-पेट्रोलियम और रसोई गैस के बढ़ते दामों ने तोड़े सारे रिकॉर्ड
-दिल्ली में बढ़कर 90 रूपये हुए पेट्रोल के दाम
-विशेषज्ञों की रायः ज्यादा राजस्व जुटाने की भूख बनी कारण
एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
केंद्र की मोदी सरकार का ‘जबरिया विकास’ लोगों की जेब पर भारी पड़ रहा है। पेट्रोलियम पदार्थों के नाम पर 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले खुद को ‘किस्मतवाला’ कहने वाले पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के दामों के रूप में लोगों का खून चूसने में जुटी है। अंतरर्राष्ट्रीय बाजार में 2014 के मुकाबले आधे दाम होने के बावजूद देश में पेट्रोल की कीमत 100 रूपये प्रति लीटर के पार पहुंच गई हे। बुधवार को पेट्रोल-डीजल की कीमतें लगातार 9वें दिन बढ गई हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि केंद्र सरकार की ज्यादा राजस्व जुटाने की भूख की वजह से पेट्रोल-डीजल के दामों का यह हाल हुआ है।
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दिल्ली में पेट्रोल अब 90 रुपये प्रति लीटर के करीब पहुंच गया है। बुधवार को दिल्ली में पेट्रोल 25 पैसे महंगा होकर 89.54 रुपये हो गया, जो कि अबतक का सबसे महंगा रेट है। डीजल भी 80 रुपये प्रति लीटर के काफी करीब पहुंच चुका है, हो सकता गुरूवार को कीमतें बढ़ें और ये 80 रुपये को पार कर जाए।
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दिल्ली में सबसे महंगा डीजल पिछले साल जुलाई के आखिरी हफ्ते में बिका था, तब भाव 81.94 रुपये प्रति लीटर थे और पेट्रोल का रेट 80.43 रुपये प्रति लीटर था। यानी उस समय पेट्रोल से महंगा डीजल बिका था। मेट्रो शहरों में सबसे महंगा पेट्रोल मुंबई में बिक रहा है, जहां रेट 96 रुपए प्रति लीटर हैं। जबकि डीजल 86.98 रुपए प्रति लीटर है।
पेट्रोल के दाम 100 रुपये के पार
दिल्ली में बुधवार को पेट्रोल 25 पैसे महंगा होकर 89.54 रुपये प्रति लीटर हो गया है, जो कि एक नया रिकॉर्ड है। मुंबई में भी पेट्रोल 96 रुपये प्रति लीटर पहुंच गया है, कोलकाता में पेट्रोल के दाम 90.78 रुपये प्रति लीटर पर बिक रहा है और चेन्नई में आज पेट्रोल का भाव 91.68 रुपये प्रति लीटर है। राजस्थान के श्रीगंगानगर में पेट्रोल के दाम देश में सबसे ज्यादा 100.13 रुपये प्रति लीटर पर बिक रहा है। जबकि डीजल के लिए यहां पर आपको 92.13 रुपये प्रति लीटर चुकाने होंगे।
4 मेट्रो शहरों में च्मजतवस की कीमतें
शहर कल का रेट आज का रेट
दिल्ली 89.29 89.54
मुंबई 95.75 96.00
कोलकाता 90.54 90.78
चेन्नई 91.45 91.68
पेट्रोल-डीजल के दामों में 2021 में लगी आग
फरवरी में अब तक पेट्रोल-डीजल के रेट में 11 बार बढ़ोतरी हुई है। इस दौरान दिल्ली में पेट्रोल 3.24 रुपए और डीजल 3.47 रुपए महंगा हुआ है। इससे पहले जनवरी में रेट 10 बार बढ़े थे। इस दौरान पेट्रोल की कीमत में 2.59 रुपए और डीजल में 2.61 रुपए की बढ़ोतरी हुई थी। साल 2021 में अब तक तेल की कीमतें 21 दिन बढ़ाईं गई हैं। इस दौरान पेट्रोल 5.83 रुपये प्रति लीटर महंगा हो चुका है। 1 जनवरी को पेट्रोल का भाव 83.71 रुपये था, आज 89.54 रुपये प्रति लीटर है। इसी तरह दिल्ली में 1 जनवरी से लेकर आज तक डीजल 6.08 रुपये प्रति लीटर महंगा हुआ है। 1 जनवरी को दिल्ली में डीजल का दाम 73.87 रुपये प्रति लीटर था, आज 79.95 रुपये है।
1 साल में साढ़े 17 रूपये महंगा हुआ पेट्रोल
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भले ही मंदी बनी हुई हो, लेकिन पिछले एक साल में देश में पेट्रोल के दामों में साढ़ें 17 रूपये प्रति लीटर से ज्यादा की बढ़ोतरी हो चुकी है। अगर बुधवार की कीमतों की तुलना ठीक साल भर पहले की कीमतों से करें तो 17 फरवरी 2020 को दिल्ली में पेट्रोल का रेट 71.94 रुपये प्रति लीटर था, यानी साल भर में पेट्रोल 17.60 रुपये प्रति लीटर महंगा हो चुका है। डीजल भी 17 फरवरी 2020 को 64.70 रुपये प्रति लीटर था, यानी डीजल भी साल भर में 15.25 रुपये प्रति लीटर महंगा हो गया है।
पेट्रोल के बाद डीजल की कीमतें भी महंगाई के नए आसमान पर पहुंच चुकी हैं। मुंबई में डीजल 86.98 रुपये प्रति लीटर है, जो कि अब तक के सबसे महंगे दाम हैं। दिल्ली में भी डीजल 79.95 रुपये प्रति लीटर, कोलकाता में रेट 83.54 रुपये प्रति लीटर और चेन्नई में पेट्रोल का भाव 85.01 रुपये प्रति लीटर है।
4 मेट्रो शहरों में डीजल के दामों पर एक नजर
शहर कल का रेट आज का रेट
दिल्ली 79.70 79.95
मुंबई 86.72 86.98
कोलकाता 83.29 83.54
चेन्नई 84.77 85.01
सरकार का बहानाः बढ़े कच्चे तेल के दाम
1. पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ने के पीछे सरकार का तर्क है कि अक्टूबर से अबतक कच्चे तेल का भाव 50 फीसदी बढ़कर 63.3 डॉलर के पार चला गया है। इस साल अब तक कच्चा तेल 21 परसेंट तक महंगा हो गया है। क्योंकि दुनियाभर में आर्थिक गतिविधियां तेजी से बढ़ी हैं। हालांकि ये पूरी वजह नहीं है, क्योंकि पिछले साल जनवरी में कच्चे तेल की कीमतें आज से काफी कम थीं, बावजूद इसके लोगों को पेट्रोल डीजल महंगा मिल रहा था।
2. विशेषज्ञों का कहना है कि पेट्रोल डीजल महंगा होने के पीछे सबसे बड़ा कारण है केंद्र और राज्य सरकारों की इससे ज्यादा से ज्यादा टैक्स जुटाने की भूख है। मोदी सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर कई तरह के टैक्स लगा रखे हैं और कई तरह के सेस भी वसूले जाते हैं। यह सब देश में विकास कराने के नाम पर किया जा रहा है।2020 की शुरुआत में पेट्रोल पर सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी 19.98 रुपये थी, जो अब बढ़ाकर 32.98 रुपये कर दी गई है। इसी तरह डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 15.83 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 31.83 रुपये प्रति लीटर कर दी गई है। इसके अलावा राज्य सरकारों के टैक्स अलग से लगते हैं।