारी कर रहे हैं। ऐसे में यह शौचालय निजी कंपनियों को सोंपने के बजाय गैर योजना मद से नगर निगम के कर्मचारियों के वेतन का भुगतान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए, क्योंकि यह निगम कर्मचारियों के हित में नहीं है।