-अष्टमी व नवमी एक ही दिन लेकिन अलग रखें उपवास
-शुक्रवार को करें माता महागौरी की पूजा-आराधना


एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
आप शक्ति दायिनी मां के उपासक हैं तो इस बार बिलकुल भी भ्रमित होने की जरूरत नहीं है। शारदीय नवरात्रि की धूम पूरे देश में मची है। माता के भक्तों को अब अष्टमी, नवमी और दशहरा (विजयादशमी) का इंतजार है। इस वर्ष अष्टमी और नवमी तिथि एक साथ- एक ही दिन पड़ रही हैं। इस वजह से लोगों को अष्टमी और नवमी की तिथि को लेकर असमंजस है। लेकिन आप बिलकुल भी चिंता किए बगैर अष्टमी और नवमी की पूजा अलग अलग कर सकते हैं।
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अर्चक महासंघ के राष्ट्रीय महामंत्री आचार्य रामगोपाल शुक्ल का कहना है कि अष्टमी और नवमी तिथि एक ही दिन होने के बावजूद देवी मां की अराधना के लिए भक्तों को पूरे नौ दिन मिल रहे हैं। इस वर्ष अष्टमी तिथि का प्रारंभ 23 अक्टूबर (शुक्रवार) को सुबह 6 बजकर 57 मिनट से होगा और अगले दिन 24 अक्टूबर (शनिवार) को सुबह 6 बजकर 58 मिनट तक रहेगी। इस दिन महागौरी की पूजा का विधान है, ऐसे में महा अष्टमी का व्रत 23 अक्टूबर को रखा जाएगा।
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पंचांग के अनुसार इस साल महानवमी की तिथि का शुभारंभ 24 अक्टूबर (शनिवार) को सुबह 6 बजकर 58 मिनट से हो रहा है और यह अगले दिन 25 अक्टूबर (रविवार) को सुबह 7 बजकर 41 मिनट तक रहेगी। ऐसे में मां सिद्धिदात्री की पूजा के लिए महानवमी का व्रत 24 अक्टूबर को रखा जाएगा। नवरात्रों में नौ दिनों का उपवास रखने वाले भक्त नवमी के दिन अपना व्रत खोलते हैं।
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आचार्य रामगोपाल शुक्ल बताते हैं कि दशमी तिथि का प्रारंभ 25 अक्टूबर को सुबह 7 बजकर 41 मिनट से होगा और यह 26 अक्टूबर की सुबह 9 बजे तक रहेगी। ऐसे में इस साल दशहरा का त्योहार 25 अक्टूबर को मनाया जाएगा। दशहरे के इस दिन को शस्त्र पूजन दिवस के रूप में मनाने का भी विधान है।