कोर्ट में व्यापारियों का विरोध करती रही MCD… अब मेयर ने किया राहत के लिए क्रैडिट का दावा

-6 वर्ष की लंबी लड़ाई के बाद कारोबारियों को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत
-एमसीडी से नहीं कोई राहत, चुकाने होंगे सभी प्रकार के बकाया

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्लीः 20 दिसंबर।
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने राजधानी के कारोबारियों (Traders) को बड़ी राहत दी है। मॉनिटरिंग कमेटी के आदेश पर 2017-18 में बड़ी संख्या में सील किये गये व्यापारिक प्रतिष्ठानों को अब सील किया जायेगा। अदालती लड़ाई में हमेशा दिल्ली नगर निगम (Municipal Corporation of Delhi) व्यापारियों के द्वारा उठाये गये मुद्दों का विरोध करता रहा, परंतु अब आम आदमी पार्टी (AAP) की नेता और मेयर शैली ओबरॉय सुप्रीम कोर्ट से मिली इस राहत का क्रैडिट लेने के लिए सामने आ गई हैं। उन्होंने बुधवार को दावा किया कि व्यापारियों को यह राहत नगर निगम के प्रयासों की वजह से मिली है। आश्चर्य की बात यह है कि उन्होंने व्यापारियों से कहा कि पहलें वह सभी प्रकार के बकाये/ज्यादा एफएआर (FAR) से संबंधित सभी प्रकार की राशि चुकायें, फिर डी-सीलिंग के लिए आवेदन करें, तभी उनके व्यापारिक प्रतिष्ठानों को डी-सील किया जायेगा।
बुधवार को दिल्ली के व्यापारियों के पक्ष में आये सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से डिफेंस कालोनी, ग्रेटर कैलाश, साउथ एक्सटेंसन, राजेंद्र नगर, ओल्ड राजेंद्र नगर सहित दिल्ली की कई कालोनियों में स्थित व्यापारिक प्रतिष्ठानों को राहत मिली है। 2017-18 में मॉनिटरिंग कमेटी के आदेश पर दिल्ली की विभिन्न कालोनियों में स्थित सैकड़ों की संख्या मे व्यापारिक प्रतिष्ठानों को अवैध निर्माण और रिहायशी इलाकों में होने की वजह से सील कर दिया गया था।
व्यापारियों के अभियान से जुड़े रहे चांदनी चौक सर्व व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजय भार्गव ने मेयर शैली ओबरॉय के ट्वीट पर सवाल उठाया है कि इसमें एमसीडी (MCD) का क्या योगदान है? उन्होंने कहा कि कोर्ट में चली लंबी लड़ाई के दौरान एमसीडी ने हमेशा व्यापारियों के हितों का विरोध किया। सुप्रीम कोर्ट के सामने एमसीडी के वकीलों ने कभी सही बात नहीं आने दी। यह राहत सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित की गई विशेष कमेटी की वजह से मिली है।
बता दें कि मेयर शैली ओबरॉय ने बुधवार को कहा है कि जिन व्यापारियों के कारोबारी संस्थान सील हैं, उन्हें पहले सभी तरह के बकायों और एडीशनल एफएआर से संबंधित शुल्क जमा कराने होंगे। इसके बाद व्यापारियों को अपनी दुकानों आदि की डी-सीलिंग के लिए आवेदन करना होगा। इसके बाद ही व्यापारिक प्रतिष्ठानों की सील खोली जायेगी।
आप का नहीं कोई योगदानः BJP
दिल्ली बीजेपी (BJP) के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि दिल्ली की मेयर शैली ओबेरॉय को लोकल शॉपिंग सेंटरों में दुकानों और कार्यालयों के माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए डी-सीलिंग आदेश का श्रेय लेने की कोशिश करते देख आश्चर्य हो रहा है। मेयर ने इस मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस ऐसे की जैसे इस डीसीलिंग में एमसीडी का कोई योगदान हो। दिल्ली के लोकल शापिंग सेंटर्स में यह डी-सीलिंग वर्षों की कानूनी लड़ाई के बाद हुई है जिसमें संबंधित निकाय केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने हमेशा व्यापारियों के हित का समर्थन किया है। यदि मेयर को वास्तव में इन व्यापारियों के प्रति कोई सहानुभूति है तो उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि एम.सी.डी. व्यापारियों द्वारा दिए जाने वाले जुर्माने और शुल्क को किश्तों में स्वीकार करे।