MCD: पार्किंग माफिया का राज… नये ठेकों में ‘एक्पीरियेंस’ की शर्त से नये ठेकेदारों को रोकने की तैयारी

-पार्किंग ठेकों के टेंडर की शर्तों में एक्सपीरियेंस वाले ठेकेदारों को ही मिलेगी प्राथमिकता
-पार्किंग माफिया के शिकंजे से बाहर नहीं निकल पायेंगे निगम की पार्किंगों के नये ठेके

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्लीः 25 जुलाई, 2022
अरबों रूपये की जीएसटी चोरी के मामले के बाद दिल्ली नगर निगम पर कब्जा जमाये पार्किंग माफिया का एक और कारनामा सामने आया है। पार्किंग के नये ठेकों के लिए माफिया ने अधिकारियों पर एक्सपीरियेंस वाले ठेकेदारों को ही प्राथमिकता देने का दबाव बनाया हुआ है। जिसकी वजह से नये पार्किंग स्थल भी इसी माफिया के शिकंजे में आने वाले हैं।
नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक आने वाले दिनों में अलग अलग चरणों में करीब 150 पार्किंग स्थलों के टेंडर जारी किये जाने हैं। पार्किंग माफिया ने अधिकारियों के ऊपर दबाव बनाया हुआ है कि टेंडर की शर्तों में कम से कम दो साल का पार्किंग चलाने का अनुभव रखने वालों को ही प्राथमिकता दी जाये। इस शर्त की वजह से कोई भी नया ठेकेदार इस धंधे में घुस ही नहीं पायेगा और पहले निगम में काबिज पार्किंग माफिया मलाई काटता रहेगा।
पहले ज्यादा राशि का टेंडर उठाते फिर कम करा लेते लाइसेंस फीस
गौरतलब है कि दिल्ली नगर निगम की पार्किंग के ठेकों में खुली लूट का गोरख धंधा लंबे समय से चला आ रहा है। पहले ये ठेकेदार ऊंची दरों पर पार्किंग के ठेके अपने नाम करा लेते हैं, इसके पश्चात कई तरह के कारण बताकर मासिक लाइसेंस फीस में छूट ले लेते हैं। इसकी वजह से नगर निगम के राजस्व में करोड़ों रूपये कमी आ जाती है और पार्किंग माफिया मोटी कमाई करता रहता है। एक्सपीरियेंस की शर्त की वजह से नये ठेकेदार इस धंधे में नहीं घुस पाते हैं और बार-बार यही पुराने ठेकेदार जमे रहते हैं।
कागजों में सरेंडर लेकिन जमीन पर उगाही जारी
निगम अधिकारी के मुताबिक कई ठेकेदारों ने कागजों में तो अपने पार्किंग साइट्स को सरेंडर कर रखा है। ऐसे में वह साइट पब्लिक के लिए फ्री पार्किंग हो जाती है, लेकिन वास्तव में वही ठेकेदार जमीनी स्तर पर अपनी गाड़ियां पार्किंग में खड़ी करने वालों से मोटी उगाही करते रहते हैं। इससे पूरा का पूरा पैसा केवल पार्किग माफिया की जेबों में चला जाता है। यही कारण है कि लंबे समय से जमा पार्किंग माफिया एक्सपीरियेंस की शर्त लगवाकर नये ठेकेदारों को इस काम में नहीं आने देना चाहता है।