-महज तीन सीट पर बीजेपी को 2019 से ज्यादा मिले वोट फिर भी जीत के अंतर में बड़ी गिरावट
हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्लीः 05 जून।
दिल्ली में सातों लोकसभा सीटों पर जीत के बावजूद भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार 2014 के चुनाव जैसा प्रदर्शन भी नहीं दोहरा सके। यह भी विचारणीय है कि कहीं कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के के प्रति दिल्ली वालों का झुकाव तो नहीं बढ़ रहा है? 2024 के लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections) के नतीजे घोषित होने के बाद जो आंकड़े सामने आये हैं, उनके मुताबिक 2019 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले कांग्रेस (Congress) और आम आदमी पार्टी (AAP) के उम्मीदवारों के वोट 5 सीटों पर बढ़े हैं। वहीं बीजेपी को महज तीन सीटों पर 2019 के मुकाबले ज्यादा वोट मिले हैं। गौरतलब है कि 2019 का लोकसभा चुनाव आप और कांग्रेस ने अलग अलग लड़ा था और 2024 का चुनाव दोनों दलों ने आपसी तालमेल और सीट बंटवारे के साथ लड़ा है। बीजेपी की यह स्थिति तो तब है जब दिल्ली में 7 में 6 सांसदों का टिकट काटकर नये चेहरों को चुनावी मैदान में उतारा गया था। सियासी गलियारों में यह चर्चा जोरों से शुरू हो गई है कि कहीं ये दिल्ली में इंडिया’ गठबंधन की बढ़त के संकेत तो नहीं हैं!
2019 के मुकाबले जिन पांच सीटों पर कांग्रेस-आप उम्मीदवारों के वोट बढ़े हैं उनमें नॉर्थ ईस्ट दिल्ली, ईस्ट दिल्ली, नॉर्थ वेस्ट दिल्ली, वेस्ट दिल्ली और साउथ दिल्ली सीट शामिल हैं। वहीं 2019 के मुकाबले बीजेपी को जिन सीटों पर वोटों के मामले में बढ़त मिली है उनमें नॉर्थ ईस्ट दिल्ली, नॉर्थ वेस्ट दिल्ली और साउथ दिल्ली लोकसभा क्षेत्र शामिल हैं। सीधे तौर पर कहा जा सकता है कि चांदनी चौक, पूर्वी दिल्ली, नई दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली लोकसभा क्षेत्रों से बीजेपी के उम्मीदवारों को 2019 के मुकाबले कम वोट हासिल हुए हैं।
बीजेपी उम्मीदवार नहीं छू पाये 2014 का आंकड़ा
2024 के लोकसभा चुनाव में जीत के बावजूद बीजेपी उम्मीदवार 2014 की जीत के अंतर का आंकड़ा भी नहीं छू पाये हैं। चांदनी चौक सीट पर 2014 में डॉ हर्षवर्धन ने कांग्रेस के कपिल सिब्बल को 1 लाख 36 हजार के अंतर से हराया था, 2019 में उनकी जीत का अंतर 2 लाख 20 हजार था, जबकि इस बार बीजेपी के प्रवीण खंडेलवाल केवल 89325 वोटों के अंतर से जीत दर्ज कर पाये हैं। उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट पर सांसद मनोज तिवारी ने 2014 का चुनाव 1 लाख 44 हजार के अंतर से जीता था, 2019 में उनकी जीत का अंतर 366102 था, परंतु इस बार वह 138778 का अंतर ही दर्ज करा पाये हैं। पूर्वी दिल्ली सीट पर बीजेपी के महेश गिरी ने 1 लाख 90 हजार से जीत दर्ज की थी, 2019 में गौतम गंभीर की जीत का अंतर 391222 रहा था, परंतु इस बार बीजेपी के हर्ष मलहोत्रा जीत के अंतर के मामले में 93663 पर ही सिमट गये। नई दिल्ली सीट पर 2014 में मीनाक्षी लेखी ने 1 लाख 62 हजार से जीत दर्ज की थी, 2019 में यह आंकड़ा 2 लाख 50 हजार रहा था। परंतु इस बार बीजेपी की बांसुरी स्वराज केवल 78370 वोट से ही जीत दर्ज कर पाई हैं। इसी तरह पश्चिमी दिल्ली सीट पर बीजेपी के प्रवेश वर्मा ने 2014 में 2 लाख 68 हजार के अंतर से जीत दर्ज की थी, 2019 में यह आंकड़ा 578486 तक पहुंच गया था, परंतु 2024 में बीजेपी की कमलजीत सहरावत की जीत का अंतर 199013 वोट का हो गया। वहीं दक्षिणी दिल्ली सीट 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के रमेश बिधूड़ी ने 1 लाख 7 हजार के अंतर से जीती थी। 2019 के लाकसभा चुनाव में रमेश बिधूड़ी की जीत का अंतर 367043 तक पहुंच गया था, परंतु 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के रामबीर सिंह बिधू़ड़ी ने यह सीट केवल 124333 वोटों के अंतर से जीती है।
इन सीटों पर हुआ कांग्रेस-आप गठबंधन को घाटा
चांदनी चौकः बता दें कि 2019 के लाकसभा चुनाव में चांदनी चौक से कांग्रेस उम्मीदवार जय प्रकाश अग्रवाल को 290910 और आप उम्मीदवार पंकज गुप्ता को 144551 यानी कि कुल 435461 वोट हासिल हुए थे। वहीं 2024 के चुनाव में दोनों दलों के प्रत्याशी जय प्रकाश अग्रवाल को कुल 427171 वोट मिले। अतः कहा जा सकता है कि आप और कांग्रेस मिलकर 2019 के बराब वोट भी हासिल नहीं कर सके।
नई दिल्लीः कुछ इसी तरह का नजारा नई दिल्ली सीट पर भी देखने को मिला। यहां 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार अजय माकन ने 247702 और आप के बृजेश गोयल ने 150342 यानी कि कुल 398044 वोट हासिल किये थे। वहीं 2024 के चुनाव में गठबंधन उम्मीदवार सोमनाथ भारती को कुल 374815 वोट ही हासिल हो सके।
इन सीट पर बढ़े AAP-CONGRESS गठबंधन उम्मीदवारों के वोट
नॉर्थ-ईस्टः नॉर्थ ईस्ट दिल्ली सीट पर 2019 के चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार शीला दीक्षित को 421697 और आप उम्मीदवार दिलीप पांडे को 190856 यानी कि कुल 612553 वोट हासिल हुए थे। जबकि 2024 के चुनाव में इस सीट से गठबंधन उम्मीदवार कन्हैया कुमार को 685673 वोट मिले हैं। हालांकि बीजेपी उम्मीदवार मनोज तिवारी को 2019 में 787799 वोट हासिल हुए थे, जबकि इस बार उन्होंने 824451 वोट हासिल करके जीत दर्ज की है।
ईस्ट दिल्लीः ईस्ट दिल्ली सीट पर 2019 के चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार अरविंदर सिंह लवली ने 304934 और आप उम्मीदवार आतिशी ने 219328 यानी के कुल मिलाकर 524263 वोट हासिल किये थे, परंतु 2024 के चुनाव में गठबंधन उम्मीदवार कुलदीप कुमार को इससे कहीं ज्यादा 571156 वोट हासिल हुए हैं। इस सीट पर 2019 में गौतम गंभीर ने 696156 वोट हासिल किये थे, जबकि इस बार बीजेपी उम्मीदवार हर्ष मलहोत्रा केवल 664819 वोटों पर ही सिमट गये।
नॉर्थ-वेस्ट दिल्लीः नॉर्थ वेस्ट दिल्ली सीट पर 2019 के लोकसभा चुनाव में आप उम्मीदवार गुगन सिंह को 294766 और कांग्रेस उम्मीदवार राजेश लिलोठिया को 238882 यानी कि कुल 533648 वोट हासिल हुए थे। वहीं 2024 के चुनाव में गठबंधन उम्मीदवार उदित राज को 575634 वोट मिले हैं। इस सीट पर 2019 के चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार हंसराज हंस को 848663 वोट मिले थे, परंतु इस बार बीजेपी उम्मीदवार योगेंद्र चंदोलिया ने बढ़त बनाते हुए 866483 वोट हासिल किये हैं।
वैस्ट दिल्लीः वेस्ट दिल्ली सीट पर 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार महाबल मिश्रा ने 287162 और आप उम्मीदवार बलबीर जाखड़ ने 251873 यानी कि कुल 539035 वोट हासिल किये थे। जबकि इस बार गठबंधन से खड़े आप उम्मीदवार महाबल मिश्रा को कुल 643645 वोट हासिल हुए हैं। यानी कि आप-कांग्रेस को इस बार पिछली बार के मुकाबले बढ़त मिली है। हालांकि बीजेपी के प्रवेश वर्मा 2019 में 865648 वोट हासिल करते हुए सबसे ज्यादा 578486 वोट से जीते थे, जबकि इस बार बीजेपी की कमलजीत सहरावत को 842658 वोटों से ही संतोष करना पड़ा है।
साउथ दिल्लीः दक्षिणी दिल्ली सीट पर 2019 के लोकसभा चुनाव मे आप के राघव चड्ढा को 319971 और कांग्रेस के विजेंद्र सिंह को 164613 यानी कि दोनों को कुल 484584 वोट हासिल हुए थे। जबकि इस बार आप के गठबंधन उम्मीदवार सहीराम पहलवान को 568499 वोट मिले हैं। जो कि बहुत बड़ बढ़त है। वहीं 2019 के चुनाव में बीजेपी के रमेश बिधूड़ी ने 687041 वोट लेकर 367043 वोटों की बढ़त बनाई थी, जबकि इस बार के चुनाव में बीजेपी के रामबीर बिधूड़ी 692832 वोट लेकर केवल 124333 वोट के अंतर से ही जत हासिल कर पाये हैं।