हिंदू राव बंद… दरबदर भटकने को मजबूर हार्ट के मरीज

-नगर निगम ने नहीं की दूसरे अस्पताल में व्यवस्था
-उत्तरी निगम से हार्ट के मरीजों का ईलाज जारी रखने की मांग

टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
उत्तरी दिल्ली नगर निगम का हिन्दूराव अस्पताल आम लोगों के लिए बंद होने से हार्ट के मरीज दरबदर भटकने को मजबूर हो रहे हैं। कारण है कि इस अस्पताल को कोरोना के इलाज के लिए आरक्षित कर दिया गया है। इसके बाद सोमवार से यहां सभी तरह की ओपीडी और नियमित इलाज की सेवाएं बंद कर दी गई हैं।

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हिंदू राव अस्पताल में इलाज बंद होने से सबसे ज्यादा परेशानी दिल (हार्ट) के मरीजों को हो रही है। यहां रोजाना सैकड़ों की संख्या में हार्ट के मरीज आते रहे हैं। सबसे बड़ी मुश्किल है कि यहां इलाज बंद करने के बाद उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों ने किसी दूसरे अस्पताल में इसकी व्यवस्था नहीं की है।

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यहां सप्ताह में चार दिन हार्ट की ओपीडी सेवाएं और रोजाना एमरजेंसी सेवाएं दी जा रही थीं। खास बात है कि नगर निगम के बहुत से पूर्व कर्मचारी भी हिंदू राव अस्पताल में इलाज करवा रहे थे। लेकिन यह सेवा बंद होने के बाद वह भी इधर उधर भटकने के लिए मजबूर हैं।

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नहीं मिल पा रहा गरीबों को इलाज
नगर निगम के हिंदू राव अस्पताल इलाज कराने के लिए ज्यादातर गरीब तबके के लोग आते हैं। यहां अलग से हार्ट डिपार्टमेंट है। हालांकि इस अस्पताल में पहले से ही हार्ट के इलाज की विशेष व्यवस्थाएं नहीं हैं। लेकिन ओपीडी के जरिए रोजाना सैकड़ों लोग डॉक्टरों की सेवाओं का लाभ उठा रहे थे।

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अस्पताल प्रशासन की लापरवाही
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अस्पताल प्रशासन की लापरवाही एक बार फिर सामने आई है। दिल्ली सरकार के आदेश के बाद हार्ट के इलाज की व्यवस्था निगम के दूसरे अस्पताल में किए बिना ही अधिकारियों ने हिंदू राव अस्पताल में हार्ट के इलाज की सेवा बंद कर दी है। जबकि निगम के कई ऐसे अस्पताल हैं जहां कम से कम ओपीडी की सेवाएं शुरू की जा सकती हैं।
निगम अधिकारियों के फैसले का विरोध
ज़म ज़म फाउन्डेशन ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों के फैसले पर अपना विरोध जताया है। फाउंडेशन के अध्यक्ष शमीम अहमद खान ने कहा कि निगम के आला अधिकारियों ने हजारों गरीब लोगों को इलाज से महरूम कर दिया है। उत्त्तरी दिल्ली नगर निगम के पास दूसरे अस्पतालों में काफी जगह है। हार्ट पेशेंट्स के लिए वहां पर ओपीडी की सेवाएं वहां शुरू की जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि हमने स्थायी समिति अध्यक्ष जय प्रकाश को इस बारे में आग्रह किया है।