-2020 के दिल्ली दंगों के आरोपितों में शुमार उमर खालिद शरजील इमाम और खालिद सैफी के भड़काऊ भाषणों का उल्लेख करते हुए दिल्ली पुलिस ने कहा: ‘आरोपितों का मकसद मुस्लिम समुदाय में दहशत पैदा करनी था’
एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली: 2 अगस्त, 2022।
फरवरी, 2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) में पुलिस ने अहम खुलासा किया है। दिल्ली पुलिस ने सुनवाई के दौरान कहा कि दंगों के आरोपित उमर खालिद, शरजील अहमद और खालिद सैफी के भड़काऊ भाषण का सार मुस्लिम आबादी में भय पैदा करना था।
दिल्ली दंगा मामले में आरोपित उमर खालिद की जमानत याचिका का विरोध करते हुए दिल्ली पुलिस ने सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट में कहा कि उमर खालिद, शरजील इमाम, खालिद सैफी समेत अन्य आरोपितों के भड़काऊ भाषण में एक तथ्य समान था और इसका सार यह है कि वे मुस्लिम आबादी में भय पैदा करना चाहते थे।
दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर की पीठ के समक्ष पुलिस की तरफ से पेश हुए विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद ने कहा कि जब आप बाबरी मस्जिद या तीन तलाक के बारे में बात करते हैं, तो ये एक धर्म से संबंधित हैं, लेकिन जब कश्मीर की बात करते हैं, तो यह राष्ट्रीय एकता का मुद्दा है।
NRC और CAA ही नहीं था निशाने पर
दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान अमित प्रसाद ने फरवरी 2020 में महाराष्ट्र के अमरावती में उमर खालिद के भाषण का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें केवल सीएए और एनआरसी ही विरोध का केंद्र बिंदु नहीं था, बल्कि विशेष रूप से एक समुदाय से संबंधित अन्य मुद्दों से जुड़ा था। अमित प्रसाद ने कहा कि जब वरिष्ठ अधिवक्ता त्रिदीप पेस (खालिद के वकील) ने कहा कि उमर खालिद के भाषण में कुछ भी गलत नहीं था, तो मैं भी कहता हूं कि कुछ भी गलत नहीं है।
दंगों में हुई 50 से ज्यादा लोगों की मौत
गौरतलब है कि फरवरी, 2022 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में 50 से अधिक लोगों की जान चली गई थी और सैकड़ों लोग घायल हुए थे। इसके अलावा, करोड़ों रुपये की संपत्ति का नुकसान भी हुआ था।