लाल बहादुर शास्त्री इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट ने मनाया 27 वां स्थापना दिवस

-लाल बहादुर शास्त्री के वाइब्रेंट इंडिया, यंग इंडिया और स्ट्रांग इंडिया की थीम पर आयोजन

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
राजधानी दिल्ली के लाल बहादुर शास्त्री प्रबंधन संस्थान ने अपना 27 वें स्थापना दिवस को वाइब्रेंट इंडिया, यंग इंडिया एंड स्ट्रॉन्ग इंडिया थीम पर मनाया, जो कि लाल बहादुर शास्त्री जी का सपना था, यह आयोजन एल.बी.एस.आई.एम परिसर में हुआ। लाल बहादुर शास्त्री के वाइब्रेंट इंडिया, यंग इंडिया और स्ट्रांग इंडिया के स्वप्नों की ओर विद्यार्थियों को प्रेरित और प्रोत्साहन करने के लिए अतुल सोबती, डायरेक्टर जनरल, स्कोप एवम पूर्व सीएमडी, भेल मुख्य अतिथि के रूप में थे। अनिल शास्त्री पूर्व केंद्रीय मंत्री और अध्यक्ष, लाल बहादुर शास्त्री इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (एलबीएसआईएम) समारोह की अध्यक्षता की। जबकि सुहैल समीर, सीईओ, भारतपे, विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थे।
कार्यक्रम की शुरुआत शास्त्री जी पर फिल्म की प्रदर्शनी के साथ हुई, जिसमें राष्ट्र के लिए उनके प्रशंसनीय कार्यों का स्मरण किया गया, इसके बाद डॉ प्रवीण गुप्ता, निदेशक, एल.बी.एस.आई.एम, द्वारा स्वागत भाषण दिया गया। मुख्य अतिथि अतुल सोबती वाइब्रेंट इंडिया, यंग इंडिया एंड स्ट्रॉन्ग इंडिया, के प्रति अपने शब्दों से छात्रों को प्रबुद्ध और प्रोत्साहित करते हुए कहा कि “शास्त्री जी ने भारत के युवाओं को अपने लक्ष्यों के माध्यम से अपने देश के लिए अपनी ईमानदारी, समर्पण और सकारात्मक दृष्टिकोण के माध्यम से अपार ऊंचाइयों तक पहुंचने और अपने देश को गौरवान्वित करने की कल्पना की थी।
यह संस्थान अपने छात्रों को जीवंत और मजबूत बनाने की गुणवत्ता में रहता है और यह सुनिश्चित करता है कि युवा पीढ़ी जिसे वे प्रशिक्षण दे रहे हैं, वे न केवल अपने आने वाले भविष्य में किसी भी परिस्थिति का सामना करने के लिए तैयार हैं, बल्कि अपने नेतृत्व के साथ, वे हर देशवासी के जीवन में अमिट छाप छोड़ देते हैं।“ उन्होंने राजनीतिक अशांति, सामाजिक बहिष्कार, असमानता, आर्थिक संकट और पहचान से प्रेरित संघर्ष जैसे विभिन्न विषयों पर भी ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने इस तथ्य पर भी आग्रह किया कि सभी युवा दुनिया में अंतर ला सकते हैं।
सुहैल समीर ने दर्शकों को अपने संबोधन में सभी छात्रों से समग्र राष्ट्र निर्माण के लिए अपनी प्रतिभा और योग्यता का आह्वान करने के लिए कहा। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत में पर्याप्त अवसर मौजूद हैं और हमें विदेश जाने के लिए आसक्त नहीं होना चाहिए। उन्होंने सभी छात्रों को अपने जुनून का पालन करने, जोखिम लेने और हर काम को पूरी प्रतिबद्धता, ईमानदारी और आकांक्षी बनने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि “शास्त्री जी ने भारत के युवाओं को अपनी ईमानदारी, समर्पण और अपने देश के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण, अपने लक्ष्यों के माध्यम से अपार ऊंचाइयों तक पहुंचकर अपने देश को आगे बढ़ते हुए और अपने देश को गौरवान्वित करते हुए देखने की कल्पना की थी। यह संस्थान अपने छात्रों को जीवंत और मजबूत बनाने की गुणवत्ता में रहता है, और यह सुनिश्चित करता है कि युवा पीढ़ी जिसे वे प्रशिक्षण दे रहे हैं, न केवल अपने आने वाले भविष्य में किसी भी परिस्थिति का सामना करने के लिए तैयार हैं, बल्कि अपने नेतृत्व के साथ, वे एक हर देशवासी के जीवन में अमिट छाप छोड़ देते हैं।“
इस विषय में जोड़ते हुए श्री अनिल शास्त्री ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि “हमारे सार्वजनिक जीवन में शास्त्री जी का योगदान इस मायने में अद्वितीय था कि वे भारत में आम आदमी के जीवन के सबसे करीब थे। भारत के प्रधान मंत्री के रूप में शास्त्री जी का देश का नेतृत्व स्वर्ण अक्षरों में अंकित है। अनिल शास्त्री ने सभी छात्रों और कर्मचारियों को बधाई दी और उनके सफलता और ऊंचाइयों तक पहुंचने की कामना की, और बोले कि विश्वास है कि लोगों का यह मजबूत, युवा और जीवंत समूह अपना योगदान इस तरह से बनाएं रखेगा, कि यह न केवल उनके जीवन को बदल देगा बल्कि आने वाली पीढ़ियों को प्रभावित करेगा। हर आने वाली पीढ़ी कुछ ऐसा करे जिससे हमारे देश का गौरव बढ़े।“
इस कार्यक्रम में एल.बी.एस.आई.एम, दिल्ली ने अपने पूर्व छात्रों के उल्लेखनीय योगदान का जश्न मनाया और उन्हें उनके चुने हुए क्षेत्र में उनकी विशिष्ट सेवा के लिए सम्मानित किया। कार्यक्रम का समापन पूर्व छात्र पुरस्कार वितरण द्वारा किया गया, जिसमें 5 सम्मानित पूर्व छात्रों को सम्मानित किया गया, जो वर्षों से उज्ज्वल रूप से चमक रहे हैं। यह काफी गौरव का क्षण था। कार्यक्रम का समापन डॉ. जी.एल. शर्मा, प्लेसमेंट एडवाइजर द्वारा धन्यवाद ज्ञापित करके किया गया।