-किसी भी एसोसिएशन की गतिविधियों में शामिल होने पर लगाई रोक, सख्त कार्रवाई की चेतावनी
एसएस ब्यूरो/ नई दिल्लीः 6 अक्टूबर, 2023।
दिल्ली नगर निगम (MCD) के शिक्षा विभाग (Education Department) के कर्मचारी और शिक्षक (Teachers) अब अपनी मांगों को रखने के लिए लिए धरना-प्रदर्शनों का सहारा नहीं ले सकेंगे। नगर निगम ने अपने कर्मचारियों के ऊपर पूरी तरह से रोक लगा दी है। निगम के शिक्षा विभाग के कर्मचारी नगर निगम की किसी भी एसोसिएशन की गतिविधियों में भी हिस्सा नहीं ले सकेंगे।
शुक्रवार को राहिणी जोन के डिप्टी डायरेक्टर (शिक्षा) की ओर से जारी किये गये आदेश में कहा गया है कि नगर निगम की ओर से कोई भी एसोसिएशन मान्यता प्राप्त नहीं है। विभाग का कोई भी कर्मचारी किसी भी एसोसिएशन की सदस्यता का भुगतान नही कर रहा है। अतः किसी भी कर्मचारी को किसी एसोसिएशन के द्वारा की जाने वाली गतिविधियों में हिस्सेदारी का अधिकार नहीं है।
आदेश में यह भी कहा गया है कि विभाग का कोई भी कर्मचारी सोशल मीडिया अथवा प्रिंट मीडिया पर ऐसी कोई पोस्ट नहीं डालेगा या बयान नहीं देगा, जिससे नगर निगम की छवि खराब होती हो, यदि किसी भी संबंधित व्यक्ति के द्वारा ऐसा किया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी।
निर्ममता से कुचली जा रही कर्मचारियों की आवाजः प्रवीण शंकर कपूर
दिल्ली प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता एवं मीडिया प्रभारी प्रवीण शंकर कपूर ने इस विषय में कहा कि आम आदमी पार्टी जो नेता अपने मंत्रियों के अधिकारों को लेकर रोजाना लड़ते रहते हैं, वही आप नेता दिल्ली नगर निगम के कर्मचारियों की आवाज को निर्ममता के साथ दबा रहे हैं। इन कर्मचारियों को एसोसिएशन की गतिविधियों में भाग लेने पर कार्रवाई की चेतावनी दी जा रही है जो कि निंदनीय है। प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि दिल्ली नगर निगम के शिक्षा विभाग द्वारा शुक्रवार को निकाला गया आदेश महापौर डा. शैली ओबरॉय की हठधर्मी व मनमानी का प्रतीक है। यह विडम्बना है की अपने लियें अधिकारों की जंग लड़ने वाले राजनेता आज सरकारी कर्मचारी की आवाज़ कुचल रहे हैं।
निगम शिक्षकों ने की है 9 अक्टूबर को धरना-प्रदर्शन की घोषणा
गौरतलब है कि दिल्ली नगर निगम के शिक्षा विभाग की विफलता और अपनी मांगों को लेकर शिक्षकों ने सोमवार 9 अक्टूबर को धरना-प्रदर्शन करने की घोषणा की है। माना जा रहा है कि आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाले नगर निगम ने इसी विरोध-प्रदर्शन को विफल करने के लिए यह आदेश निकाला है। बता दें कि दिल्ली नगर निगम के विद्यालयों में पढ़ाने वो शिक्षक लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर आंदोलित हैं। वह दिल्ली की मेयर से लेकर निगम आयुक्त तक कई बार अपनी समस्याओं को लेकर गुहार लगा चुके हैं। निगम शिक्षकों का गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है और यह गुस्सा अब आंदोलन में बदलता जा रहा है।