-दर्शन पाल सिंह को पुलिस का नोटिस, मांगा जवाब
-हरकत में दिल्ली पुलिस, तेज हुई कार्रवाई
-दीप सिद्धू बोलाः परतें खोलीं तो भागने का रास्ता नहीं मिलेगा
एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस ने गैंगस्टर से एक्टिविस्ट बनने चले लक्खा सदाना और पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक पुलिस उपद्रव में दोनों की भूमिका को लेकर जांच कर रही है। दूसरी ओर पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू ने दूसरे किसान नेताओं को उनकी पोल खोल देने की धमकी दी है।
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26 जनवरी को दिल्ली के आईटीओ और लाल क़िला में हुई हिंसा में दीप सिद्धू और लक्खा सदाना का सबसे अहम रोल बताया जा रहा है। किसान आंदोलन के दौरान दोनों काफी एक्टिव थे, हालांकि बाद में किसानों के कुछ धड़ों ने दीप सिद्दू को प्रदर्शन से हटाया भी था। सूत्रों के मुताबिक दोनों किसान प्रदर्शन से कुछ दिन के लिए गायब हुए थे।
दूसरी ओर लाल किले पर खालसा पंथ का झंडा लगाए जाने के लिए लोगों को भड़काने के दोषी ठहराए जा रहे पंजाबी सिंगर दीप सिद्धू ने खुद को पाकसाफ बताया है। उसने बुधवार देर रात अपने फेसबुक पेज पर लाइव आकर किसान नेताओं को धमकी दी है। उसने कहा कि तुमने मुझे गद्दार का सर्टिफिकेट दिया है, अगर मैंने तुम्हारी परतें खोलनी शुरू कर दीं तो तुम्हें दिल्ली से भागने का रास्ता नहीं मिलेगा।
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सिद्धू ने कहा कि मुझे इसलिए लाइव आना पड़ा क्योंकि मेरे खिलाफ नफरत फैलाई जा रही है। बहुत कुछ झूठ फैलाया जा रहा है। मैं इतने दिनों से यह सब पी रहा था। क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि हमारे साझा संघर्ष को कोई नुकसान पहुंचे। लेकिन आप जिस पड़ाव पर आ गए हैं वहां कुछ बातें करना बहुत जरूरी हो गया है।
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सिद्धू ने कहा कि 25 तारीख की रात को नौजवानों ने मंच पर रोष जताया था कि ‘‘उन्हें पंजाब से दिल्ली में परेड करने का कह कर ही बुलाया गया था। इसके लिए बार-बार मंच से बड़े-बड़े ऐलान और वादे किए गए थे। रोष जता रहे नौजवानों ने कहा था कि जब हम दिल्ली आ गए तो आप हमें सरकार की ओर से तय किए गए रूट पर जाने के लिए कह रहे हैं जो हमें मंजूर नहीं है।’’
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सिद्धू ने अपने वीडियो में कहा कि उस दौरान मंच पर हालात ऐसे बन गए थे की अगुआई कर रहे किसान नेता वहां से किनारा कर गए। सिद्धू ने यह भी स्वीकार किया है कि 26 जनवरी को जो मार्च निकाला, जिस रूट पर किसान और पुलिस ने तय किया था उस पर 3000 लोग भी नहीं थे। सिंघु-टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर से लोग खुद ही गलत रूट पर निकल गए थे और लाल किले की और चल पड़े। उनकी कोई अगुआई नहीं कर रहा था।
सिद्धू ने यह भी कहा है कि लाल किला पर कोई किसान नेता नहीं था। कोई भी वह व्यक्ति नहीं था जो पहले बड़ी-बड़ी बातें कर रहा था। सोशल मीडिया पर लाइव आकर बड़े-बड़े ऐलान किए थे कि हम दिल्ली की गर्दन पर घुटना रख देंगे, लेकिन वहां पर कोई नहीं था।
सिद्धू पर भीड़ को उकसाने का आरोप
किसान संगठनों ने दिल्ली में किसानों के ट्रैक्टर मार्च के दौरान लाल किले पर हुई हिंसा का आरोप दीप सिद्धू पर मढ़ दिया है। भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चंढूनी ने कहा कि किसान संगठनों का लाल किले पर जाने का कोई कार्यक्रम नहीं था। दीप सिद्धू ने किसानों को भड़काया और आउटर रिंग रोड से लाल किले तक ले गए। इस मामले में दर्ज एफआईआर में सिद्धू का भी नाम है।
लक्खा सदाना पर पंजाब में 26 मामल दर्ज
प्राप्त सूचना के मुताबिक लक्खा सदाना ने सिंघु बॉर्डर की रेड लाइट पर बैठे किसानों के बीच भड़काऊ भाषण भी दिया था। उन लोगों को हिंसा के लिए उकसाया था। लक्खा सदाना के खिलाफ पंजाब में पहले से ही 26 मामले दर्ज हैं।
सिख फॉर जस्टिस के खिलाफ देशद्रोह का मामला
दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने सिख फॉर जस्टिस संगठन के खिलाफ यूएपीए और देशद्रोह की धाराओं में एफआईआर दर्ज की है। बता दें कि भारत सरकार सिख फॉर जस्टिस को बैन कर चुकी है। किसान आंदोलन के दौरान सिख फॉर जस्टिस ने लाल किले पर झंडा फहराने का ऐलान किया था और झंडा फहराने वाले को इनाम देने की घोषणा की थी।
दर्शन पाल को दिल्ली पुलिस नोटिस
हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव की तरफ से किसान नेता दर्शन पाल सिंह को नोटिस भेजा गया है और जवाब देने के लिए 3 दिन का समय दिया है। नोटिस में दर्शन पाल सिंह से पूछा गया है कि ’ट्रैक्टर परेड को लेकर दिल्ली पुलिस के साथ जो करार हुआ था, आपने उसके नियमों का उल्लंघन किया है। आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई क्यों ना की जाए?’
19 आरोपी गिरफ्तार किये गए
दिल्ली पुलिस ने ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के मामले में अब तक 25 से ज्यादा केस दर्ज किए हैं और 19 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जबकि 50 लोग हिरासत में हैं। हिंसा में 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। जिनमें से कुछ लोग आईसीयम में भी हैं। पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने स्पष्ट कहा है कि हिंसा में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। कोई किसान नेता भी दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई होगी।