‘‘सांसद …..को भगाना है’’… संगठन में जगह नहीं मिलने पर सोशल मीडिया पर भड़ास निकाल रहे BJP कार्यकर्ता

-बीजेपी उत्तर पूर्वी जिला में नहीं थम रहा बवाल

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली।
प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (BJP) में संगठनात्मक नियुक्तियों को लेकर शुरू हुआ कार्यकर्ताओं का बवाल अभी ठंडा नहीं हो रहा है। खास तौर पर जिला पदाधिकारियों की नियुक्तियों को लेकर ज्यादा विरोध हो रहा है। इनमें कुछ पूर्व निगम पार्षद और पूर्व जिला पदाधिकारी भी इस विरोध को खुलकर हवा दे रहे हैं। उत्तर पूर्वी जिला में नाराज कार्यकर्ताओं ने उत्तर पूर्वी दिल्ली से बीजेपी सांसद मनोज तिवारी के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है।

पार्टी कार्यकर्ता अपने ही सांसद मनोज तिवारी के ऊपर कई तरह के आरोप लगा रहे हैं। यह आरोप सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहे हैं। जिला पदाधिकारियों में जगह नहीं मिलने पर एक बीजेपी कार्यकर्ता ने तो अपने फेसबुक पर ‘सांसद को भगाना है’ जैसे शब्दों का प्रयोग किया है। वहीं यह आरोप भी लगाया है कि सांसद जी को निगम चुनाव में टिकट के लिए ‘गांधी जी समर्पित’ करने वाले को जिला में महामंत्री बनवा दिया है।

पार्टी के एक कार्यकर्ता अनिल डागर ने तो अपने फेसबुक अकाउंट पर लाइव आकर सांसद मनोज तिवारी के खिलाफ खूब भड़ास निकाली है। इसे अब भी उनके फेसबुक पर देखा व सुना जा सकता है। दरअसल कार्यकर्ताओं का आरोप है कि सांसद मनोज तिवारी की सिफारिश पर कुछ ऐसे लोगों को जिला संगठन में जगह दी गई है, जो इस लायक नहीं थे, जबकि उनसे ज्यादा मेहनत करने वाले कार्यकर्ताओं की अनदेखी की गई है।

बगावती तेवर दिखाने वालों में पूर्व जिला अध्यक्ष मोहन गोयल का नाम भी बताया जा रहा है। मोहन गोयल ने भी अपने फेसबुक अकाउंट पर कुछ इसी तरह ‘कोट’ शेयर किया है। इसके बाद उनकी इस बात के समर्थन में भी पार्टी के बहुत से कार्यकर्ता कमेंट कर रहे हैं। इसी तरह का विरोध करोलबाग, शाहदरा, चांदनी चौक, उत्तर पश्चिम, बाहरी दिल्ली व दक्षिणी दिल्ली के कार्यकर्ताओं के द्वारा किया जा रहा है।
मनोनीत पार्षद नहीं बना पाये तो बना दिया जिला उपाध्यक्ष
दक्षिणी दिल्ली जिला में के.एस. दुग्गल को जिला उपाध्यक्ष बनाया गया है। बताया जा रहा है कि वह दक्षिणी दिल्ली जिला इलाके में ही नहीं रहते हैं। इनके बारे में खास बात बताई जा रही है कि दिल्ली नगर निगम चुनाव के बाद इनका नाम मनोनीत निगम पार्षद के लिए भी घोषित किया गया था, परंतु जिस जोन से इन्हें मनोनीत निगम पार्षद बनाया जाना था उस जोन में यह रहते ही नहीं हैं। इसकी वजह से पार्टी की उस समय भी खूब किरकिरी हुई थी। बताया जा रहा है कि के.एस. दुग्गल को जिला उपाध्यक्ष बनाने के लिए पार्टी के पंजाब के एक वरिष्ठ नेता प्रदेश नेतृत्व पर दबाव डाला था।