हाई कोर्ट ने लगाई केजरीवाल सरकार को फटकार… दिल्ली सरकार पर ऑक्सीजन की सप्लाई में बाधा डालने का आरोप!

-जयपुर गोल्डन व आईनोक्स का आरोपः सरकार ने ऑक्सीजन की सप्लाई में डाली बाधा
-ऑक्सीजन सप्लाई को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में चल रही है लगातार सुनवाई
-दिल्ली हाई कोर्ट का दिल्ली के चीफ सैक्रेट्री को आदेशः मंगलवार को पेश करें रिपोर्ट

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
दिल्ली में ऑक्सिजन (Oxygen) की सप्लाई को लेकर सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने मंगलवार को दिल्ली की केजरीवाल सरकार (Kejriwal Government) को फटकार लगाई है। हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वह सारे ऑक्सिजन सप्लायर और रीफिलर्स के साथ मंगलवार शाम को 5 बजे मीटिंग करे और इसमें क्या तय हुआ, इसके बारे में अदालत को बुधवार तक रिपोर्ट दी जाये। सुनवाई कर रहे जज जस्टिस विपिन सांघी (Justice Vipin Sanghi) ने दिल्ली सरकार की शिथिलता पर फटकार लगाई और कहा कि यही हालत रही और अस्पतालों में इलाज नहीं मिला तो लोग घरों में ही मरने लगेंगे।

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सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने हाई कोर्ट में कहा कि अगर दिल्ली को 380 मीट्रिक टन ऑक्सीजन भी मिलती है तो काम चल सकता है। लेकिन दिल्ली सरकार के पास जरूरी सिस्टम ही नहीं है। हमने दिल्ली सरकार के चीफ सेक्रेटरी से इस मुद्दे पर बात की है। बता दें कि जयपुर गोल्डन अस्पताल और आईनोक्स ने ऑक्सिजन सप्लाई को लेकर दिल्ली सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। हाई कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि राजस्थान पुलिस द्वारा ऑक्सीजन के चार टैंकर रोकना मानव जीवन को खतरे में डालने के जैसा है। इससे कोई मकसद हल नहीं होगा। उसने कहा कि केंद्र सरकार पहले ही आदेश जारी कर चुकी है कि ऑक्सीजन सप्लाई बाधित नहीं होगी, ऐसे में केंद्र सरकार को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।

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ऑनलाइन सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के चीफ सेक्रेटरी को जस्टिस विपिन सांघी ने ट्रांसपेरेंट सिस्टम बनाने का निर्देश दिया। जस्टिस सांघी ने उनसे कहा कि अगर ऑक्सीजन की वजह से मरीजों को अस्पताल में इलाज नहीं मिलेगा तो घरों में मौतें होने लगेंगी। जस्टिस सांघी ने कहा कि हम ऐसी स्थिति नहीं चाहते हैं। आप पक्षधारकों, सप्लायरों के साथ आज ही मीटिंग करें। सारी सूचनाएं जमा करें जो आपको चाहिए। ट्रांसपेरेंट सिस्टम चाहिए। जरूरत में उतार-चढ़ाव पर लगातार नजर बनाकर रखनी होगी। आपको अपने संसाधनों का सर्वोत्तम इस्तेमाल करना है। समय को बर्बाद न किया जाए।

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दूसरी ओर केंद्र सरकार का पक्ष रख रहे वकील राहुल मेहरा ने कोर्ट को बताया कि दिल्ली सरकार ने 18 क्रायोजेनिक टैंकर के लिए प्रस्ताव केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को दिया है जिन्हें तीन फेज में बैंकॉक वगैरह से मंगाने की व्यवस्था हो रही है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केंद्र के जवाब को पढ़ते हुए दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि दिल्ली सरकार को पर्याप्त ऑक्सिजन आवंटित की गई है, पर दूसरे राज्यों की तरह उसे प्लांट से यहां मंगवाने के लिए टैंकर की व्यवस्था स्वयं करने में नाकाम रही। लेकिन अब मुझे पता चला है कि सरकार ने एक वॉर रूम तैयार किया है।

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जयपुर गोल्डन अस्पताल और आईनोक्स ने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाया है कि उसने ऑक्सीजन की सप्लाई चेन में बाधा डाल दी है। जो पहले सीधे अस्पताल को ऑक्सिजन की सप्लाई करता था उसने अब फोन उठाना बंद कर दिया है। दिल्ली सरकार भी नहीं उठाती है। हम कहां जाएं? जयपुर गोल्डन अस्पताल ने हाई कोर्ट में कहा कि दिल्ली सरकार की ब्यूरोक्रेसी मशीनरी हालातों को कंट्रोल करने में पूरी तरह से नाकाम साबित हो रही है।

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आईनोक्स ने दिल्ली हाई कोर्ट में कहा कि हम दिल्ली में 45 अस्पतालों को ऑक्सिजन सप्लाई करते आ रहे हैं, लेकिन अब दिल्ली सरकार हमसे कह रही है कि आपको सिर्फ 17 अस्पतालों को ही ऑक्सीजन सप्लाई करना होगा। मेरे बाकी अस्पतालों को ऑक्सीजन कौन देगा? महाराजा अग्रसेन अस्पताल की ओर से कहा गया कि अगर हमें कहा जाए कि हम तमाम अथॉरिटीज से संपर्क करने की बजाए इस नोडल ऑफिसर को बताएं कि अभी हमारे पास कितनी ऑक्सिजन है और हमें इतने की जरूरत है और वह कितने बजे तक मिल जाएगा तो हम किसी को परेशान नहीं करेंगे। मरीजों का बेहतर तरीके से ख्याल रख सकेंगे।
शांति मुकुंद हॉस्पिटल की ओर से अदालत से कहा गया है कि अभी तक हमें इस मुद्दे पर कोई क्लेयरिटी नहीं है। हमारा बफर स्टॉक रात को 10 बजे खत्म हो जाएगा। हम दूसरे मरीजों को एडमिट नहीं कर पा रहे हैं ,क्योंकि हमें यही नहीं पता कि मौजूदा 92 मरीजों को ही रख पाएंगे या नहीं। सॉलिसीटर जनरल ने कोर्ट में कहा कि मौजूदा समय में जहां संक्रमण डायनैमिक है, वहां रीडिस्ट्रिब्यूशन करना पड़ रहा है जिससे उस राज्य का ध्यान रखा जा सके जहां अचानक से मामले सामने आ जाते है।
वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में प्रधान सचिव पीयूष गोयल ने कहा कि मैं आपको असली समस्या बताना चाहता हूं। दिल्ली सरकार के तीन आईएएस ऑफिसर के साथ में रातभर संपर्क में रहा। वे वाकई कड़ी मेहनत कर रहे हैं। एक भी अस्पताल से डिस्ट्रेस कॉल नहीं मिली। जिन 28 अस्पतालों के साथ समस्या आ रही है जिनमें जयपुर गोल्डन भी है, हो सकता है कि ये अस्पताल टाइड अप नहीं है इसीलिए समस्या आ रही है। केरल और तमिलनाडु सरकार ने बेहतरीन काम किया है। सब जानते हैं कि मानव जिंदगी दाव पर लगी है, तो जरूरी है कि किसी भी चीज को इस वक्त ड्रामेटाइज न किया जाए।