-धरने पर बैठे किसानों की संख्या में कमी के चलते बैरीगेटिंग हटाने की मांग
एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
दिल्ली प्रदेश जनता दल (यूनाइटेड) ने दिल्ली के उपराज्यपाल से मांग की है कि दिल्ली की सीमाओं पर दिल्ली पुलिस द्वारा लगाये गए अवरोधों को हटाकर सड़कों को आवागमन के लिए खोला जाये जिससे लाखों लोगों को राहत मिल सके। दिल्ली प्रदेश जेडीयू महासचिव सुरेन्द्र प्रसाद गुप्ता ने कहा कि दिल्ली की जिन सीमाओं पर किसान आन्दोलन चल रहा है, वहां किसानों की संख्या बेहद कम हो गई है। ऐसे में अचानक से किसी गड़बड़ी की कोई आशंका नहीं दिखती है। ऐसे में लोगों के लिए रास्तों को जबरन बंद रखना उचित नहीं है।
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सुरेंद्र गुप्ता ने कहा कि अगर कोई गड़बड़ी या हिंसा होती है तो रास्तों को पुनः बंद किया जा सकता है। वैसे भी दिल्ली पुलिस इतनी सक्षम तो है ही कि वह अल्पावधि नोटिस पर ऐसे मामलों में छोटी सी भीड़ को नियंत्रित कर सके। उन्होंने कहा कि गाजीपुर समेत दूसरे बॉर्डर पर जब 25 हजार किसान हजारों ट्रैक्टरों के साथ जमा थे, तब भी दिल्ली पुलिस ने दिल्ली से पडोसी राज्यों को जाने वाले इन बॉर्डर को खोल रखा था। लेकिन अब जबकि वहां महज 100 से 200 किसान गिनती के ट्रैक्टरों के साथ हैं। उनकी गतिविधियां भी काफी समय से हिंसक नहीं हैं। दूसरी ओर आंदोलित किसान इन रास्तों को खोलने का विरोध भी नहीं कर रहे हैं। ऐसे में दिल्ली में प्रवेश व निकास के रास्तों को लंबे समय तक बंद रखा जाना उचित नहीं है।
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दिल्ली जेडीयू महासचिव ने कहा कि एक आंकलन के अनुसार दिल्ली में प्रवेश करने वाले लगभग 2 लाख वाहन इन रास्तों से आते जाते हैं। बॉर्डर सील होने के कारण इन वाहनों को गांव की गलियों या संकरे रास्तों से दिल्ली में आना जाना पड़ रहा है। एक अनुमान के अनुसार इससे प्रतिदिन 5 से 7 करोड़ रुपये का नुकसान पेट्रोल और डीजल के मद में हो रहा है। लाखों लोगों को घंटों जाम से जूझना पड़ रहा है और घंटों का समय रोजाना जाया करना पड़ रहा है।