-कृषि कानूनों की प्रतियां फाड़ने का ड्रामा करके दिल्ली की जनता को भटकाने की कोशिशः चौधरी अनिल कुमार
-किसानों की भावनाओं से खिलवाड़ के लिए जनता से माफी मांगें मुख्यमंत्री अरविन्दः अनिल कुमार
एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
कांग्रेस ने किसानों के नाम पर राजनीति करने के लिए आप मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आड़े हाथों लिया है। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने कहा है कि उन्होंने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर उसमें मोदी सरकार द्वारा पारित कृषि कानूनों की प्रति को विधानसभा में फाड़ने का ड्रामा किया है। विधानसभा में दिल्ली नगर निगम के भ्रष्टाचार की चर्चा करके देश और दिल्ली की जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि 24 दिनों के किसान आंदोलन में 25 से भी ज्यादा किसानों की कड़के की ठंड के कारण मौत हो चुकी है और अरविन्द केजरीवाल किसानों के प्रति झूठी सहानूभूति जताने के लिए किसानों के हितों की बातें करके अपनी सियासी जमीन तैयार करने में जुटे हैं।
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संवाददाता सम्मेलन में अनिल कुमार ने कहा कि अरविन्द ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर अपने आपको किसानों का हितेषी और हमदर्द जताने की कोशिश करके देश और दिल्ली की जनता का गुमराह कर रहे है। क्योंकि उनकी नीयत में खोट है। चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविन्द का दोहरा चेहरा इस बात से उजागर होता है कि उन्होंने तीनों कृषि कानूनों की कॉपियां तो फाड़ दीं परंतु दिल्ली सरकार द्वारा किसान बिलों के पक्ष में जारी अधिसूचना को नहीं फाड़ा। जिसे उन्होंने 23 नवम्बर, 2020 को तीनों कानूनों को दिल्ली में लागू करने के लिए जारी किया था। संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश उपाध्यक्ष जय किशन और किसान सेल के चैयरमेन राजबीर सौलंकी भी मौजूद थे।
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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जब 8 दिसंबर, 2020 देश के किसानों ने देशव्यापी भारत बंद का ऐलान किया तब मुख्यमंत्री अरविन्द अपने आपको हाउस अरेस्ट बताकर स्वयं घर में छिप कर बैठ गए। मुख्यमंत्री अरविन्द एक फिक्स गेम के तहत भाजपा शासित दिल्ली नगर निगम के साथ फर्जी लड़ाई लड़ने का नाटक करके दिल्ली की जनता को गुमराह कर रहे है। उन्होंने कहा कि अरविन्द आम आदमी पार्टी को कृषि कानूनों से दूर रखकर भाजपा के भ्रष्टाचार की लड़ाई विधानसभा के पटल पर कर रहे हैं। जबकि वह इस बात को क्यों भूल जाते हैं कि दिल्ली नगर निगमों में उनकी पार्टी ही विपक्ष में है। उन्होंने कहा कि यह निगम के भ्रष्टाचार की चर्चा निगमों के सदन में होनी चाहिए।
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चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि संक्रमण काल में जब मोदी सरकार द्वारा 5 जून को तीनों काले कृषि बिलों का अध्यादेश देश पर थोपा और जल्दबाजी में 27 सितंबर, 2020 को लोकसभा में पास किया गया, तो राहुल गांधी जी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी सहित पूरे देश में इन काले कानूनों का विरोध किया गया था। तभी इन काले कानूनों की प्रतियों को फाड़ा जा रहा था उस समय आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविन्द चुप रहे। उन्होंने कहा कि जब किसान कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के तहत दिल्ली कूच की तैयारी कर रहे थे, उस वक्त अरविन्द दिल्ली सरकार द्वारा किसान बिल के समर्थन में अधिसूचना जारी कर रहे थे।
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चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि अरविन्द ने विधानसभा के विशेष सत्र में दिल्ली की समस्याओं से संबधित किसी भी मुद्दों जैसे कोविड-19, प्रदूषण, भ्रष्टाचार, रसोई गैस की बढ़ी कीमतों, दिल्ली में विकास आदि पर गौर न करते हुए सिर्फ कृषि कानूनों की कॉपिया फाड़कर और सुर्खियों बटोरने के लिए निगम में भ्रष्टाचार को मुख्य मुद्दा बनाते हैं। जबकि वह अपने मंत्रियों, विधायकों और निगम पार्षदों जो मुख्यतः भ्रष्टाचार में आंकठ में डूबे हुए हैं। मुख्यमंत्री अरविन्द किसानों की भावनाओं से खिलवाड़ करने पर देश और दिल्ली की जनता से माफी मांगें।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि अरविन्द का किसान विरोधी चेहरा पंजाब चुनाव के समय किए गए ट्वीट से साफ उजागर होता है। जिसमें अरविन्द ने कहा था “च्तपअंजम प्दअमेजउमदज जव उांम ंहतपबनसजनतम उवतम मिपिबपमदज”, कि कृषि क्षेत्र को निजी निवेश द्वारा अधिक कुशल बन सकेगा। हर जिले में कृषि बाजार के केन्द्रों में बड़े पैमाने पर निजी निवेश करेंगे जहां किसान अपनी फसल बेचेंगे। उन्होंने कहा कि अरविन्द पंजाब में कृषि क्षेत्र में निजी निवेश पर जोर देने की बात करते हैं और दिल्ली में किसानों का हमदर्द बनकर कृषि कानूनों का विरोध करने का नाटक करते हैं।