-शीश गंज गुरूद्वारे के सामने चौक को खाली नहीं करा सकी दिल्ली सरकार
-केवल हिंदुओं के धार्मिक स्थलों के खिलाफ ही हुई सरकारी कार्रवाई
चांदनी चौक में प्राचीन हनुमान मंदिर तोड़े जाने के मामले में केजरीवाल सरकार पर हिंदू विरोधी होने के आरोप लगे हैं। प्रदेश भारतीय जनता पार्टी और उत्तरी दिल्ली नगर निगम के नेताओं ने दिल्ली सरकार पर मंदिर के पुनर्निमार्ण के लिए दबाव बढ़ा दिया है। उत्तरी दिल्ली के महापौर जय प्रकाश ने धार्मिक स्थलों को तोड़े जाने के लिए केजरीवाल सरकार की ओर से जारी किये गया पत्र और अपनी ओर से मंदिर को बचाने के लिए लिखे गये पत्रों को मीडिया और सोशल मीडिया पर जारी कर दिया है।
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बता दें कि योजना के तहत शुरूआत में भाई मतीदास चौक पर स्थित अतिक्रमण को भी हटाया जाना था। इसके साथ ही शीशगंज गुरूद्वारे के साथ पटरी पर बनाई गई दीवार को भी
उत्तरी दिल्ली के महापौर जय प्रकाश ने बताया कि चांदनी चौक में ऐतिहासिक हनुमान मंदिर को इलाके के पुनर्विकास के नाम पर तोड़ा गया। उन्होंने कहा कि इसको तोड़ने के पीछे सीधा-सीधा हाथ दिल्ली सरकार का है। जो शाहजहानाबाद पुनर्विकास बोर्ड के नाम पर चांदनी चौक में पुनर्विकास का कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि हमने बोर्ड को कई बार पत्र लिखे कि चांदनी चौक में धार्मिक स्थलों से छेड़छाड़ ना की जाए बल्कि इन्हें भी पुनर्विकास कार्य में सम्मिलित करके इनका सौंदर्यीकरण किया जाए।
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उन्होंने कहा कि इसके संबंध में उन्होंने 9 नवंबर 2020 को दिल्ली के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था। उन्होंने आगे बताया कि 8 अगस्त 2019 को दिल्ली सरकार ने एक पत्र के माध्यम से निगम को आदेश दिया था कि चांदनी चौक में जिन मंदिरों में अवैध निर्माण किया गया है उसे हटाया जाए। उन्होंने बताया कि 2019 से लेकर अब तक हम इस संबंध में सावधानीपूर्वक रहे। महापौर जय प्रकाश ने दिल्ली सरकार से मांग की है कि तोड़े गये हनुमान मंदिर का पुनर्विकास कर उसे पुनः स्थापित किया जाए।
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प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि समय-समय पर घड़ियाली आंसू बहा कर मुख्यमंत्री केजरीवाल खुद को हनुमान भक्त प्रदर्शित करते रहते हैं। लेकिन जब प्राचीन हनुमान मंदिर को बचाने की बारी आई तो वह पीछे हट गए। मंदिर से जुड़ी संस्थाएं और पुजारियों ने भी प्राचीन हनुमान मंदिर को बचाने के लिए उनसे हाथ जोड़कर निवेदन किया और प्रार्थना पत्र भी दिया लेकिन मुख्यमंत्री ने उनके निवेदन को स्वीकार नहीं किया। चांदनी चौक के सौंदर्यीकरण का काम शुरू होने पर वहां के स्थानीय आरडब्ल्यूए, स्टेकहोल्डर, बाजार संघ, व्यापार संघ ने इसका विरोध किया था लेकिन केजरीवाल सरकार ने काम नहीं रोका।
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