-72 लाख राशन कार्ड धारकों के साथ मुख्यमंत्री ने किया धोखाः प्रदेश कांग्रेस
एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
‘‘दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की दिल्ली के 72 लाख राशन कार्ड धारकों को मुफ्त में राशन देने की घोषणा झूठी साबित हुई है।’’ यह आरोप हमारा नहीं बल्कि दिल्ली प्रदेश कांग्रेस पार्टी ने आम आदमी पार्टी के मुखिया के ऊपर लगाया है। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने मंगलवार को कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 4 मई को 72 लाख राशन कार्ड धारी लाभार्थियों को मुफ्त में राशन मुहैया कराने की घोषणा की थी। लेकिन 10 मई को जारी आदेश में कहा गया है कि लाभार्थियों को ‘खाद्य सुरक्षा योजना’ की दरों पर राशन दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि मुफ्त में राशन की घोषणा करने के बाद लोगों से राशन के बदले पैसे वसूल करने का आदेश जारी करके मुख्यमंत्री ने दिल्ली की जनता के साथ एक और धोखा किया है।
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चौधरी अनिल कुमान ने कहा कि न केवल राशन कार्ड धारी बल्कि मजदूरों के साथ भी धोखा हुआ है। केजरीवाल ने 19 अप्रैल को जब लॉकडाउन की घोषणा की थी तो प्रेस वार्ता कर मजदूरों को आश्वासन दिया था कि लॉकडाउन छोटा होगा, केजरीवाल ने फिल्मी डायलॉग “मैं हूँ ना“ बोलकर मजदूरों से पलायन नहीं करने का अनुरोध किया था, लेकिन लॉकडाउन को लागातार बढ़ाने व कांग्रेस की लागतार मांग के बाबजूद किसी प्रकार की राहत नहीं दिया जाना यह साबित करता है कि केजरीवाल झूठा व असंवेदनशील है!
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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि लॉकडाउन की घोषणा के साथ ही केजरीवाल की बातों पर जिन्हें भरोसा नहीं था, जिन्होंने पिछले लॉकडाउन का दंश झेला था, वह अधिकांश मजदूर चले गए। लेकिन कुछ मजदूर सरकार की बातों पर भरोसा करके नहीं गए, उन्हें उम्मीद थी कि पिछली बार की तरह उन्हें बेसहारा नहीं छोड़ा जाएगा, लेकिन केजरीवाल जिस प्रकार से संक्रमण पर लगाम लगाने में विफल रहे और लॉकडाउन बढ़ता जा रहा है, बिना किसी राहत के उनके लिए अधिक दिन रूकना मुश्किल होगा, धीरे धीरे मजदूर पलायन कर रहे हैं!
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चौधरी अनिल कुमार ने सीएम केजरीवाल से मांग की है कि राशन कार्ड धारियों के साथ साथ बिना राशन कार्ड धारियों को भी मुफ्त में राशन व प्रत्येक परिवार को 10,000 रुपये की फौरी राहत राशि दी जाए। उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार ने राशन कार्ड के लिए 54 लाख लोगों के आवेदन को वैध मानने के बाबजूद वर्षों से पेंडिंग रखा हुआ है। अतः उन्हें इनके आधार कार्ड या फिर अन्य किसी सरकारी दस्तावेज़ के आधार पर मुफ्त में राशन मुहैया करवाया जाना चाहिए।