-सफेद हाथी साबित हो रहे MCD के अस्पताल, गरीबों को नहीं मिल पा रहा इलाजः मुकेश गोयल
-मुकेश गोयल ने स्वास्थ्य समिति की बैठक में उठाया दवाईयों की कमी का मामला
एसएस ब्यूरो/ नई दिल्लीः 30 अक्टूबर, 20205।
इंद्रप्रस्थ विकास पार्टी (आईवीपी) के नेता और दिल्ली नगर निगम में वरिष्ठ निगम पार्षद मुकेश गोयल ने एमसीडी के अस्पतालों में दवाईयों और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भारी कमी पर चिंता जताई है। उन्होंने गुरूवार को स्वास्थ्य समिति की बैठक में इस मामले को उठाते हुए कहा कि कई महीनों से एमसीडी के स्वामी दयानंद अस्पताल सहित सभी अस्पतालों और डिस्पेंसरीज में मरीजों को जरूरी दवाईयां नहीं मिल रही हैं। एमसीडी के सबसे बड़े हिंदूराव अस्पताल में कर्मचारियों की कमी की वजह से मरीजों के तीमारदारों को स्ट्रेचर तक खुद ढोने पड़ रहे हैं।
मुकेश गोयल ने आगे कहा कि एमसीडी के अस्पतालों में गरीब तबके के लोग जाते हैं। परंतु एमसीडी अधिकारियों के गैरजिम्मेदाराना रवैये की वजह से मरीजों और उनके तीमारदारों को दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही हैं। हमें मिली जानकारी के अनुसार शुगर की दवाई ट्राजेंट्रा डुओ, इसी से संबंधित हार्ट अटैक व ब्रेन स्ट्रोक से बचाव की दवाई अटोरोब्लॉक जैसी दवाईयां दो-तीन महीने से खत्म हैं। कोलस्ट्रोल के इलाज की दवाई रोसुस्टा-10, टाइप-2 डाइबिटीज में गुर्दे समस्या एवं हार्ट प्रोब्लम्स के इलाज की दवाई जोर्डिएंस, ब्लड प्रेशर एवं अन्य बीमारियों की 50 से अधिक दावाईयां एमसीडी अस्पतालों के स्टॉक में नहीं हैं। जबकि यही सब दवाईयां तीन महीने पहले तक सभी मरीजों को आसानी से मिल रही थीं। गरीब लोग अस्पताल तो आते हैं परंतु उन्हें दवाईयां नहीं मिलने की वजह से भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
मुकेश गोयल ने मेयर राजा इकबाल सिंह, निगम आयुक्त अश्विनी कुमार और स्वास्थ्य समिति के चेयरमैन मनीष चडढा से मांग की कि दिल्ली के गरीब और सामान्य वर्ग के नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना एमसीडी की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि एमसीडी के अस्पतालों के लिए तुरंत दवाईयों की खरीदारी की जाये और अस्पतालों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की कमी को दूर करने के लिए तुरंत कांट्रेक्ट के कर्मचारियों की भर्ती की जानी चाहिए।


